क्या फिन बैलर Vs ब्रॉक लैसनर जल्द होने के आसार हैं ?

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WWE पेबैक पर हुए एक स्पेशल मिज़ टीवी में फिन बैलर ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए, और वो ये कि उन्हें अपनी यूनिवर्सल चैंपियनशिप वापस चाहिए, फिर चाहे उसके लिए उन्हें ब्रॉक लैसनर से ही क्यों ना लड़ना पड़े। इस मैच में अपार संभावनाएँ है, और अगर ये मैच होता है तो इससे फिन को बहुत फायदा होगा और वो एक ऐसे स्तर के रैसलर बन जाएंगे जो वो आज से पहले नहीं थे। हालांकि वो जब से मेन रॉस्टर का हिस्सा बने हैं तब से ही बहुत अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं और इस मैच की कल्पना मात्र से ही फैंस को बहुत खुशी मिल रही है,लेकिन इसके होने के लिए WWE को बहुत कुछ करना होगा। ऐसा नहीं है कि फिन इस मैच के लायक नहीं है, या उनमें वो माद्दा नहीं है, लेकिन वो कोई और प्लेयर नहीं है, वो है ब्रॉक लैसनर, एक ऐसा चलता फिरता रैकिंग मशीन जो अपने सामने आने वाली हर चीज़ को तहस नहस कर देता है। ये वो रैसलर है जिसमे इतना माद्दा है कि उससे भिड़ने से पहले कोई भी रैसलर कम से कम 10 बार जरूर सोचेगा। उसे ऐसे ही बीस्ट इंकार्नेट नहीं कहते हैं। वहीं दूसरी तरफ फिन ने बड़े बड़ों से लड़ाई लड़ी है, इसलिए उन्हें ब्रॉक से कोई समस्या तो नही होनी चाहिए, लेकिन... लैसनर ना तो किसी की सुनते हैं, ना किसी के रोके रुकते हैं। उनकी फाइट, एक फाइट कम एक युद्ध जैसा होता है, जिसमे जब तक वो अपने प्रतिद्वंद्वी को मात नहीं दे देते उन्हें चैन नहीं आता। वो अपने दौर के माइक टाइसन से भी ज़्यादा खतरनाक है। उनके लिए मैच का मतलब सामने वाले की कुटाई करना है। एक तरफ रोमन रेंस बेबीफेस होकर भी वो सपोर्ट नहीं पाते जिसकी वो लगातार कोशिश करते हैं, वहीं दूसरी तरफ ब्रॉक को फैंस लगातार चीयर करते हैं। ये है ब्रॉक की सख्शियत का कमाल, और लैसनर अभी रुकने का नाम नहीं लेने वाले। WWE का ट्रैक रिकॉर्ड ही कुछ ऐसा है कि वो लगातार कुछ ऐसे फ़िउड करवाता है जो फैंस तो क्या खुद एक्सपर्ट्स की भी समझ से परे हैं, क्या फिन को वाकई में ब्रॉक के साथ इस वक्त लड़ना चाहिए? शायद खुद फिन भी ये सोच रहे हो कि कहीं उन्होंने ब्रॉक को चैलेंज करके कोई गलती तो नही कर दी। इस वक़्त ऐसा कोई भी रैसलर नहीं है जिसे फिन नही हरा पाएंगे, लेकिन ब्रॉक? क्या वाकई? इस मैच को करवा कर कम्पनी ये तो नहीं चाहेगी कि वो ब्रॉक को हरवा दे, क्योंकि इससे ना सिर्फ चैंपियन बल्कि कम्पनी की साख को भी ठेस पहुँचती है। इसके साथ ही हम फिन पर कोई लिमिटेशन नहीं लगा रहे हैं। अगर आपको आगे बढ़ना है तो उसका एक ही नियम है, और वो है कि अपने से बेहतर से कंपीट करो, हराओ, और बेहतर बनो, और आगे बढ़ते जाओ। ये सिद्धांत यहाँ भी लागू होता है। फिन से ज़्यादा अच्छे ब्रॉक है, और उनसे लड़कर बैलर को एक नया आयाम, कुछ नया सीखने को ज़रूर मिलेगा, जो लॉन्ग रन में मददगार साबित होगा। रैसलमेनिया 34 में लैसनर का कॉन्ट्रैक्ट WWE के साथ खत्म हो रहा है, और ये एक सही तरीका है कि WWE वक़्त रहते लैसनर की मदद से यंग सुपरस्टार्स को कुछ और ऊपर ले जाए। बैलर में वो करिज़्मा है कि वो एक मेन इवेंट स्टार बन सके, और उस चमक को आगे तक ले जा सके, तो एक मैच और उसमें भी लैसनर को हराना शायद उन्हें उसी राह पर ड़ाल दे। एक ट्राई करने में भला क्या जाता है? 004_balor_02112015ca_0033-638770590-1493608648-800 बैलर कि एक अलग और अद्भत छवि है, जो उन्हें डीमन किंग बनाती है, और आज तक सिर्फ द अंडरटेकर को छोड़ दे तो कोई भी ब्रॉक लैसनर के साथ साइकोलोजिकल माइंड गेम्स नहीं खेल सका है। ये पहली बार होगा कि कोई और भी उनके दिमाग के साथ खेलने कि कोशिश करेगा। बैलर में जैसा पोटेंशियल है, उसके आधार पर ये मौका तो उन्हें मिलना ही चाहिए। अब कंपनी ये चाहती है कि ब्रॉक और रैसलर्स को आगे बढ़ने का मौका दें और ऐसा करने से उनको भी फायदा होगा क्योंकि लोग उन्हें एक ऐसे रैसलर की तरह नहीं याद करेंगे जो सिर्फ अपने अपोनेंट को पीटता था, बल्कि एक ऐसे ओपोनेंट की तरह जो दूसरों को बढ़ने का मौका भी देता था। लेखक: टॉम क्लार्क, अनुवादक: अमित शुक्ला

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