दुनिया भर के दर्शक एटिट्यूड एरा को याद करते हैं और उसे रैसलिंग का सबसे यादगार समय मानते हैं। हर सोमवार रात को जब WWE और WCW के बीच रेटिंग पॉइंट के लिए मंडे नाइट वॉर की जंग छिड़ी हुई थी तब एटीट्यूड एरा ने अपना कमाल दिखाया और अंत में WWE को जीत दिलाई।
इस दौर से कई यादगार लम्हे जुड़े हुए हैं। जैसे कुछ भी हो सकता है वाली भावना और हर दिन के लड़ाई तक, दर्शक इस दौर की कई ख़राब लम्हों को भुल चुके हैं और यहाँ पर उन्ही लम्हों के बारे में बात करेंगे।
आज दर्शक कई चीज़ों को लेकर नाराज़ हैं और उम्मीद करते हैं कि वापस वही कार क्रैश वाला दौर शुरू हो जाए जो एटीट्यूड एरा में हुआ करता था। लेकिन एटीट्यूड एरा हिंसा और सैक्सुअलिटी से भरा हुआ उस समय का शो था। उस समय दूसरे देशों में और खासकर अमेरिका में वैसा ही होता था और समय बदला।
एटीट्यूड एरा की सभी समस्याओं के बीच ये रही उसकी 5 सबसे ख़राब बातें:
5: हार्डकोर डिवीज़न
90 के दशक में ECW पर जीत के लिए WWE ने कई तरीके आजमाए। उसी का एक हिस्सा था हार्डकोर चैंपियनशिप। हार्डकोर चैंपियनशिप के पहले विजेता थे लेजेंडरी हार्डकोर रैसलर मिक फॉली जो उस समय मैनकाइंड की भूमिका में थे। इसकी शुरुआत ही मजाक के साथ हुई जब मैकमैहन ने इसे फॉली को गिफ्ट किया।
यहाँ पर गंभीर रैसलर्स की जगह हर हफ्ते मिडकार्ड रैसलर्स का मुकाबला हुआ करता था। हालांकि क्रैश हौली ने 24×7 के नियम से इसमें थोड़ी जान ज़रूर फूंकी (विजेता को कहीं भी अपना ख़िताब बचाना था, जहाँ भी कभी उनका विरोधी रेफरी लेकर पहुँच जाये तो) हालांकि इसे जल्द ही बदल दिया गया था। हार्डकोर चैंपियनशिप की लोकप्रियता कभी ज्यादा नहीं बढ़ी लेकिन अंत तक ये थोड़ी बहुत लोकप्रिय हुई। रैसलमेनिया 2000 में ये बेल्ट 10 बार बदली गयी। आखिरकार साल 2002 में ये बेल्ट रिटायर हुई जब रॉब वैन डैम ने इसे WWE इंटरकॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप के साथ जोड़ दिया।
4: सभी के लिए झगड़ा
सच कहूँ तो ब्रॉल फॉर आल इतना खराब सेगमेंट था कि उसके लिए एक अलग आर्टिकल होना चाहिए, लेकिन ठीक है।
जिन्हें मालूम नहीं है उन्हें बता दूं की ब्रॉल फॉर आल 1998 के गर्मियों में शुरू किया गया शूट बॉक्सिंग टूर्नामेंट था और विंस ने इसे MMA की लोकप्रियता से ताल मिलाने के लिए बनाया गया था।
ये टूर्नामेंट केवल डॉक्टर डेथ जिनके केवल बुरे आदमी के रूप ने करार किया गया था, उन्हें अपनी ओर करने का माध्यम था। इसमें अधिकतर लोअर मिडकार्ड रैसलर्स हिस्सा लेते थे। 1998 के रॉ में ये टूर्नामेंट 15 मिनट की सेगमेंट के साथ हुआ।
यहाँ की लड़ाई बेकार थी, क्यूंकि रैसलर्स को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग नहीं थी और इसलिए मुकाबला जल्दी खत्म होने लगा। इससे कईयों को चोट भी लगी। और बुरी बात ये है कि दर्शकों को लगा इसे भी लिखा गया हैं। बरॉल फॉर आल ने डॉक्टर डेथ का करियर खत्म कर दिया और इसके विजेता बार्ट गन का WWE ने ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया और उस साल के बटरबीन में हुए रैसलमेनिया में वें नॉकआउट हो गये।
3: महिलाओं को सैक्सुअल तरीके से पेश करना
भले है एटीट्यूड एरा ने हमे 2 महिला हॉल ऑफ़ फेमर, लिटा और ट्रिश स्ट्रेटस दिए, लेकिन महिलाओं के लिए काम करने का सबसे खराब समय एटीट्यूड एरा था। उस समय की ज्यादातर महिला मॉडल थी जिन्हें रैसलिंग की कम समझ थी और उन्हें केवल सुंदर दिखने के कारण ये काम दिया गया था। ट्रिश स्ट्रेटस को छोड़कर क्योंकि भले ही वें पूर्व मॉडल रहीं हों, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से मॉडलिंग सीखी और आज उन्हें अबतक की सबसे काबिल महिला रैसलर माना जाता हैं।
जी है इसकी वजह से कई ब्रा और पैंटीज़ मैच, मिट्टी में मैच, गाउन मैच और बिकनी में भी मुकाबले हुए। टॉप स्टार सेबल भी रैसलर से ज्यादा आई कैंडी थीं। ऊपर से जेरी लॉलर की कॉमेंट्री से हम पक जाया करते थे।
कमाल की बात ये है कि एटीट्यूड एरा के अँधेरे से निकल कर आज महिलाओं के लिए WWE कितनी दूर आ गयी है, वो भी तब जब इसका मालिक वही है जो एटीट्यूड एरा में था। आज की महिलाओं को रैसलिंग आती है जो पुरुषों से भी मुकाबला कर सकती हैं। शाशा, शार्लेट, बेली और बेकी के कारण #DivasRevolution #WomensRevolution में बदला।
2: छोटे लेकिन ख़राब मैच
अगर आप आज के औसत मैचों की तुलना एटिट्यूड एरा के औसत मैचों से करेंगे तो आपको रैसलिंग स्तर का फर्क दिखाई देगा। उस समय के रॉ मैचेस छोटे, ख़राब या फिर दोनों हुआ करते थे। ऊपर से इसमें रैसलर्स बिना मतलब के बीच में दखल दिया करते थे, जिनका मुकाबले से कोई लेना-देना नहीं था। इसमें कोई चौंकानेवाली बात नहीं है जब विंस रुस्सो, जो एटीट्यूड एरा के अधितकर मैच बुक किया करते, उन्होंने प्रोफेशनल रैसलिंग शो में कभी रैसलिंग को अहमियत नहीं दी।
ये बात भी हमे माननी होगी की ज्यादातर रैसलर्स काबिल नहीं थे, लेकिन कार क्रैश और करिज्मा के कारण आगे बढे।
1: महिलाओं के साथ बदसलूकी
एटिट्यूड एरा की सबसे खराब बात है, महिलाओं ये साथ शारीरिक बदसलूकी। हिंसा के साथ-साथ सेक्सुआलिज़्म से युवाओं के दिमाग पर गलत असर पड़ रहा था। इसकी शुरुआत हुई जब विंस मैकमैहन ECW में बेउलह मैकगिल्लिकट्टी को टॉमी ड्रीमर द्वारा पाइलड्राइव करते देखकर प्रेरित हुए।
उस समय महिला और पुरुषों के बीच मुकाबला होना आम बात थी। गॉडफादर विक्टोरिया को बबा रे डडली के खिलाफ भेजते जिनका अंत टेबल पर होता। इसमें मे यंग जैसी टॉप स्टार भी शामिल है। और हील स्टोन कोल्ड द्वारा लीटा की रिंग में हुई पिटाई को कौनभूल सकता है।
सच कहूं तो महिलाओं और पुरुषों के बीच के मुकाबले सही नहीं थे और युवाओं के लिए अच्छा नहीं था, क्योंकि ये बदसलूकी दिखाते थे। खासकर तब जब साल 2000 में स्टोन कोल्ड पर डेबरा ने बदसलूकी के आरोप लगाये थे।
लेखक: प्रत्यय घोष, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी