#2 इन्हें 1996 में रेसलिंग आब्जर्वर न्यूज़लेटर हॉल ऑफ फेम का हिस्सा बनाया गया और इनके अलावा अब तक कोई भी भारतीय इसका हिस्सा नहीं बना है
WWE ने तो इन्हें मरणोपरांत हॉल ऑफ फेम में जगह दी लेकिन रेसलिंग आब्जर्वर न्यूज़लेटर हॉल ऑफ फेम का हिस्सा ये 1996 में ही बन गए थे। रेसलिंग में अपने काम से देश का नाम रौशन करने वाले दारा सिंह जी को हर कोई सम्मान से देखता है जिसमें विदेशी रेसलर्स भी शामिल हैं।
इनका एक रिकॉर्ड ऐसा है जिसे तोड़ पाना किसी भी रेसलर, पहलवान या किसी भी अन्य रेसलर के लिए संभव ही नहीं है। द अंडरटेकर भी चाहकर इस रिकॉर्ड की बराबरी नहीं कर सकते हैं जिस तरह से हाल फिलहाल में कोई भी उनकी WrestleMania स्ट्रीक का मुकाबला नहीं कर सकता है।
#1 ये अपने करियर में कोई लड़ाई नहीं हारे हैं
आप दुनियाभर में नजर दौड़ा लीजिए और ऐसा कोई भी रेसलर, या पहलवान बताएं जो अपना एक भी मैच नहीं हारा हो। बॉबी लैश्ले जो इस समय WWE चैंपियन हैं वो भी इस बात का दावा नहीं कर सकते हैं और ना ही द अंडरटेकर इस तरह का कोई भी दावा अपने जीवन में कभी कर सकेंगे।
दारा सिंह जी ने अपने करियर में 500 मैच लड़े और हर मैच को ये जीतते गए। ऐसा कोई भी पहलवान ही नहीं था जिसको इन्होंने चित ना किया हो। ये अलग बात है कि बाकियों ने इन्हें हराने की कोशिश जरूर की लेकिन वो खुद ही हार बैठे। ऐसे ही इन्हें रुस्तम-ए-हिंद नहीं पुकारा जाता है।