जब से WWE ने ये अनाउंस किया कि वो एक हाउस ऑफ हॉरर मैच करने वाले हैं तब से लोग ये सोच रहे थे कि आखिरकार ये है क्या? क्या इसमें कोई डरावना सा घर होगा, या फिर ब्रे कोई डरावना सा मास्क पहनेंगे, या कुछ और होगा? हर कोई अपने हिसाब से इस मैच की परिकल्पना कर रहा था, लेकिन वो जैसे कहते है ना,'खोदा पहाड़, निकली चुहिया', ये हाउस ऑफ हॉरर मैच भी बिल्कुल वैसा ही था। अब वो मैच हो चुका है और सारे पत्ते खुल चुके हैं, तो हम आपको बताते हैं वो 5 कारण, जिनसे ये साबित हो जाएगा कि ये मैच डरावना नही था।
ये डरावना नही था
अब WWE एक PG कंपनी है, और वो ज़्यादा आक्रामकता नही दिखा सकती थी, इसलिए उन्होंने एक डॉल्स, स्टिकस और ना जाने ऐसे ही कई और तरीकों से भरा हुआ एक घर दिखाया। उसपर सबसे बड़ी बात ये कि ब्रे हर बार गायब हो जाते हैं, सिर्फ अपने अगले अटैक के लिए, लेकिन उससे कुछ खास मज़ा नही आया। हद तो तब हुई जब आखिर में ब्रे ने घर का रंग बदल दिया। ये तो कोई भी कर सकता है, तो इसमें डरावना क्या था?
इसके लॉजिक में कमियाँ थी
प्रो-रैसलिंग में अगर ज़्यादा लॉजिक की बात सोचूँगा तो कुछ नही कर पाउँगा, इसलिए उसकी उम्मीद तो छोड़ ही दूँ, लेकिन जो भी करो, कुछ तो सोच समझ कर करो। मतलब एक शर्टलेस बंदा एक लिमो में क्यों जाएगा, और ड्राइवर भी क्यों उसको ले जाएगा। उसके बाद वो डॉल्स से भरा घर देखकर ही मैं वापस आ जाऊँगा, पर रैंडी अंदर तक गए, लेकिन कोई कमाल ना कर सके। आखिरकार वहाँ पर कैमरामैन थे ही क्यों? एक ऑन ग्राउंड फुटेज होती तो भी अच्छा था, लेकिन ये तो नाकाबिल था। उसपर सोने पे सुहागा ये कि किसी चीज में कोई भी लॉजिक नही।
दोनो पार्ट्स के बीच लंबा गैप
मैच एक और भाग दो? बहुत नाइंसाफी है ये। सही मायनों में ये सोच हर उस फैन की रही होगी जिसने ये मैच देखा। मतलब पहले वो इस मैच का एक भाग स्क्रीन पर देख रहा है, और फिर एक नया मैच वापिस से रिंग में सैथ रॉलिन्स वर्सेज समोआ जो का, और इसके खत्म होते ही वापस से इस मैच का दूसरा भाग। ये इतना लंबा अंतराल था, जिसने फैंस को इस मैच से विमुख कर दिया और फिर धीरे धीरे लोगों का इसमें इंट्रस्ट ही खत्म हो गया। मतलब सिर्फ प्रॉपर प्रोग्रामिंग की कमी ने इस अद्भत मैच को औंधे मुँह गिरा दिया।
दूसरे भाग में हॉरर कहाँ था?
अब चलिए वो एरीना में भी आ गए, तो भी उन्होंने क्या किया? वो इतनी जल्दी यहाँ पहुँचे कैसे? उसपर कमाल ये कि ना तो रैंडी और ना ही ब्रे ने कुछ ऐसा किया जिससे ये लगे कि ये एक हॉरर मैच है। मतलब एक डिसक्वालीफिकेशन और वो भी चेयर्स की वजह से? क्या ये है हाउस ऑफ हॉरर का खौफ? या ये है एक गलत तरीके से एक्सीक्यूट किए गए मैच का अंत।
ब्रे को ये जीतने के लिए भी मदद लेनी पड़ी
एक मैच जिसकी पराकाष्ठा ही अलग थी, आखिरकार एक ऐसे रूप में बदल गया जिसको देखकर हॉरर वाली फीलिंग तो नही आई, और उसको भी जीतने के लिए ब्रे को बाहरी इंटरफेरेंस की ज़रूरत पड़ी। अगर सिंह ब्रदर्स और जिंदर महल द्वारा वो बेल्ट वाला मूमेंट और इंटरफेयर नही किया जाता तो ब्रे खुद अपने बनाए हाउस ऑफ हॉरर मैच को हार ही जाते। अब जब ये खत्म हो गया है तो हम उम्मीद करते हैं कि अब दोबारा हमें ये मैच कभी देखने को ना मिले। लेखक: ब्रैंडन लैशर, अनुवादक: अमित शुक्ला