वह डेंटिस्ट बनते-बनते रह गए
अगर प्रोफेशनल रैसलिंग में जॉर्डन सफल नहीं होते तो शायद आज एक डेंटिस्ट होते। कॉलेज में उन्होंने डेंटल स्कूल से केमिस्ट्री, सोशल साइंस और मेडिसिन की पढ़ाई की है लेकिन प्रोफेशन रैसलिंग में आना उनका सपना था। वह बचपन से रैसलिंग के फैन रहे हैं और कॉलेज में मेधावी होने के बावजूद हमेशा से रैसलिंग में आना चाहते थे। अब वह दांत ठीक करने के बजाए दांत तोड़ रहे हैं।