कैलिफोर्निया में लॉस एंजिलस के स्टेपल्स सेंटर में हमे रॉ का एक ठीक-ठाक शो देखने मिला। शो में ज्यादा पॉजिटिव चीजें दिखाई दी जिसकी वजह से हम इसे अच्छा शो कह सकते हैं।
तीन घंटे के शो में सब कुछ सही से करना संभव नहीं है। कहीं न कहीं चूक होनी स्वाभाविक है। इस शो में भी ऐसी कई लम्हें थे जिन्हें देखकर हमे खुशी हुई तो कुछ लम्हों को देखकर हमे निराशा हुई।
#1 अच्छी बात: एक अच्छा मेन इवेंट
शेमस और सिजेरो बनाम सैथ रॉलिंस और डीन एम्ब्रोज के बीच हुए रॉ टैग टीम चैंपियनशिप का ख़िताबी मैच काफी अच्छा रहा। इसलिए इसे पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलना स्वाभाविक है।
मैच में दिखाया गया कि रॉलिंस, एम्ब्रोज़ को टैग नहीं कर पाए। एप्रन पर टकरा कर एम्ब्रोज़ नीचे गिरे थे और रॉलिंस के पास कोई टैग करने वाला नहीं था। फिर टैग होने के बाद दोनों के बीच भिड़ंत हुई जिससे दर्शकों में जोश बढ़ गया।
ऐसा लगा मैच लम्बा चलेगा क्योंकि पहले ये नो कॉन्टेस्ट से खत्म हुआ। लेकिन फिर जब जनरल मैनेजर कर्ट एंगल ने मैच दोबारा शुरू करवाई तो दर्शक खुशी से झूम उठे और सभी को लगा कि शील्ड ख़िताब जीत लेगी।
किसी ने उम्मीद नहीं कि थी इसमें समोआ जो दखल देंगे। जिस तरह से मैच का अंत हुआ उससे आने वाले हफ्तों में स्टोरीलाइन दिलचस्प होते दिखाई दे रही है।
#1 बुरी बात: हद से ज्यादा पिटाई हुई
फिन बैलर जब NXT से मुख्य रोस्टर में आएं थे तब उनसे काफी उम्मीदें थी और ऐसा लग रहा था कि उन्हें रोकना आसान काम नहीं होगा। लेकिन समय के साथ उनका किरदार फीका पड़ गया है और कहीं न कहीं बैलर भीड़ में खो गए हैं। उनमें अब पहले जैसी बात नहीं रही।
अभी भी जब बैलर की एंट्री होती है तो दर्शक उनका जमकर समर्थन करते हैं। हम जल्द से जल्द उन्हें अच्छे मैचेस का हिस्सा बनते देखना पसंद करेंगे। यहां पर बो डलास के हाथों मार खाने की जगह बैलर को डलास पर हावी होना चाहिए था।
बैलर को और ज्यादा दमदार दिखना चाहिए और इसलिए उन्हें मजबूत बुकिंग की सख्त जरूरत है।
#2 अच्छी बात: वापस ब्रॉन स्ट्रोमैन का लम्हा
सालों बाद जब हम ब्रॉन स्ट्रोमैन के दमदार दौर की बात करेंगे तो हमसे कोई उनके किसी एक घटना का जिक्र नहीं बल्कि कई सारे लम्हों का जिक्र करेंगे।
इस हफ्ते स्ट्रोमैन और इलायस के बीच हुआ गिटार सैगमेंट बेहतरीन था। ये इसलिए खास था क्योंकि इसके पहले हमने बाकी कई रैसलर्स पर गिटार टूटते देखा था। लेकिन स्ट्रोमैन सबसे अलग साबित हुए और इस हफ्ते वापस रॉ पर दर्शकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
वहीं हमे इलायस की भी तारीफ करनी पड़ेगी जो हफ्ते दर हफ्ते अपना स्तर बढ़ाते जा रहे हैं।
#2 बुरी बात: एक मॉन्स्टर को खत्म करना
WWE में हम स्टोरीलाइन को बेहद पसंद करते हैं लेकिन क्या नाया जैक्स ये स्टोरी कहने के लिए सही व्यक्ति हैं? यहां पर हमें नाया जैक्स और एंजो अमोरे के बीच लव एंगल देखने मिला और इसलिए हम हील टर्न की उम्मीर कर रहे हैं। यहां हमे मॉन्स्टर हील देखने मिल सकता है।
WWE में हमने कई मॉन्स्टर हील को कॉमेडी करते देखा है जिनका स्तर एक बार गिर गया तो दोबारा उठ नहीं पाता। नाया जैक्स को कभी NXT की तुलना में मुख्य रोस्टर पर मौका नहीं मिला। कॉमेडी बुरी बात नहीं है लेकिन कई बार खराब जोक्स बुरा असर डाल सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं WWE नाया जैक्स के साथ अच्छी बुकिंग करे।
#3 अच्छी बात: वोकेन मैट हार्डी
वोकेन मैट हार्डी आ गए हैं WWE में। WWE यूनिवर्स में उनका गिमिक काफी लोकप्रिय हैं और उनकी लाइनें काफी मजेदार और दिलचस्प है। इसके लिए इंतज़ार करना अच्छा रहा। वीडियो पैकेज के ज़रिए वायट और मैट हार्डी के बीच सेगमेंट देखने मिला।
इस हफ्ते मैट हार्डी ने ब्रे वायट को "डिलीट" करने की बात कही तो हम पक्के तौर पर कह सकते हैं कि उनके बीच फिउड शुरू हो सकता है। हम क्वीन रेबेका, किंग मैक्सेल, सीनेर बेंजामिन और वैनगार्ड 1 को देखने के लिए बेताब हैं।
#3 बुरी बात: अपना वजूद खोना?
बेली को एक समय कंपनी के अगले जॉन सीना के रूप में देखा जा रहा था। मिकी जेम्स, लैजेंड हैं और उनका WWE हॉल ऑफ फेम में जाना तय है। उन्हें साशा बैंक्स के बैकअप के रूप में बुक होते देख निराशा होती है। इससे उनका बना बनाया मोमेंटम टूट गया।
वहीं सोन्या डेविल और मैंडी रोज़ शो में नई है और पेज जैसी अनुभवी स्टार के साथ उनका रहना सही विकल्प है। बेली और जेम्स जैसी अनुभवी स्टार्स के लिए ये रास्ता सही नहीं है।
#4 अच्छी बात: हील टर्न
ये बात साफ है कि WWE को जेसन जॉर्डन से काफी उम्मीदें हैं। उन्हें उस जिद्दी बच्चे की तरह दिखाया जा रहा है जो हर छोटी चीज़ मांगने अपने पिता के पास रोते हुए जाता है।
हर हफ्ते जेसन जॉर्डन को दर्शकों के ग़ुस्से का सामना करना पड़ता है और समय के साथ इसमें बढ़ोतरी हो रही है। आने वाले समय मे इसमें और बढ़ोतरी होगी और ये देखना दिलचस्प होगा कि इसका अंत कैसे होगा।
क्या जॉर्डन अपने पिता पर टर्न होंगे? कहानी दिलचस्प बनते जा रही है।
लेखक: रिजु डासगुप्ता, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी