पीछे जाकर आप स्मैकडाउन या रॉ पर कोई टैग टीम मैच देखिए। आपको पता चलेगा कि टैग टीम मैच में जब दो रैसलर्स रिंग के अंदर होते हैं तो पिन को रोकने के लिए साथी रैसलर केवल एक बार रिंग में उतरता है और अंदर आकर विरोधी पर हमला कर सकता है। इसका मतलब मैच में आप एक ही बार अपने साथी को बचाने के लिए रिंग में कूद सकते हैं। इसका कोई मतलब नहीं बनता क्योंकि टैग टीम मैच में आपका साथी आपकी मदद करने के लिए ही होता है। मैच के दैरान दोनों रैसलर्स के साथियों को कई बार दखल देकर अपने साथी को बचाने की कोशिश करनी चाहिए। इससे मैच रोमांचक बन जाएगा और उसमें दिलचस्पी बनी रहेगी। इस तरह का नियम बना कर WWE दर्शकों से ये कह रही है कि उन्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि पहली दफा उनका पार्टनर उन्हें पिन होने से बचा लेगा। यहाँ पर वे दर्शकों को अनुमान लगाने की छूट दे रहे हैं और हर बार ऐसा ही होता है। लेकिन वहीँ टैग टीम पार्टनर द्वारा कई बार दखल देने के कई फायदें हैं। यहाँ पर अपने साथी की मदद करने से वे मैच में ड्रामा बढ़ाते हैं और वहीँ दूसरी ओर अपने विरोधी को और ग़ुस्सा दिलाते हैं। उदाहरण के तौर पर साल 2001 के सर्वाइवर सीरीज के "WWE बनाम अलायन्स" मैच कर पहले हाफ में शेन मैकमैहन ने कई बार दखल देकर अपने साथी को बचाया। इसवजह से दर्शक उनसे नाराज हुए और उन्हें फटकारने लगे। इसलिए जब कई रैसलर्स ने उनपर अपने फिनिशिंग मूव आजमाए तब दर्शकों ने सभी रैसलर्स का समर्थन किया और जब वे बाहर हुए तब सभी दर्शक ने अपनी खुशी जताई। इस तरह की कहानी और साइकोलॉजी वाला मैच आज के दिनों में ढूंढना बहुत मुश्किल है, खासकर तब जब कंपनी ऐसे नियम बना रही है।