WWF ने अपना नाम बदलकर WWE क्यों किया?

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साल 2001 में वर्ल्ड रैसलिंग फेडरेशन का नाम बदलकर वर्ल्ड रैसलिंग एंटरटेनमेंट करने के पीछे कई गलतफहमी हैं। कइयों के लिए ये बदलाव एक दौर के बदलाव की निशानी थी। खुनी और हिंसक एटीट्यूड एरा का दौर खत्म हो चूका था और अब इसकी जगह क्लीन-कट रुथलेस एग्रेशन एरा ने ले ली थी। इसके साथ ही WWE में फुल टाइम सुपरस्टार्स बनने लगे, जैसे स्टोन कोल्ड और द रॉक। इसके अलावा और भी कई नए चहेरे सामने आये। एरा के बदलाव के साथ ही नाम भी बदला, लेकिन नाम बदलने के पीछे ये कारण बिल्कुल नहीं था। साल 1980 में विंस मैकमैहन जूनियर ने टाइटन स्पोर्ट्स नामक कंपनी शुरू की और इसे नाम दिया WWF। झगड़ा यहीं से शुरू हुआ क्योंकि पहले से US एक संस्था थी जो इस नाम का इस्तेमाल किया करती थी। वर्ल्ड वाइल्ड फण्ड फॉर नेचर एक ब्रिटिश संस्था है, जो वन्य जीव की सुरक्षा और संरक्षण का काम करती है। इस चैरिटी की शुरुआत 1961 में हुई और उन्होंने तभी इस नाम का ट्रेडमार्क हासिल कर लिया। साल 1989 से ये चैरिटी US में WWF के नाम का इस्तेमाल करती थी और बाकि जगहों में वर्ल्ड वाइल्ड फण्ड फॉर नेचर का इस्तेमाल किया करती थी। साल 1994 में विंस मैकमैहन ने वर्ल्ड वाइल्ड फण्ड के सैग एक क़ानूनी करार किया जिसमें ये कहा गया कि वे अबसे WWF के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे और लाइव टीवी पर इसके इस्तेमाल को रोकेंगे। इसके साथ ही टाइटन स्पोर्ट्स को उनके लोगों में "वर्ल्ड रैसलिंग फेडरेशन" इस्तेमाल करने की इज्जत मिलनी चाहिए। साल 2000 में WWFN ने दावा किया कि करार के नियम भंग किये गए हैं और इसपर उन्होंने क़ानूनी रुख अपनाया। इस चैरिटी ने विंस की कंपनी को कोर्ट में लेकर गयी जहाँ पर WWE से 'WWF' इस्तेमाल करने की सभी पावर छीन ली गयी। इसके कुछ महीनों बाद लंदन कोर्ट अपील ने 2000 के इस निर्णय के खिलाफ केस लेने से इंकार कर दिया। जब ये आधिकारिक हो गया तब मंडे नाईट रॉ के एक एपिसोड पर इसकी औपचारिक घोषणा हुई। WWE का WWF नाम के नीच हुआ आखरी शो साल 2002 में UK के इंसुररेक्सतिओं में हुआ पे-पर-व्यू था। साल 2003 में WWE ने छोटा केस जीता जिसमें उन्हें उनके वीडियो गेम में THQ के साथ WWF का इस्तेमाल करने की इजाजत मिली। लेकिन केवल थोड़े समय के लिए। इस निर्णय ने कंपनी के हज़रों डॉलर बचाएं। वाइल्डलाइफ चैरिटी को सबसे ज्यादा तकलीफ इस बात की थी कि WWF एक नाम एक रैसलिंग संस्था से जुड़ा हुआ है जो की उनकी कंपनी खराब कर रही है। WWFN ने दावा किया कि उन्होंने ने अपना ब्रैंड बचाने और विंस मैकमैहन के गलत कामों से किनारा करने के लिए क़ानूनी रास्ता अपनाया। इस नाम के बदलाव के कारण WWE को लाखों का नुकसान हुआ क्योंकि स्टॉक में बदलाव करना पड़ा और तैयार मर्चनडाइज़ को दोबारा नाम बदलना पड़ा। इस तगड़े झटके के बावजूद कंपनी ने हिम्मत नहीं हारी और डट कर हो रहे इस बदलाव का सामना किया। कनेक्टिकट के स्टैमफोर्ड में WWE के मुख्यालय में काफी तनाव था। सभी इस बदलाव को सकारात्मक ढंग से लेने और दर्शकों को सकारात्मक ढंग से दिखाने के बारे में सोच रहे थे। साल 2001 में लिंडा मैकमैहन ने कहा, "हमारा नया नाम 'E' एंटरटेनमेंट पर जोर देता है और हम उसी के लिए जाने जाते हैं।" एक तरह से बदलाव एथेलेटिक एबिलिटी से एंटरटेनमेंट की ओर मुड़ गया था। नाम के बदलाव से पूरी पहचान बदल गयी, किसी भी संस्था के लिए ये हर स्तर पर काफी तनावपूर्ण होता है। इसका असर केवल फेस वैल्यू पर नहीं बल्कि लोगो, मर्चनडाइज़ क़ानूनी काम काज और स्टॉक शेयर बाजार पर भी पड़ता है। wwe-live-620x350-1477155773-800 इसका बाद अगले 15 सालों तक अपना वजूद हासिल करने के लिए WWE को कई पापड़ बेलने पड़े हैं। इस बदलाव से प्रोग्रामिंग में बदलाव हुआ और नए दौर की शुरुआत हुई। कैज़ुल रैसलर्स आज भी रैसलिंग के बारे में बात करते हुए WWE को WWF कहते हैं, जो की समझा जा सकता है। क्योंकि ये नाम कंपनी के एक यादगार दौर से जुड़ा हुआ था। हालांकि रैसलिंग दर्शकों को इस नाम के बदलाव से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। वे जानते थे की ये क़ानूनी काम के कारण हुआ है और इससे प्रोफेशनल रैसलिंग का भविष्य सुनिश्चित हो गया। लेखक: मैथयूस अबुवा, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी

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