एजे ली ने अपनी जिंदगी हमेशा ही अपनी शर्तों पर ही जी है। फिर चाहे वो रैसलिंग में आने का फ़ैसला हो, या फिर रिटायरमेंट का, उनकी कहानी काफी प्रेरणादायक है। ली को भी यहाँ तक पहुँचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।
एजे अपनी पढ़ाई का खर्चा और घरवालों की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए पार्ट टाइम जॉब करती थी। उन्होंने बताया था कि पहले वो दूसरों के घर में और यहाँ तक कि गाड़ियों में भी रही हूँ। वो कॉलेज में पढ़ने गई, लेकिन 6 महीने के बाद ही उन्हें वहाँ से आर्थिक तंगी के कारण निकाल दिया गया। लेकिन उनसे उनके रैसलर बनने के सपने को दबाया नहीं। उसके बाद उन्होंने रैसलिंग में आ गई और उसके बाद वो वहाँ की नियमित सदस्य बन गई, जिसके लिए उन्हें सैलेरी भी मिलती थी।
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