इस बात की आधिकारिक पुष्टि कर दी गई है कि रैसलमेनिया 35 में फिन बैलर का डीमन अवतार वापस आ रहा है। आपको याद दिला दें कि समरस्लैम 2018 के बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है। डीमन किंग कभी हारा नहीं है तो क्या ये मान लिया कि बैलर अब अंटरकॉन्टिनेंटल चैंपियन बनने वाले हैं।
काफी संख्या में फैन्स उम्मीद लगा रहे थे कि क्या रैसलमेनिया में फिन बैलर अपने डीमन अवतार में वापस लौटने वाले हैं या नहीं। आख़िरकार फैन्स को इस सवाल का जवाब मिल गया है और फिन बैलर उर्फ़ 'द डीमन किंग' अपनी एंट्री से सभी को चौंकाने वाले हैं।
बता दें कि रैसलमेनिया 35 में फिन बैलर, बॉबी लैश्ले के सामने इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप में चुनौती पेश करने वाले हैं। इस आर्टिकल में हम ऐसे पाँच कारणों पर चर्चा करने वाले हैं जो दर्शाते हैं कि क्यों फिन बैलर के डीमन अवतार कि वापसी हो रही है।
5) इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप मैच होगा स्क्वाश मैच
पिछले 12 सालों में यह बॉबी लैश्ले की पहली रैसलमेनिया है। जी हाँ! आपने सही सुना है, पिछले 12 सालों से बॉबी लैश्ले ने कोई रैसलमेनिया मैच नहीं लड़ा है।
इतने सालों बाद वापसी होना किसी यादगार लम्हें से कम नहीं है। लेकिन आपको यह भी बता दें कि रैसलमेनिया 35 भी उनके लिए कुछ अच्छी चीजें साथ लेकर नहीं आई है। पहले ही मैच कार्ड में काफी संख्या में मैच अपना स्थान पक्का कर चुके हैं। हर कोई मैच लम्बा होगा, इस बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है। इसीलिए किसी न किसी को तो त्याग करना ही होगा।
यह कहना गलत नहीं होगा कि 'द डीमन किंग' के सामने बॉबी लैश्ले को कुछ ही मिनटों में हार झेलनी पड़ सकती है। जिससे फिन बैलर के डीमन अवतार को बड़ा पुश दिया जा सके और साथ में इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप भी।
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4) 'द डीमन किंग' को रैसलमेनिया में लाने को लेकर WWE ने की है देरी
2016 से लेकर 2018 तक हर समरस्लैम में फिन बैलर ने डीमन रोल में मैच लड़ा है। जहाँ उन्होंने ब्रे वायट, सैथ रॉलिंस और बैरन कॉर्बिन का सामना किया। ये तीनों ही मैच उनके लिए जीत साथ लेकर आए।
WWE फैन्स में रोष की भावना उत्पन्न होने लगी थी कि आख़िर क्यों अभी तक 'द डीमन किंग' को रैसलमेनिया में जगह नहीं मिली है। आख़िरकार उनके करियर की तीसरे रैसलमेनिया में ऐसा होने जा रहा है और सभी उनकी जीत से हैरान रह जाएंगे।
यह मानने वाली बात है कि WWE ने इस डीमन को रैसलमेनिया में लाने में बहुत देरी की है। लेकिन जो भी होता है अच्छे के लिए होता है। बिना डीमन रोल के फिन बैलर का करियर थम सा गया था, अब उम्मीदें हैं कि उनका थमा हुआ करियर रफ़्तार पकड़ सकता है।
3) इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप मैच को नहीं दिया गया था अधिक महत्व
सच तो यह है कि फिन बैलर और बॉबी लैश्ले के मैच को रैसलमेनिया 35 के मैच कार्ड में सबसे कम तवज्जो दी गयी है। दोनों पहले भी कई बार एक दूसरे के खिलाफ रिंग में उतर चुके हैं, इसलिए इस मैच में कुछ नई चीज शामिल नहीं थी।
जैसा कि पिछले कई वर्षों से होता आया है कि इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप मैच एक मल्टी-मैन मैच होता आया है, परन्तु इस बार ऐसा नहीं है।
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि इस मैच के लिए कोई दिलचस्प स्टोरीलाइन नहीं रची गयी थी। इसीलिए फिन बैलर का डीमन अवतार इस मैच में जान फूँक सकता है। अब फैन्स के पास इस मैच को दूसरे नजरिए से देखने कि वजह मौजूद होगी और उन्हें मजा भी आएगा।
2) लियो रश पर विजय प्राप्त करने के लिए
यह सच है कि लियो रश के कारण ही बॉबी लैश्ले को इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप गंवानी पड़ी थी। लेकिन लैश्ले को वापस चैंपियन बनाने की सबसे बड़ी वजह लियो रश ही हैं। लियो रश जानते हैं कि किस स्थिति से कैसे बाहर निकलना होता है और विपक्षी सुपरस्टार को कैसे नीचा दिखाना है।
संभावनाएं अत्यधिक हैं कि इस रैसलमेनिया मैच में भी लियो रश कुछ तिकड़म लड़ाने कि फिराक में होंगे। जिससे बॉबी लैश्ले को इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप डिफेंड करने में आसानी हो।
1) यह एक नए दौर की शुरुआत है
जैसे कि डीमन किंग, समरस्लैम का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। अब समय आ गया है कि उन्हें रैसलमेनिया का भी एक अभिन्न हिस्सा बनाया जाए।
फिन बैलर एक साल में एक या दो बार ही डीमन अवतार में नजर आते हैं और जब भी वो इस रोल में नजर आते हैंं। उन्हें क्राउड द्वारा मिलने वाली प्रतिक्रियाओं में तगड़ा उछाल देखने को मिलता है। फिन बैलर के करियर को नई शुरुआत देने के लिए इससे बेहतर कदम कोई नहीं होगा और इससे भी बेहतर यह होगा कि वो डीमन रोल में रहते हुए हील टर्न ले ले।