90 के दशक में जब द अंडरटेकर ने WWF में डेब्यू किया तब उनका किरदार एक ज़ोंबी का था। जिसका मतलब वो रिंग में धीमे थे, उनकी मूव्स का सभी को पता था। फिर जैसे जैसे उनके किरदार में बढ़ोतरी हुई और वो इंसान बने, वैसे वैसे उन्होंने अपने आप में सुधार किये। उनमें तेज़ी आई, वो क्लासिक मैच करने लगे। ब्रेट हार्ट और शॉन माइकल्स जैसे तकनीकी रैसलर बन गए। 90 वे दशक के अंत तक टेकर को काफी चोटें लगने लगी तब उन्होंने अपना स्टाइल बदला और केवल पावरफूल शॉट्स पर अपना ध्यान केंद्रित किया। फिर 2000 में MMA की बढ़त हुई और टेकर की रैसलिंग स्किल में उसकी झलक देखने मिलने लगी। उनके स्किल में असलियत झलकती थी। इन सभी चीजों से एक बात साफ़ होती है, की द अंडरटेकर हमेशा लड़ने के लिये तैयार रहे हैं। समय के साथ साथ उन्होंने अपने स्किल और मूव्स में बदलाव किया। इस चीज़ की MMA रिंग में सख्त जरूरत होती है।