प्रोफेशनल रैसलिंग के सभी मूव्स को कई लोग नकली बताते हैं लेकिन स्क्रिप्टेड रहने के कारण इसके सही एक्सेक्यूशन में काफी रिस्क होता है और हर चीज़ को गंभीरता से लेना होता है। रिंग के अंदर जो कुछ भी रैसलर्स करते हैं वह खतरनाक होता है और इसमें इंजरी होने का हमेशा खतरा होता है। ये खतरे और भी बढ़ जातें हैं जब हार्डकोर मैच होता है। लेकिन कुछ तरीके होते हैं जिससे सब कुछ सुरक्षित अंदाज़ में किया जाता है। आज हम नज़र डालेंगे उन 5 सीक्रेट पर जो आप प्रो रैसलिंग में हार्डकोर स्पॉट के बारे में नहीं जानते थे...
टेबल
डड्ली बॉयज़ अपने मैचों में टेबल का इस्तेमाल किया करते थे लेकिन जहां ये देखने में शानदार लगता है, इसमें उतना रिस्क नहीं होता। रैसलिंग मैच के लिए डाइनिंग टेबल का इस्तेमाल नहीं किया जाता, ये काफी कमज़ोर टेबल होता है। यह पतले प्लाईवुड से बना होता है और इसे ऐसा डिज़ाइन किया जाता है कि यह आसानी से टूट जाए। जब किसी को टेबल पर स्लैम दिया जाता है, इसके टूटने के लिए ज्यादा ताकत की जरूरत नहीं पड़ती।
लैडर और चेयर
रैसलिंग के इतिहास में चेयर का काफी इस्तेमाल होता है और अब प्रमोशन ने इसे सिर पर वार करने से बैन कर दिया है। सुपरस्टार अब इसे शरीर पर इस्तेमाल करते हैं। ज़्यादातर रैसलर्स इम्पैक्ट कम करने के लिए अपने हाथ सामने लाते हैं या थोड़ा पीछे हट जाते हैं। इसी तरह लैडर को जब चेहरे पर वार किया जाता है तो रैसलर्स अपने हाथ सामने ला लेते हैं। लैडर और चेयर को लाइट मेटल से बनाया जाता है और यह अंदर से खोखले होते हैं, इसलिए यह जल्दी बेंड हो जाते हैं।
केंडो स्टिक
अगर आप ECW के फैन हैं तो केंडो स्टिक का इस्तेमाल खूब देखा होगा। केंडो स्टिक से वार करने पर तेज़ आवाज़ आती है जिससे लगता है कि काफी चोट आई है। लेकिन यह अंदर से खोखले होते हैं जिससे दर्द नहीं होता। यह सॉलिड नहीं होते और इसमें इस्तेमाल की गई लकड़ी बेहद पतली होती है, इसलिए एक-दो हिट के बाद यह टूट जाती है।
रिंग साइड के पास बैर्रीकेड
पहले मेटल रिंग का बैर्रीकेड में इस्तेमाल किया जाता था और उस समय कोई भी रैसलर इसमें स्लैम नहीं देता था। अब ब्लैक बैर्रीकेड का इस्तेमाल किया जाता है जो ज्यादा मजबूत नहीं होते। इसके अंदर होने वाले मेटल काफी पतला होता है। इससे जब भी सुपरस्टर गिरता है तो उसे ज्यादा चोट नहीं आती और इसके आसपास फोम की पैडिंग भी होती है।
बेसबॉल बैट और स्लेजहैमर
स्टिंग बेसबॉल बैट का इस्तेमाल करते थे। चेयर शॉट की ही तरह बैट को जब पेट या चेहरे पर मारना होता है तो इसे हाथ से कवर कर लिया जाता है। बैट से स्टिंग कभी-कभी पीठ पर वार किया करते थे और ऐसा करते वक्त अगला रैसलर अपनी पीठ को अंदर की ओर खींच लेता था जिससे इम्पैक्ट काफी कम हो जाता था। लेकिन स्लेजहैमर से यह पॉसिबल नहीं था, इसलिए ट्रिपल एच कभी भी इसे पीठ पर नहीं मारते थे। वह हमेशा उसके हैमर को कवर कर चेहरे या पेट पर वार किया करते थे। लेखक: डैन्नी कॉक्स, अनुवादक: मनु मिश्रा