पिछले कुछ हफ्तों से WWE और FOX के बीच होने वाले 1 बिलियन डॉलर की डील की खबरें आ रही है जिसके बाद स्मैकडाउन शुक्रवार रात को FOX पर प्रसारित किया जाएगा। अफवाह यह भी है कि स्मैकडाउन अब मंडे नाइट रॉ की तरह 3 घंटे का शो बनने जा रहा है।
स्मैकडाउन के 3 घंटे तक चलने से WWE को निश्चित रूप से आर्थिक फायदा होगा क्योंकि उन्हें इस टीवी डील से पहले की तुलना में बहुत ज्यादा पैसा मिलना वाला है। लेकिन WWE के नंबर-दो शो पर एक घंटा और जोड़ने से बहुत सारी मुश्किलें भी पैदा होंगी।
यह पांच कारण साबित करते हैं कि स्मैकडाउन को 3 घंटे का बनाना एक बुरा आइडिया है:
#1 दर्शकों को बांधे रखना
लगातार तीन घंटों तक दर्शकों को बांधे रखना एक चुनौती भरा काम है। आजकल फिल्में भी 3 घंटे की नहीं होती।
इस फैसले से कुछ कट्टर रैसलिंग फैन्स निश्चित रूप से खुश होंगे लेकिन WWE अपने शो की लंबाई के कारण अपने फैन वर्ग के एक बड़े हिस्से को गंवा बैठेगी।
#2 NXT ने साबित किया - "कम है बेहतर"
NXT का साप्ताहिक शो एक घंटा का होता हैं और अगर इसपर उनके टेकआॅवर को भी जोड़ दिया जाए तो भी इनका रनटाइम WWE के मेन शो की तुलना में बहुत कम है। लेकिन फिर भी NXT में रोचक कहानियां दिखाई जा रही है और हमें हर हफ्ते इस शो पर बेहतरीन इन-रिंग एक्शन देखने को मिलता है।
लंबे शो में हमें बहुत सारे बिन मतलब के मैच देखने को मिलते हैं जो उस शो के स्तर को नीचा करते हैं।
#3 रोस्टर में गहराई की कमी
समैकडाउन पर कई टॉप स्टार्स मौजूद हैं, खासकर अप्रैल में हुए सुपरस्टार शेकअप के बाद। एजे स्टाइल्स, समोआ जो, शिंस्के नाकामुरा, शार्लेट फ्लेयर, असुका , डेनियल ब्रायन, रैंडी आॅर्टन जैसे सुपरस्टार्स की मौजूदगी इस शो को टीवी का सबसे बेहतरीन रैसलिंग शो बना सकती है।
लेकिन इन टॉप सुपरस्टार्स के अलावा स्मैकडाउन के पास तीन घंटों तक चल पाने की गहराई नहीं है। इस फैसले से हमें रैसलमेनिया जैसे बड़े शो पर भी वहीं घिसे-पिटे मैच देखने को मिलेंगे जो हम पहले भी देख चुके हैं।
#4 तीन घंटे का शो होने से रॉ को हो रहा है नुकसान
WWE का फ्लेगशिप शो होने के बावजूद मंडे नाइट रॉ को 2012 में दो से तीन घंटे तक जाने पर काफी नुकसान पहुंचा है। सोमवार को होने के बावजूद, रॉ के तीन घंटों में हमें हद से ज्यादा विज्ञापन, प्रोमो, इंटरव्यू और बिन मतलब के मैच देखने को मिलते हैं।
स्मैकडाउन को ज्यादा नुकसान होगा क्योंकि यह WWE का नंबर-1 शो नहीं है और अगर इसे शुक्रवार को प्रसारित किया जाता है, तो दर्शकों की संख्या में भी भारी कमी देखने को मिल सकती हैं।
#5 घिसे-पिटे फॉर्मूला से काम करता है स्मैकडाउन
अपने मौजूदा फॉर्मेट में स्मैकडाउन को तीन घंटे का शो बनाना एक बुरा आइडिया हैं। पिछले कुछ समय में यह शो काफी स्क्रिप्ट संचालित और फॉर्मूलाबध्द बना गया है।
कभी-कभार दो घंटा भी लंबा लगने लगता है जब शो एक घिसे-पिटे और आज़माये हुए फॉर्मूले पर चल रही हो। इसलिए मौजूदा फॉर्मेट में स्मैकडाउन को टीवी टाइम में बढ़ोतरी से नुकसान पहुंचेगा क्योंकि वह बहुत सारे दर्शकों को गंवा बैठेगी।
लेखक - डैन बैच , अनुवादक - संजय दत्ता