फरवरी 25 (इंडिया में 26 फरवरी) को रॉ का पे-पर-व्यू एलिमिनेशन चैंबर होगा। मैच की शुरुआत और इस स्ट्रक्चर के बनने के बाद से ही इसके नियमों में काफी बदलाव किए गए हैं। आने वाले इस इवेंट में हमें दो चैंबर मैच देखने को मिलेंगे। पहले मैच का विजेता ब्रॉक लैसनर के खिलाफ रैसलमेनिया में यूनिवर्सल चैंपियनशिप के लिए मैच लड़ेगा। यह मैच पहला मैच होगा, जिसकी शुरुआत तीन रैसलर एक साथ करेंगे और यह पहला ऐसा चैंबर मैच होगा जिसमे हमें 7 रैसलर्स लड़ते हए दिखेंगे। इसके अलावा फैंस को पहला विमेंस एलिमिनेशन चैंबर मैच भी देखने को मिलेगा। लेकिन कुछ ऐसी भी बातें हैं जिन्हें आप लोग शायद नहीं जानते होंगे। आइए जानें ऐसी ही 5 बातों के बारे में जोकि आप एलिमिनेशन चैंबर के बारे में नहीं जानते होंगे।
#5 अलग-अलग मैचों को एक साथ जोड़ने के लिए बनाया गया था
एलिमिनेशन चैंबर WWE के इतिहास में सबसे ज्यादा चर्चित स्ट्रक्चर में से एक है। हालांकि, इसका स्ट्रक्चर अब ऐसा नहीं रहा जैसा उसे शुरू में बनाया गया था। इसकी बनावट शुरुआती समय में एक स्टील केज जैसी थी। इसके पास ऐसी विशेषताएं और गुण हैं जो कि हमें हैल इन ए सैल की याद दिलाती हैं। इसकी शुरुआत साल 2002 में हुई थी और इसका डिजाइन सिर्फ WWE द्वारा इस्तेमाल किए गए पिंजरों जैसा नहीं है। यह इसलिए यादगार है क्योंकि इसमें वर्ल्ड चैंपियनशिप रैसलिंग की वॉर गेम जैसे गुण हैं जिसमे दो रिंग को एक साथ जोड़ा जाता था।
#4 शुरुआत मैच एक ब्रांड के लिए ही था
एलिमिनेशन चैंबर में हमें हमेशा कुछ बढ़िया पल देखने को मिले हैं। जब इस चैंबर को पहले लोगों के सामने दिखाया गया था, तब इसे रॉ और स्मैकडाउन दोनों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता था। जब एरिक बिशफ, जोकि उस समय रॉ के जनरल मैनेजर थे, उन्होंने इस चैंबर मैच की शुरुआत रॉ के टैलेंट को दिखाने के लिए की थी। हालांकि शुरुआत में, इसे केवल एक ब्रांड के लिए ही बनाया गया था लेकिन साल 2006 में इसे ECW के पे-पर-व्यू दिसंबर टू डिसमेंबर पे-पर- व्यू में यह मैच दूसरे ब्रांड का इवेंट बन गया था। जिसके कुछ सालों बाद इस मैच को नो वे आउट पे-पर-व्यू के लिए ही रखा गया।
#3 काफी सारी इंजरी चैंबर मैच या इवेंट में देखने को मिली
रैसलर्स को हर मैच में चोटिल होने का जोखिम उठाना पड़ता है। रैसलर्स के अनुसार रैसलिंग में खतरे अनगिनत हैं। हर चैंबर मैच में काफी सारे इंजरी हमें देखने को मिली है। पहले एलिमिनेशन चैंबर मैच में ट्रिपल एच भी एक खतरनाक इंजरी से जूझे थे, जब रॉब वैन डैम ने टॉप रोप से छलांग लगाई थी जिसके बाद ट्रिपल एच चोटिल हो गए थे। इस मैच में ट्रिपल एच की कलाइयों में भी चोट लग गई थी। इसके अलावा साल 2010 में शेमस भी मैच के दौरान चोटिल हुए थे और अंडरटेकर भी इस इवेंट में चोटिल हुए थे लेकिन अपने मैच में नहीं बल्कि अपनी एंट्रेंस के दौरान।
#2 इस मैच के कई अवतार हैं
एलिमिनेशन चैंबर की बनावट में इसके काफी सारे डिजाइन बनाए गए थे। इसलिए इस चेंबर का आज का डिजाइन इसका ओरिजिनल डिजाइन नहीं है, लेकिन कई संशोधनों का परिणाम है। WWE इस चैंबर को ऐसा बनाना चाहती थी जैसा फैंस ने कभी देखा भी ना हो। चाहे वह इसका स्ट्रक्चर हो या फिर इसकी दीवारें, कुल मिलाकर इसका डिजाइन काफी अलग है। स्ट्रक्चर की बनावट में करीब 2 महीने का समय लगा था और इसमें करीब 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर का खर्च आया था। इस स्ट्रक्चर के फ्रेम अकेले को ही 16 स्पोर्ट्स से खड़ा किया गया है और एक का वजन 300 पाउंड से भी ज्यादा है। इस चैंबर को काफी ऊंचाई में रखा जाता है और मैच के बाद इसे हर साल इसे दोबारा से जोड़ा जाता है।
#1 इसके नियमों में काफी बदलाव किए गए हैं
यह तो हम सभी जानते हैं कि एलिमिनेशन चैंबर एक एलिमिनेशन जैसा मैच है जिसकी समानता बाकी मैचों से मिलती जुलती है। इस मैच की शुरुआत दो सुपरस्टार्स करते हैं, जिसके 5 मिनट बाद एक और रैसलर पोड से बाहर आता है और मैच में शामिल होता है। यही शर्त अब तक चल रही थी लेकिन कई बार इसके नियमों में बदलाव किए गए हैं। जैसा कि, जब इस मैच में टीम शामिल हुई तब हर 10 मिनट में 2 रैसलर मैच में शामिल होते थे। हालांकि साल 2012 के एलिमिनेशन चैंबर मैच में पिन फॉल और सब्मिशन के बाद ही हमें नए रैसलर मैच में अपनी जगह बना सकते। इस मैच में डिसक्वालीफिकेशन और काउंट आउट शामिल नहीं होते। इस मैच के कई नियम अब तक वैसे ही है और कुछ बदल चुके हैं। लेखक- मार्क मैडिसन अनुवादक- ईशान शर्मा