ब्रॉक लैसनर का WWE में कोई सानी नही है। अगर किसी ने उन्हें टक्कर दी है तो वो हैं गोल्डबर्ग और उन्हें भी रैसलमेनिया 33 पर ब्रॉक ने हरा दिया था। तो असली मायनों में उनका कोई मुकाबला नही है। यहां जरूरी बात ये है कि जबसे उन्होंने गोल्डबर्ग को हराकर वो चैंपियनशिप जीती है, तबसे वो प्रोग्रामिंग से गायब है। लोगों को उम्मीद थी कि पेबैक पर वो नज़र आएंगे, भले ही वो कोई मैच ना लड़े, लेकिन दोनों ही नही हुए। WWE इस अनुपलब्धता का उपयोग कुछ रैसलर्स को ऊपर और आगे बढ़ाने में कर रही है। रोमन रेंस, फिन बैलर, ब्रॉन स्ट्रोमन और द मिज़ जैसे रैसलर्स को इस दौरान अच्छा पुश मिल रहा है और वो खुद को साबित भी कर रहे हैं। लेकिन इनमें से कोई भी लैसनर नही है। WWE भी लैसनर को लंबी छुट्टी देने से कतराती नही है। असल बात ये है कि अगर वो हर एपिसोड पर दिखेंगे तो उनकी इमेज और वैल्यू कम होती है। दूसरा वो बहुत ही प्राइवेट किस्म के इंसान है, और ओवर ट्रैवेल से ओवर एक्सपोज़र हो जाएगा, जो वो नहीं चाहते। अब देखने वाली बात ये है कि भला WWE खुद को इस स्थिति से कैसे निकालती है। वो इस स्थिति में पहले भी रह चुकी है। आखिर ऐसा कौन सा रैसलर होगा जो लैसनर से टक्कर लेगा, और उनको चित कर पाएगा? रॉलिन्स ऐसा करना चाहते हैं। वो लैसनर वर्सेज़ रॉलिन्स राउंड 2 के लिए तैयार हैं। रॉलिन्स ने अबतक अच्छा ही परफॉर्म किया है। उनके अलावा डैनियल ब्रायन और रोमन रेंस ने ट्रिपल एच को हराया है, और दोनों ही बाद में WWE चैंपियन बने हैं, लेकिन रॉलिन्स के साथ ऐसा नही हो रहा है। आखिर क्यों? असल बात ये है कि रेंस और रॉलिन्स दोनो ही इस वक़्त रॉ पर है, और कम्पनी इस वक़्त रेंस को जबरदस्त पुश दे रही है। मतलब चैलेन्ज कितना भी बड़ा हो, आखिर में जीत रेंस की ही होगी, और यही हाल ब्रॉन स्ट्रोमैन संग चल रही मौजूदा फाइट का भी होगा। वैसे रेंस और लैसनर की लड़ाई का एक औचित्य बनता है। लैसनर ने अंडरटेकर की रैसलमेनिया स्ट्रीक तोड़ी थी, और रेंस ने उन्हें रिटायर(संभावित) किया। ये दोनों एक ही रिंग में, एक ही चैंपियनशिप के लिए लड़ेंगे तो मज़ा ही आ जाएगा। वैसे तो ये मैच रैसलमेनिया 34 में होगा, या सिर्फ तब होगा जब बहुत ज़्यादा ही ज़रूरी हो, वरना कम्पनी इसे तुरुप के इक्के की तरह ही इस्तेमाल करना चाहेगी। अगर ऐसा है तो फिर बैलर क्यों नही? आखिरकार उनमें भी तो दम है। इस मैच के ना होने का सिर्फ यही कारण हो सकता है कि फिन ब्रॉक के सामने बहुत ही छोटे से लगेंगे। हालांकि अगर उन्होंने अपनी आल्टर ईगो वाली मूव का इस्तेमाल किया तो वो एक अलग ही ज़ोन में चले जाते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उनका लैसनर को हराना लगभग नामुमकिन है। अगर ऐसा है तो डीन एम्ब्रोज़ के साथ एक मैच हो सकता है। रैसलमेनिया 32 में उनका ब्रॉक के साथ हुए मैच का रिजल्ट ना तो फैंस को और ना ही डीन को पसन्द आया था। एक रीमैच तो बनता है बॉस, आप क्या सोचते हैं? मिज़ तो हर किरदार में धमाल करते हैं और अगर आप उनसे ये उम्मीद करें कि वो एक बेबीफेस बन जाएं, और उसके बाद लैसनर से लड़ें तो भी एन्ड रिजल्ट वही आएगा, जो अमूमन आता है। यानी, लैसनर की जीत। अगर कोई लैसनर से लड़ सकता है तो वो है समोआ जो। उनके काम करने का तरीका लैसनर से मिलता है। दोनो बहुत ही अच्छी रैसलिंग करते है और इनके बीच एक मैच तो धमाल ही होगा। अगर ये भी नही तो फिर कौन? क्या आपने कहा ब्रॉन? वैसे आपकी राय गलत नही है, क्योंकि ये दोनों अगर एक साथ एक रिंग में होंगे तो धमाल ही होगा क्योंकि एक तरफ जहां ब्रॉन इतने लंबे चौड़े है तो वही लैसनर भी कुछ कम नही है। ब्रॉन ने हाल में ही रोमन रेंस को हराया है, और वो काफी शॉकिंग भी था क्योंकि रेंस टेकर को हराकर एक बड़ी ही पावरफुल पुश के साथ आ रहे थे। असलियत समझी जाए तो ये मुमकिन है कि लैसनर रैसलमेनिया 34 तक चैंपियन बने रहेंगे। अकेले तो उन्हें हराने वाला अभी कोई रैसलर WWE में दिख नही रहा, और वैसे भी अबतक वो सिर्फ वेटरन से हारे हैं, तो वो किसी नए लड़के से क्यों हारेंगे भला? ऐसा करके WWE को भला क्या फायदा होगा? लेखक: टॉम क्लार्क, अनुवादक: अमित शुक्ला