एक समय ऐसा भी था, जब कोई भी WWE चैम्पियन नहीं था। पुराने दिनों जब हल्क होगन अकेले ही WWF और प्रोफेशनल रैसलिंग में छाए हुए थे, जिसका मतलब था कि दूसरे रैसलर्स के पास चैम्पियन बनने का बहुत ही कम मौका था। हर एक पे-पर-व्यू इवेंट के बाद रैसलर को दोबारा से शुरू करना होता था और ऐसा बार-2 होता था। यही कारण था कि विंस मैकमैहन और उनके स्टोरीराइटर्स ने होगन को चैम्पियन बनाए रखा और रोड़ी पाइपर, पॉल ओर्नडोर्फ और रिकी स्टीमबोट सरिके रैसलर्स मौके की तलाश में ही रह गए। आज के समय में भी कुछ ही सुपरस्टार्स को चैम्पियन बनने का मौका मिलता है। दोनों ही ब्लू और रेड ब्रैंड में गिनती के चार या पाँच सुपरस्टार्स है, जोकि चैम्पियन बनते है। इसका मतलब कुछ सुपरस्टार्स ऐसे भी रहेंगे, जोकि कभी भी इस उचाई तक ना पहुँच पाए। एक फैन और एक राइटर होने के नाते मेरे लिए यह शर्म की बात है। कई सालों में हमने यह देखा है कि रैसलर्स अच्छे होते है, लेकिन कभी भी उन्हें वो मौका नहीं मिलता, जिसके वो हकदार होते है। पॉलिटिक्स इसमें बड़ा रोल निभाती है और कंपनी के फेवरेट्स को हर जगह तरजीह भी मिलती है। कुछ फैंस है, जो इन सब चीजों से नाराज़ होंगे, लेकिन उन्हें कभी भी होगन एफेक्ट देखने को नहीं मिलेगा। WWE के मौजूदा रोस्टर पर नज़र डाले, तो इनमें से हमने 7 ऐसे रैसलर्स ढूंडे है, जो कभी भी WWE वर्ल्ड चैम्पियन नहीं बन सकते।
सैमी जेन ने केविन ओवंस के साथ आखिरी मैच जीता था और उसके बाद उन्हें कोई भी प्रोमोशन या फिर मेन इवेंट का मौका नहीं मिला। वो यह बात साबित करने के लिए काफी था कि जेन कभी भी किसी भी ब्रैंड के फेस नहीं बन पाएंगे। जेन हमेशा ही रिंग में शानदार काम करते है। उनके मूव हर बार लगभग एक जैसे ही होते है, लेकिन वो कुछ न कुछ ऐसा कर देते है कि फैंस उन्हें याद जरूर करते है। वो ओवंस के खिलाफ स्ट्रॉंग नज़र आए थे। क्रिस जेरिको के खिलाफ उनका मैच अच्छा था और शिनसूके नाकामूरा के खिलाफ फ्यूचर में मैच से उन्हें मजबूती जरूर मिलेगी। लेकिन इससे ज्यादा आप कुछ और उम्मीद मत रखिएगा। 3- समोआ जो इस लिस्ट में समाओ जो का नाम डालने का एक ही कारण था। पूर्व NXT चैम्पियन को इस साल के बीच तक मेन रोस्टर में बुला लेना चाहिए था। यह अभी तक नहीं हुआ है और इसके पीछे का कारण भी भी किसी को नहीं पता। जो पूर्व TNA चैम्पियन भी है और उनके जैसा बिग मेन रिंग में आसानी से देखने को नहीं मिलता। निश्चित ही मेन रोस्टर में आने के बाद उनका सामना रोमन रेंस, जॉन सीना, केविन ओवंस और ब्रॉक लैसनर से जरूर होगा। सवाल यह उठता है कि यह कब होगा और क्या उन्हें चैंपियनशिप के लिए सीन में लिया जाएगा? जो हील के रूप में अच्छा करेंगे, लेकिन जब तक एजे स्टाइल्स सफल हो रहे है, WWE जो के बारे में सोच ही नहीं सकती। 4- बिग ई बिग ई के बारे में काफी चर्चा होती रही है, वो क्राउड़ के चहेते है, वो स्ट्रॉंग है और इसके साथ ही वो यूथ को एट्रैक्ट भी करते है। अभी वो ज़ेवियर वुड्स और कोफी किंगस्टन के साथ टैग टीम चैम्पियन है। लेकिन अभी भी वो इतने पावरफुल नहीं है, जितना की उन्हें होना चाहिए। उन्हें एक नए लुक की जरूरत है, या फिर अलग गिमिक जो उन्हें आगे लेकर जाए। वो मिड कार्ड में पुश डिजर्व करते है, लेकिन वो कभी WWE की ऊंचाइयों पर अकेले खड़े नहीं हो सकते। 5- ब्रे वायट हमें पता है फैंस लिस्ट में यह नाम देखकर खुश नहीं होंगे। वो रिंग में दूसरों को बड़ा बनाकर खुद बड़े बन जाते है। उनकी माइक स्किल्स इस बिजनेस में सबसे अच्छी है और उसे साबित करने के लिए उन्हें अपने वेस्ट पर वर्ल्ड टाइटल नहीं चाहिए। वायट की सबसे खास बात यह है कि वो हमेशा ही स्ट्रॉंग रहते है, उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उनकी फैमिली कैसा कर रही है। वो अगले अंडरटेकर हो सकते है और यह इसलिए क्योंकि उन्हें जल्द ही चैंपियनशिप के लिए मौका नहीं मिलने वाला। 6- बिग कैस द बेबी ऑफ बंच। बिग कैस के अंदर वर्ल्ड चैम्पियन बनने के सारे गुण मौजूद है। उनके साथ सिर्फ एक ही प्रॉबलम है कि रिंग में वो काफी स्टिफ है और यही चीज उनके खिलाफ जाती है। वो और एंजो अमोरे साथ में एक शानदार टैग टीम है और वो न्यू ऐज आउटलॉज का नया वर्जन है। कभी न कभी न तो उसमें बदलाव जरूर आएगा और उन्हें टाइटल के लिए मौका जरूर मिलेगा, शायद हील के रूप में वो भी पॉल हेमन उनके साथ मैनेजर के रूप में हो। लेकिन अभी के लिए उनके लिए आगे की राह काफी मुश्किल है। 7- बॉबी रूड समाओ जो की तरह ही बॉबी रूड की रिंग के अंदर की काबिलियत की काफी बात होती रही है। पूर्व TNA चैम्पियन की तुलना अर्न एंडरसन से भी हुई है। सिंगल स्टार के तौर पर उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। टैग टीम के तौर पर उनकी और जेम्स स्टोर्म की जोडी को काफी आँका जाता था। रूड एंडरसन हो सकते है, मैगनम TA या फिर बॉब बैकलैंड। उन्हें एक मौका चाहिए। अभी के लिए वो NXT में काफी अच्छा कर रहे है। लेखक- डीएम लेविन, अनुवादक- मयंक मेहता