पूर्व WWE वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन द ग्रेट खली ने 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के साथ इंटरव्यू के दौरान WWE को लेकर कई सारी बातें की। उन्होंने भारत में WWE के प्रभाव और भारत के मौजूदा रैसलिंग परिदृश्य को लेकर बात की। WWE का भारत में प्रभाव और उनके कंपनी में बिताए गए समय के बारे में खली ने बताया कि वो WWE छोड़कर जाना चाहते थे लेकिन कंपनी उनका लगातार कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाती रही। उसके बाद 2014 में उन्होंने कंपनी छोड़ने का मन बनाया। द खली ने बताया, "WWE भारत में पूरी तरह से फेल रही है। WWE मैनेजमेंट ने सोचा कि वो पूरी तरह से खली का इस्तेमाल कर उन्हें छोड़ देंगे। जब मैं कंपनी के साथ था, तो मैंने कई बार WWE छोड़ने की कोशिश की। लेकिन वो लोग मुझे लगातार कॉन्ट्रैक्ट ऑफर करते चले गए।" द ग्रेट खली का मानना है कि भारत में रैसलिंग का भविष्य बहुत सुनहरा है। अगर इसे सही तरीके से आगे बढ़ाया जाए तो काफी तरक्की हासिल की जा सकती है। खली का मानना है कि भारतीय एथलीटों की मानसिकता काफी कमजोर है और उनमें से ज्यादातर लोग ड्रग्स पर निर्भर हैं। "ज्यादातर लोग ड्रग्स का इस्तेमाल कर अपनी परफॉर्मेंस सुधारने में लगे हैं। ये उन्हें कोई मेडल हासिल करने में मदद कर सकता है। मेडल जीतने के बाद उन्हें बहुत इज्जत और प्यार दिया जाता है लेकिन वो बाद में खेल का ध्यान लगाना भूल जाते हैं।" द ग्रेट खली ने WWE के साथ साल 2006 में कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। उन्होंने 2006 में मेन रोस्टर में डैब्यू करते हुए द अंडरटेकर पर अटैक किया और उनकी पहली दुश्मनी अंडरटेकर के साथ ही आगे बढ़ी। WWE करियर के दौरान द ग्रेट खली ने कई सारी बड़ी दुश्मनियां निभाई। इसके अलावा स्मैकडाउन पर उन्होंने WWE वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन बनने का कारनाम किया। WWE छोड़ने के बाद द ग्रेट खली ने जालंधर ने अपनी रैसलिंग एकेडमी की शुरुआत की। इंटरकॉन्टिनेंटल रैसलिंग एंटरटेनमेंट देश के रैसलरों को ट्रेन कर रही है। खली की शिष्या कविता देवी आज इसी प्रमोशऩ में ट्रेनिंग पाकर WWE का हिस्सा बनीं हैं।