5 कारण क्यों जॉन सीना से नफरत नहीं की जा सकती

जॉन सीना काफी दिग्गज सुपरस्टार में से एक गिने जाते हैं। सीना के कई सारे ऐसे फैंस हैं, जो उन्हें काफी पसंद करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं जो उनकी आलोचना भी करते हैं। लेकिन इस बार हमारी उनके लिए राय कुछ अलग है। इस आर्टिकल में हम आपको उनके बारे कुछ खास चीजें बताएंगे, जिससे आपकी भी अनुभूति उनके प्रति बदल जाएगी।

आइडल एंबेसडर

दरअसल WWE कंपनी अगर अपने पुराने फैंस के साथ-साथ नए फैंस को लाना चाहती है, तो उसे अपनी कंपनी में एक ग्लोबल एंबेसडर की जरूरत होगी। इस पद पर जॉन सीना के अलावा और कई फिट नहीं बैठता। वहीं पिछले कुछ सालों की बात की जाए, तो विंस भी जॉन सीना की रिंग के अंदर और बाहर सर्विसेज़ पर निर्भर हो गए थे, क्योंकि उन्हें जॉन पर पूरा भरोसा था। इसके अलावा, WWE के किसी मुख्य टॉक शो में अगर किसी की भी उपस्थिती दिखती थी, तो वो हमेशा से जॉन सीना की। क्योंकि सीना के अंदर वो काबिलियत है, जोकि लोगों को वाकई में पंसद आती है। वहीं वो लोगों के साथ ऐसे व्यावहार से पेश आते हैं, जो लोगों के अंदर शो के लिए इंटरेस्ट पैदा कर देता है। यहीं कारण है कि उन्हें फैंस इतना पसंद करते हैं।

नेवर गिव अप (रोल मॉडल)

दरअसल अभी के पीजी फॉर्मेट से कई सारे रैसलिंग फैंस से काफी सारी शिकायतें सुनने को मिली हैं। फैंस के मुताबिक एटिट्यूड एरा में चीजें काफी अच्छी हुआ करती थी, उनका कहना है वापस से वो चीजें आ जानी चाहिए। हालांकि हम भी इस बात से सहमति रखते हैं, क्योंकि वाकई में चीजों में काफी बदलाव हुआ है। एटिट्यड एरा में जो मोमेंट हमें देखने को मिलते थे, वो वाकई में काफी शानदार हुआ करते थे। इसके अलावा, कुछ लोगों को लगता है कि पीजी फॉर्मेट ज्यादा समय तक नहीं चलेगा, क्योंकि ये चीजें सुधारने की बजाय खराब कर रहा है। लेकिन हम आपको बताना चाहते हैं कि जैसे आप सोच रहे हैं वैसा बिल्कुल भी नहीं है। क्योंकि हम आपको एक ऐसा मुख्य कारण बताएंगे, जिससे आपके पता चलेगा कि क्यों सीना की वजह हालात ठीक हैं। दरअसल जॉन सीना ने दो दशक पहले रिंग में कदम रख काफी बेहतरीन लेवल पर परफॉर्म किया था, जिससे यंग फैंस काफी प्रभावित और प्ररेरित हुए थे।

कंसिस्टेंसी और पैशन

स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट आज के दौर में काफी मुश्किल हो गया है। अगर देखा जाए, तो इस ग्रह पर WWE के सुपरस्टार्स सबसे ज्यादा हार्डवर्किंग हैं, क्योंकि ऐसी कोई भी इंडस्ट्री नहीं है, जहां प्रोफेशनल रैसलिंग की तरह मार खाई जाती हो। मैन और विमेन सिर्फ एंटरटेनमेंट की वजह से ही, साल में 250 दिन काम करते हैं। इस मामले में जॉन सीना सबसे आगे हैं, क्योंकि वो काफी हार्डवर्किंग हैं। 40 साल के सीना ने उतना कर दिखाया, जितना की शायद कोई अपनी 50 की उम्र से ज्यादा नहीं कर पाता। मिस्टर मैकमैहन के जॉन सीना को चुनने के बाद लोग काफी आशंका में पड़ गए थे, कि क्यों उन्हें WWE की क्रिएटिव टीम और मैकमैहन द्वारा चुना गया। दरअसल हर टीम के पास एक लीडर और कैप्टन जरूर होना चाहिए।

चैंपियन ऑफ चैंपियंस

हमारे मुताबिक एक प्रोफेशनल रैसलर को शायद इस तरह नहीं तोला जा सकता, कि उसने अपने करियर में कितने टाइटल हासिल किए हैं। दरअसल इसका फैसला केवल क्रिएटिव टीम ही करेगी कि किसको टॉप प्राइज मिलना चाहिए। जॉन सीना जब भी टाइटल हासिल करते हैं, वो उस टाइटल को आगे संभाले रखने के लिए काफी महनत करते हैं। चाहे वो यूनाइटेड स्टेट्स चैंपियनशिप हो या फिर WWE चैंपियनशिप। सीना ने अपने करियर में कुल मिलाकर 25 चैंपियनशिप हासिल ही हैं, जिसमें से 16 WWE चैंपियनशिप है। वहीं आने वाले हफ्ते में WWE की स्टोरीलाइन के मुताबिक लगता है कि वो अपनी 17वीं चैंपियनशिप भी हासिल कर सकते हैं।

मेक-ए-विश फाउंडेशन

मेक-ए-विश फाउंडेशन को 37 साल पहले स्थापित किया गया था, ताकि जो बच्चे बीमार होते हैं उनकी मदद कर विश पूरी की जा सके। वहीं इसमें केवल 3 से 17 साल की उम्र वाले बच्चे ही जुड़ सकते हैं, जिसमें बच्चे के चिकित्सक उनकी बीमारी को देख फैसला लेते हैं कि वो पात्र हैं या नहीं। दरअसल हर आधे धंटे बाद मेक-ए-विश फाउंडेशन बच्चों को उस स्थिती में एक विश पूरी करता है, जिसमें हर बच्चा अपनी विश पूरी करवाता है। कुछ बच्चों की दिली इच्छा होती है थीम पार्क जाने की, तो किसी की हार्स राइडिंग की, वहीं कुछ की अपने रियल हीरो से मुलाकात करने की भी तमन्ना होती है। इन्ही सब काम में दिलचस्पी के साथ जुड़े रहते हैं जॉन सीना। इसके अलावा, 37 साल पहले स्थापित हुए फाउंडेशन के बाद सीना से ज्यादा किसी की भी इतनी डिमांड नहीं थी। फाउंडेशन में अब तक कई लाख बच्चे हो गए हैं, जिनकी सीना के मिलने की काफी इच्छा रहती है। सीना जब भी फाउंडेशन के किसी बच्चे के साथ होते हैं, तो वो उसे बाहर की दुनिया में ले जाते हैं, ताकि उसे महसूस हो। जॉन दिल से काफी अच्छे हैं, उन्हें पता है कि कैसे किसी बच्चे को खुश रखा जा सकता है। लेखक- जे. कार्पेंटर, अनुवादक- मोहिनी भदौरिया