5 मौके जब जॉन सीना हर मुश्किल के विरुद्ध अकेले लड़े

जॉन सीना अब WWE में 18 साल पूरे करने वाले हैं और इन सालों में उन्होंने ये बताया है कि हमेशा सही के साथ खड़े रहो और लड़ो फिर चाहे उसको पाने की राह में कितने भी रोड़े आएं। उन्होंने खुद के 'नेवर गिव अप' वाले अप्रोच के कारण लोगों को सदैव प्रोत्साहित किया है। अपने WWE के दिनों में आए कठिन मैचेज़ में भी उन्होंने ज़बरदस्त काम किया है। ये हैं कुछ 5 मैचेज़ जिसमें उन्होंने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया है:

#5 जॉन सीना बनाम द वायट्स

2014 के रॉयल रंबल में ब्रे वायट, ल्यूक हार्पर और एरिक रोवन ने रैंडी ऑर्टन से सीना को मैच हरवाया। फिर एलिमिनेशन चैम्बर पर भी इन्होंने जॉन सीना के मैच में दखलंदाजी की। इसके बाद सीना ब्रे वायट से रैसलमेनिया 30 पर लड़े और उसमें सीना के जीतने के बाद ये दोनों एक्सट्रीम रूल्स पर एक बार फिर भिड़े, जहां पूरी वायट फैमिली ने सीना पर वार कर दिया। इसकी परिणीति हुई पेबैक पे-पर-व्यू पर जहां एक लास्ट मैन स्टैंडिंग मैच में सीना विजेता बने और इस दुश्मनी का अंत कर दिया गया।

#4 जॉन सीना बनाम द लेगेसी

2009 में नाइट ऑफ चैंपियंस के दौरान रैंडी ऑर्टन के नेतृत्व में लेगेसी ने दखल किया और रैंडी ऑर्टन जीत गए। इन्हें रैंडी ने समरस्लैम 2009 में भी हराया था। ब्रेकिंग पॉइंट पर इन दोनों के बीच एक आई क्विट मैच हुआ। इस मैच में भी लेगेसी के साथियों ने इन्टरफियर करना चाहा लेकिन सीना ने रैंडी को बंधक बनाकर टाइटल जीत लिया। हैल इन ए सैल में सीना रैंडी के हाथों मैच तथा टाइटल हार बैठे। इसके बाद ब्रैगिंग राइट्स पर इन दोनों के बीच एक 60 मिनट का आयरन मैच हुआ जिसे सीना ने 6-5 से जीता। इसकी वजह से इनके और लेगेसी के बीच लड़ाई समाप्त हुई।

#3 जॉन सीना बनाम अथॉरिटी

2014 में सैथ रॉलिन्स ने अटैक कर जॉन सीना से उनका ब्रॉक लैसनर के विरुद्ध #1 कंटेंडर होने का अधिकार छीन लिया।इसके बाद 27 नवंबर के रॉ पर ट्रिपल एच और स्टेफनी मैकमैहन की जोड़ी ने सीना से अथॉरिटी से जुड़ने के लिए कहा जिसे सीना ने ठुकरा दिया। इसकी वजह से एक 5 बनाम 5 वाला नियमवार सर्वाइवर सीरीज मैच हुआ जिसकी शर्त ये थी कि अगर अथॉरिटी की टीम हार जाती है तो वो शक्तिविहीन हो जाएगी, और भले सीना मैच से बाहर हुए पर वो अथॉरिटी को बाहर करने में सफल रहे। उसके बाद टीएलसी पे-पर-व्यू में सीना ने सैथ रॉलिन्स से लड़ाई की और अपना #1 कंटेंडर का खिताब बरकरार रखा। उसके बाद 29 दिसंबर वाली रॉ पर सीना के मित्र ऐज को बंधक बनाकर सैथ और बिग शो ने अथॉरिटी को वापस बुलाने के लिए सीना को मजबूर कर दिया। इसकी वजह से रॉयल रंबल पर ब्रॉक बनाम जॉन बनाम सैथ हुआ जबकि अथॉरिटी ने आते ही टीम सीना के सदस्यों डॉल्फ ज़िगलर, रायबैक और एरिक रोवन को बेरोजगार कर दिया। 19 जनवरी वाले रॉ पर सीना ने सैथ, बिग शो और केन के साथ एक हैंडीकैप मैच लड़ा जिसकी शर्त ये थी कि अगर सीना मैच जीत गए, तो तीनों बेरोजगार रैसलर्स को वापस काम मिल जाएगा और आखिरकार वो रोजगार में वापस आ गए। रॉयल रंबल पर ही इस फिउड की शुरुआत हुई थी और अंत भी।

#2 जॉन सीना बनाम जॉन लॉरीनाइटिस

जब लॉरीनाइटिस रॉ के जनरल मैनेजर थे तो इनके बीच काफी ज़बरदस्त लड़ाई थी। रॉ के एक एपिसोड पर लार्ड टेंसई से प्रहार करने के बाद लॉरीनाइटिस ने खुद को ओवर द लिमिट पे-पर-व्यू पर सीना का प्रतिद्वंदी बताया। इनके मैच की शर्त ये थी कि अगर सीना जीत जाते हैं तो लॉरीनाइटिस का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, लेकिन बिग शो के दखल की वजह से लॉरीनाइटिस ये मैच जीत गए। नो वे आउट पर शो और सीना की लड़ाई एक स्टील केज मैच में हुई जहां अगर शो हार गए तो लॉरीनाइटिस फायर हो जाएंगे, और आखिरकार सीना के जीतने की वजह से विंस मैकमैहन ने जॉन लॉरीनाइटिस को बेरोजगार कर दिया। अगले दिन रॉ पर एक 3 बनाम 1 हैंडीकैप मैच में लॉरीनाइटिस, शो और डेविड ओटूंगा के खिलाफ सीना अकेले ही लड़ रहे थे, शो और ओटूंगा ने लॉरीनाइटिस को छोड़ दिया और आखिरकार सीना ने उन्हें पिन कर दिया।

#1 जॉन सीना बनाम नैक्सस

7 जून 2010 को नैक्सस ने अपना वर्चस्व कई बड़े रैसलर्स को धराशायी करके दिखाया जिनमें ब्रेट हार्ट, जैरी लॉलर, रिकी स्टीमबोट तथा कई अन्य शामिल थे। रिंग से लेकर रिंगसाइड और ऑनस्टेज से लेकर बैकस्टेज तक सब इनके शिकार थे। इसके बाद सीना की एंट्री हुई और उन्होंने ग्रुप के एक साथी डैरेन यंग को हराया लेकिन उसके बाद मार भी खाई। समरस्लैम पर अन्य WWE रैसलर्स के साथ मिलकर सीना ने नैक्सस के साथ एक लड़ाई लड़ी। हैल इन ए सैल में सीना ग्रुप के लीडर बैरेट से हार गए और ये लगा कि वो भी नैक्सस का हिस्सा बन जाएंगे लेकिन उसके बाद स्टोरीलाइन के मुताबिक बैरेट रैंडी ऑर्टन से हार गए और सीना को बाहर का रास्ता दिखाया गया। इसके बाद सीना हर हफ्ते आकर नैक्सस के सदस्यों पर वार करते थे। टीएलसी पर सीना ने बैरेट के खिलाफ एक मैच जीतकर इस लड़ाई को समाप्त कर दिया। लेखक: राजर्षि बैनर्जी, अनुवादक: अमित शुक्ला