'जिंदर महल एक्सपेरिमेंट' की असफलता से सीखने लायक 5 चीजें

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जिंदर महल को WWE चैंपियन बनाने के पीछे विंस मैकमैहन का एकमात्र मकसद था कि वो भारतीय मार्केट को अपनी ओर खींच सके। इसकी वजह से एक जॉबर WWE का 50वां चैंपियन बना। 170 दिनों तक चैंपियन रहते हुए जिंदर महल ने रैंडी ऑर्टन और शिंस्के नाकामुरा के खिलाफ अपना ख़िताब बचाया। हालांकि इसमें सिंह ब्रदर्स और द ग्रेट खली ने उनकी मदद की।

लेकिन WWE यूनिवर्स में हर कोई इस एक्सपेरिमेंट से खुश नहीं था और विंस मैकमैहन को इससे पीछे हटना पड़ा। जिंदर महल, एजे स्टाइल्स के खिलाफ अपना ख़िताब हारें तो वहीं भारतीय दौरे पर उन्हें ट्रिपल एच के हाथों भी हार मिली।

ये रही जिंदर महल को चैंपियन बनाने के असफल एक्सपेरिमेंट से सीखने लायक 5 चीजें।

#5 विदेशी हील ही चाल हर बार असरदार नहीं होगी

WWE अक्सर पिछले कामयाब तरीकों का इस्तेमाल करने में लगी रहती है। लेकिन उन्हें एक बात समझ जाना चाहिए कि आज के समय मे विदेशी हील की चाल असरदार नहीं है। कोल्ड वॉर के समय मे इस तरह से चाल काफी असरदार थी लेकिन अब इसकी कोई अहमियत नहीं है।

साल 2017 में सीना और रूसेव के बीच हुआ फ्लैग मैच काफी बोरिंग था तो उसी समय WWE ने एक एंटी-अमेरिकन स्टार को चैंपियन बना दिया। ये स्टार रिंग में आकर अपने लोगों से अपनी भाषा मे बात किया करता था। इस वजह से ना तो जिंदर महल लोकप्रिय हो पाए और ना ही दर्शकों को ग़ुस्सा दिला पाएं।

#4 मेन इवेंट स्टार बनने के पहले सभी को अपने पिछले काम पूरे कर लेने चाहिए

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ऐसा लगता है WWE अपने पिछले गलतियों से कुछ नहीं सीखी है। ऐसे कई स्टार्स हैं जिन्हें WWE ने अपना पोस्टर बॉय बनाने की कोशिश की लेकिन दर्शकों ने उन्हें नहीं अपनाया।

WWE ने इस गलती को वापस जिंदर महल के साथ दोहराया। WWE चैंपियन बनने के पहले तक वो मंडे नाइट रॉ पर अपने सभी मैचेस हार रहे थे और स्मैकडाउन पर मोजो राउली के खिलाफ फीके पड़ रहे फिउड का हिस्सा थे। लेकिन फिर उन्हें अचानक मिले जोरदार पुश से दर्शक भड़क गए।

दर्शक उस किरदार को पसंद करते हैं जो पूरी तरह तैयार होता है। कुछ मैच जीतते हुए और बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कुछ मैच हारकर ही स्टार दर्शकों के दिलों में जगह बनाते हैं। सीएम पंक और डेनियल ब्रायन इसके सबसे अच्छे उदहारण है। वहीं जब द रॉक को ऐसा पुश दिया गया तो दर्शकों ने उन्हें बू किया।

#3 ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर न दिखाया जाए

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जिंदर महल के बढ़ते स्तर के पीछे भारत से उनका जुड़ाव था। लेकिन सचाई ये है कि जिंदर महल भारतीय नहीं बल्कि कनाडा के नागरिक हैं। भले ही उनका परिवार भारत से हो लेकिन वो खुद कभी भारत नहीं आए थे। WWE का भारतीय दौरा उनका पहला भारतीय दौरा था।

आज इंटरनेट की दुनिया मे नकली किरदार असरदार नहीं होते। लेकिन फिर भी WWE बातों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की कोशिश करती है जिन्हें दर्शक जानते हैं कि झूठ है। इसी तरह सैंटिनो मरैला और कोफी किंग्स्टन को इटली और घाना से बताया गया था।

भारत से उनका जुड़वा नहीं है और शायद इसलिए वो हिंदी की जगह पंजाबी में बात किया करते थे। दर्शक जानते थे इसमें कोई सचाई नहीं है और इसलिए उन्होंने इसे नहीं अपनाया।

#2 भारतीय दर्शकों को बेचना थोड़ा मुश्किल है

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WWE को ये थोड़ा मुश्किल से सीखने मिला। भारतीय दर्शकों को अपनी ओर खींचने के लिए उन्होंने एक भारतीय चैंपियन को चुना। लेकिन जहां तक आंकड़ों की बात है WWE ने भारत मे अच्छी कमाई नहीं कि। कंपनी को WWE सब्सक्रिप्शन में बढ़ोतरी की उम्मीद थी लेकिन वो हो नहीं पाया।

वहीं WWE का भारतीय दौरा दो दिन से घटकर एक दिन का हो गया। वहीं भारतीय दर्शकों के सामने जिंदर महल का मुकाबला ट्रिपल एच से हुआ जिसमें उनकी हार हुई। भारत में WWE की काफी लोकप्रियता है और उसे देखते हुए कंपनी के पास भी काफी योजनाएं हैं।

#1 हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती

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ये ऐसी चीज़ है जिसे WWE को काफी पहले समझ जाना चाहिए था। विंस और उनकी टीम हमेशा उस स्टार को पुश देती है जिसकी शारीरिक बनावट काफी अच्छी होती है। लेकिन फिर ऐसे स्टार की खोज में अच्छी रैसलिंग स्किल वाले स्टार की अनदेखी हो जाती है। जिंदर महल भी इसी श्रेणी में आते हैं। WWE में उनके दूसरे दौर में उनकी शारीरिक बनावट काफी सुधर चुकी थी। जिस वजह से वो विंस मैकमैहन के चहेते बने। लेकिन इससे उनकी रैसलिंग स्किल में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। लेखक: अतिन शर्मा, अनुवादक: सुर्यकांत त्रिपाठी