WWE के रिंग में भारत की तरफ से आधे दर्जन से ज्यादा रैसलर अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। लेकिन द ग्रेट खली ने जो शिखर छुआ है उसने भारत को एक अलग पहचान दी है। WWE रिंग में दुनिया के दिग्गज अंडरटेकर, केन, जॉन सीना, बतिस्ता, बिग शो को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया भारत के ग्रेट खली ने। द ग्रेट खली का नाम दुनियाभर के फैंस की जुबान पर है। खली ने साल 2007 में वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप का खिताब जीता। इस समय अब खली भारत में सैंकड़ों महाबली पैदा करने के काम में लग गए हैं। पंजाब के जालंधर में द ग्रेट खली की ट्रेनिंग एकेडमी हैं। इस एकेडमी में देश भर से आए 50 से ज्यादा युवक-युवतियां फ्री स्टाइल कुश्ती के दांव-पेंच सीख रहे हैं। द ग्रेट खली भी इनके लिए काफी मेहनत करते है। और उन्हें वो सब देते है जो एक रैसलर को मिलना चाहिए। एकेडमी में दिन की शुरुआत कार्डियो एक्सरसाइज से होती है। 2 घंटे तक होने वाली इस कसरत में शुरुआत आसान एक्सरसाइज से की जाती है। समय बढ़ने के साथ ही ये कसरत मुश्किल स्टेज में पहुंचती जाती है। इस कसरत से रैसलर्स को रिंग में लगने वाली जान की बाजी के लिए तैयार किया जाता है। इसके बाद जब रैसलर का शरीर गर्म हो जाता है तो मौका आता है रिंग में उतरने का। खली की एकेडमी में एक दम वैसे ही दांव पेंच लगाए जाते हैं जैसे अंडरटेकर या द रॉक जैसे प्रोफेशनल रैसलर्स लगाते हैं। सामने वाले रैसल पर कैसे हाथ-पैर से वार करना है? कैसे उसे रिंग में चित करना है? कैसे उसे रिंग से उठा कर बाहर फेंकना है? एक-एक दांव की बारीकी इस एकेडमी में सिखाई जाती है।
इसके बाद एक बार फिर बारी आती है जिम जाने की। दो घंटे तक इसके बाद जिम में पसीना बहाना पड़ता है। खली की माने तो वेट ट्रेनिंग कुश्ती के सबसे अहम हिस्सा है। भारतीय पहलवानों को ट्रेन करने के लिए बकायदा खली ने अमेरिकी कोच रखा है। अमेरिका में बड़े बड़े पहलवानों के ट्रेन कर चुके रेक्स इस एकेडमी का अहम हिस्सा बन चुके है। इस समय लगभग 8 विदेशी कोच यहां इन पहलवानों को ट्रेनिंग करवाते है। ये लगभग 6 से 8 घंटे की ट्रेनिंग इन्हें देते है। रिंग के नीचला हिस्सा सिर्फ लोहे से बना होता है। फर्श के नाम पर लकड़ी के फट्टे और ऊपर रेक्सिंग की चादर यानि चोट से बचने के लिए आपको रिंग की बजाए ट्रेनिंग पर निर्भर रहना होता है। ये यहां पर सिखाया जाता है।
इस एकेडमी में देश के कई हिस्सों से युवक युवतियां आई है। टीवी पर WWE की चमक-दमक देख कर एक युवक तो अपनी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर पहलवान बनने इस एकेडमी में आ गया।खली का इरादा WWE की तर्ज पर भारत में CWE यानि continental Wrestling Entertainment नाम की लीग शुरू करने का है। खली ने अपनी एकेडमी का भी यही नाम दिया है। लक्ष्य है पहले भारत के अलग-अलग शहरों में रैसलिंग शो कराना और उसके बाद हर साल कम से कम तीन पहलवानों को WWE के लिए भेजना।