ब्रॉक लैसनर शारीरिक स्वस्थता की सबसे बड़ी पहचान हैं। वे NCAA चैंपियन, WWE चैंपियन, UFC हैवीवेट चैंपियन, प्रोफेशनल फुटबॉल खिलाड़ी हैं। हम लैसनर की कड़ी मेहनत और उनके खान-पान पर एक नज़र डालते हैं। प्रोफेशनल रैसलिंग का खेल थोड़ा उलझा हुआ है। अगर आपका साइज़ अच्छा हो तो आपमें तेज़ी नहीं होगी और अगर तेज़ी हुई तो आपका साइज विशाल नहीं होगा। विंस मैकमैहन के स्पोर्ट्स इंटेरटेन्मेंट में आपके पास दोनों होने चाहिए। आपकी कद-काठी अच्छी होनी चाहिए और आपमें फुर्ती भी होनी चाहिए। कंपनी के टॉप स्टार बनने के लिए आपका शरीर ऐसा होना चाहिए, जैसे पत्थर से तराशा गया हो। 6’3 और 290 पाउंड के ब्रॉक लैसनर ने साल 2002 में डेब्यू किया। वे ऐसे मॉन्स्टर थे जिनमें टॉप रोप से सनफ्लिप करने की क्षमता थी। WWE उनसे इतनी प्रभावित हुई की उन्होंने अपना एकमात्र टाइटल लैसनर के कंधों पर डाल दिया। लैसनर 2004 तक कंपनी के साथ रहे। लैसनर ने बहुत पहले रैसलिंग शुरू कर दी थी और इसलिए ही उनका स्तर इतना बढ़ा। लैसनर एक देशी आदमी है और घर पर बने चीज़ें खाते हुए बढे हैं। चाहे बात दूध की हो या सब्ज़ियों की। वे एक हंटर थे और मीट उनके खुराक का अहम हिस्सा था। हाई स्कूल के समय लैसनर, रैसलिंग करते और फुटबॉल खेला करते थे। इसलिए उन्हें उनकी कद-काठी की ओर ध्यान देना बहुत ज़रूरी था। WWE के बाद लैसनर NFL में अपना करियर बनाना चाहते थे। प्रोफेशनल फुटबाल खेलने के लिए उन्हें और पटला और फुर्तीला होने की ज़रूरत थी। लेकिन दुर्भाग्य से उनके साथ बाइक दुर्घटना हुई जिसकी वजह से उनका ये सपना टूट गया। ब्रॉक लैसनर की ज़िंदगी के अगला दौर में ज्यादा चुनौतियां थी। रैसलिंग रिंग में लैसनर किसी भी रैसलर को मात दे सकते थे, लेकिन वे ये सब आलसी में करना चाहते थे। ट्रेनिंग कैम्प्स का माहौल बदल गया और लैसनर ज्यादा ट्रेनिंग करने लगे। लैसनर ने कभी खुलकर अपनी डाइट के बारे में किसी को नहीं बताया। UFC के समय लैसनर हर दिन 3,200 कैलोरीज वाला खाना और 300 ग्राम के प्रोटीन लेने लगे। लैसनर हमेशा से हाइ प्रोटीन डाइट लिया करते थे। इस तरह ही अलौकिक वर्क आउट के साथ ब्रॉक लैसनर जल्दी ही UFC वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन बन गए। रैसलिंग के दर्शकों का वो गुट जिन्होंने पहले लैसनर का स्वागत नहीं किया था वे सब अब उनके प्रसंशक बन गए थे। साल 2009 के बीच में जब लैसनर चैंपियन थे तब उन्हें मोनोकलेओसोस और डाइवरटीक्यूलिटिस हुआ। वे बीमार पड़ गए और उन्होंने माना कि इस तरह से वे कभी बीमार नहीं पड़े थे। वे काफी लम्बे समय तक बीमार पड़े रहे क्योंकि ज़िन्दगी भर वे पौष्टिक खाना छोड़कर प्रोटीन से भरा खाना खाते रहे थे। फाइबर की कमी के कारण उनके आंतों में ये समस्या आई। इसके बाद लैसनर का वजन 248 पाउंड हो गया। एक इंटरव्यू में लैसनर ने कहा, “यहाँ पर मेरे साथ समस्या ये हुई की मुझ में प्रोटीन तो भरपूर था, लेकिन फाइबर की कमी हो गयी। इसके मैं नेचुरल डाइट की ओर मुड़ गया और ज्यादा प्रार्थना करने लगा।" सर्जरी के बाद लैसनर ने अपने ज़िन्दगी में बड़े बदलाव करने के निश्चय किये। पहले वे बिल्कुल एक शिकारी थे, जैसे किसी असली बीस्ट की तरह, लेकिन फिर उन्होंने इसमें बड़ा बदलाव करने का निश्चय किया। पहले के मुकाबले वे अब स्थिर डाइट लेने लगे जिसमे मीट और आलू शामिल थे। ब्रॉक को हरी सब्जियां पसंद नहीं था, लेकिन उन्होंने उसे भी खाना शुरू कर दिया। ये नई डाइट ब्रॉक के लिए कारगर रही उन्होंने 2010 में वापस ऑक्टगन में एंट्री की और अनडिस्प्यूटेड हैवीवेट चैंपियन बने। 2011 में ब्रॉक MMA से वापस WWE में लौट आएं। यहाँ पर पार्ट टाइम रैसलर के रूप में उनका बहुत अच्छा कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। यहाँ पर लैसनर के मजे हैं। उनकी बुकिंग एक हार्ड हिटिंग हैवीवेट के रूप में की जाती हैं और उन्हें अपने करियर के शुरुआत में जैसे फुर्तीले थे, वैसे होने की ज़रूरत नहीं पड़ती। मौजूदा वर्किंग शेड्यूल को ध्यान में रखते हुए ब्रॉक ने अपना वर्क आउट कम कर दिया है। लेकिन उन्हें अपना साइज बनाए रखना पड़ता है। ब्रॉक के पुराने दोस्त और ऑन-स्क्रीन ऐडवोकेट पॉल हेमन कर कहा कि एक बार डिनर के समय लैसनर के अकेले का बिल $1400 आया था। हेमन ने कहा, ‘जब हम बाहर खाने जाते हैं तब 2-3 पॉटरहाउस एयर कुछ सब्ज़ियां मिला लेते हैं। इसके बाद थोड़े क्रैब और ढेर सारा पानी पीते हैं।" इसी संतुलित डाइट के दम पर लैसनर अपना करियर ऐसे मुकाम पर ले आएं हैं जहाँ पर उन्हें रोकने लगभग ना मुमकिन सा हो गया है। उनके फिटनेस को लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी, क्योंकि UFC 200 के मार्क हंट के समय जब लैसनर ने छह साल बाद वापसी की थी तब हमने उनका प्रभाव देखा था। उम्मीद है कि हम उन्हें ऑक्टगन में भी देख सकें और हमे मालूम है कि लैसनर ने वहां पर जो स्टैंडर्ड सेट किया है, उसपर खरे उतरेंगे। तब तक दर्शकों को उन्हें स्क्वायर सर्किल में देखना भी एक सौभग्य की बात है।