रॉ का एक्सक्लूजिव पे-पर-व्यू रोडब्लॉक मिला जुला ही रहा, जहां एक तरफ शो में अच्छे पल थे, तो कुछ बहुत ही खराब पल। 2016 का आखिरी पे-पर-व्यू लाइव आया पिट्स्बर्ग के पीपीजी पेंट्स एरिना से। हमें 3 घंटे के शो में 6 हार्ड हिटिंग मैच देखने को मिले। शो की शानदार शुरुआत के बाद आधे समय बाद शो काफी बोरिंग हो गया। लेकिन एक बार फिर क्राउड़ अंतिम दो मैचों में एक बार जीवित हो गया, क्योंकि मैच में एक्शन ही कुछ उस प्रकार का था। शो के बारे हम बात आगे करेंगे, जब हम शो की अच्छे और खराब पलों के बारे में चर्चा करेंगे। आइए नज़र डालते है रोडब्लॉक पे-पर-व्यू की अच्छी और बुरी बातों पर। अच्छी बात 1- आखिरकार जरवेट डिवीजन को मिला स्टार जिस समय से रॉ में क्रूजरवेट डिवीजन को शामिल किया गया है, तब से ही इस बात पर चर्चा तेज थी कि नेविल यहाँ पर कितने सफल हो सकते है और वो डिवीजन के एक नया मुकाम दें सकते है। चोट के बाद वापसी करने के बाद से ही नेविल कहीं गायब से थे, लेकिन उन्हें सही जगह पर देखकर अच्छा लग रहा है। सच कहे तो डिवीजन में कोई भी स्टार अपने दम पर आगे नहीं ले जा पा रहे हैं और उन्हें इसके लिए कोई स्टार चाहिए था। नेविल की वापसी की सबसे अच्छे बात यह थी कि वो हील के रूप में वापिस आएँ। हालांकि क्राउड़ को उस बात से फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने नेविल को बेबीफेस के तौर ही रिस्पोंस दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नेविल क्रूजरवेट डिवीजन को ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। बुरी बात 1- सैमी डेन और लॉजिक की कमी माइकल कोल ने पूरे शो में एक ही बड़ा बोच किया, लेकिन वो बहुत बड़ा बोच था। सैमी जेन vs ब्रॉन स्ट्रोमैन के मैच के दौरान कोल ने जेन को सैमी डेन कह दिया। हम जानते है कि सैमी जेन कनाडा मूल के रैसलर है, साथ ही में वो डेन्मार्क के वासी जैसे लगते है। इसके साथ ही पे-पर-व्यू में लॉजिक की कमी साफ तौर पर नज़र आई। रिंग अनाउंसर ने सैमी जेन को ब्रॉन स्ट्रोमैन के सामने 10 मिनट तक टिकने के लिए उन्हें विजेता घोषित क्यों किया? दोनों ही स्टार पिन आउट नहीं हुए, फिर कायदे से इस मैच को ड्रॉ घोषित किया जाना चाहिए। अगर 10 मिनट में स्ट्रोमैन, सैमी जेन को हरा नहीं पाए, तो वो लूजर बन गए, ऐसी शर्त को मैच से पहले ही बताना जाना चाहिए था। क्रिस जेरिको ने मेन इवेंट में दखल दिया और उन्होंने केविन ओवंस को कोड ब्रेकर दें दिया। अगर आपकी दोस्ती अभी भी है, तो दोस्त को ही दर्द देने का क्या मतलब? एक बार फिर WWE ने ऐसा ही कुछ किया। अच्छी बात 2- दोस्तों का साथ आना तीन घंटे के मिले जुले शो को अगर अच्छे से खत्म करना है, तो उसके लिए बस जेरी-को की जरूरत है। इन दोनों के बीच का तालमेल देखने लायक होता है, फिर चाहे वो रिंग के अंदर हो या फिर बैकस्टेज, इन दोनों को रौक पाना किसी के लिए भी आसान नहीं है। पिछले कुछ हफ्तों से हमने यह चीज देखी कि इन दोनों की दोस्ती में दरार देखने को मिली थी। सच कहे तो इन दोनों को अलग होते हुए कोई भी देखना नहीं चाहता। हम खुश है कि इनके बीच की लड़ाई खत्म हो गई है और अब हमें फिर से इनके लिए चीयर कर पाएंगे। हाल में तो हमें इन दोनों के बीच फिउड देखने को नहीं मिलेगी, लेकिन हम उसका इंतजार तो कर ही सकते हैं। बुरी बात 2- बेकार क्राउड़ पिट्स्बर्ग, आप हम सबको कैसे निराश कर सकते हैं? अच्छा क्राउड़ मैच को बना सकता है या फिर बखराब कर सकता हैं। रिंग के अंदर जो भी एक्शन हुआ, उसके बारे में खराब कहना काफी मुश्किल है, लेकिन क्राउड़ ने मैच में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं ली। ज़्यादातर समय के लिए क्राउड़ शांत ही था। यहाँ तक कि साशा बैंक्स और शार्लेट फ्लेयर के बीच हए आइरन मैच के दौरान भी क्राउड़ ने अच्छा रिएक्शन दिया, जब तक साशा अंत में हार नहीं गई। क्राउड़ सिर्फ एक समय ही एंटरटेन होते दिखा, जब सैमी जेन vs ब्रॉन स्ट्रोमैन के मैच के दौरान वो मिक फोली के लिए चैन्ट कर रहे थे। मिस्टर मैकमैहन आप सुन रहे हैं? बुरी बात 3- होटेस्ट स्टार, प्री शो में एक कारण कि WWE को ब्रॉक लैसनर और गोल्डबर्ग जैसे पार्ट टाइमर्स पर डिपेंड इसलिए होना पड़ता है, क्योंकि नए स्टार्स सही से आगे नहीं आ पा रहे हैं। यहाँ फिर सही समय में नए स्टार्स को बिल्ड नहीं कर पा रहे हैं। हाल ही में एंजो अमोरे और लाना के बीच हुए होटल रूम एंगल के बाद से रुसेव और बिग कैस सबसे ज्यादा चर्चा में थे। उन दोनों को मेन शो में रखने की जगह उन्हें प्री शो में रखा गया, जो शायद ही फैंस देखते हैं। यह बहुत ही ज्यादा दुख की बात है। अच्छी बात 3- आखिरकार रिकॉर्ड टूटा कब तक हमें न्यू डे को चैम्पियन के रूप में देखना पड़ता आऊर वो भी एक ऐसे रिकॉर्ड के लिए, जिसे जिस टीम ने बनाया था उससे मिस्टर मैकमैहन की लड़ाई चल रही हैं? सिजेरो और शेमस के टैग टीम चैम्पियन बनने से रॉ टैग टीम डिवीजन अब फिर से खुल गया है। पिछले कुछ हफ्तों से उन्हें चैम्पियन के रूप में सेहना मुश्किल हो गया था। अंत में यह एक ऐसा पे-पर-वू था जिसमें अच्छे के साथ, बुरे पल भी देखने को मिले।