फिनिशिंग मूव हमेशा से रैसलिंग प्रसंशकों की कमज़ोरी रही है क्योंकि ये किसी भी रैसलर की सबसे ताकतवर मूव होती है। सालों ने हमने कई सुपरस्टार्स के फिनिशिंग मूव पर दर्शकों के रोंगटे खड़े होते हुए देखे हैं। यहां पर हम "स्पीयर" फिनिशिंग मूव के बारे में बात करेंगे।
बेसिक्स
स्पीयर एक शोल्डर ब्लॉक हैं। यहां पर रैसलर्स अपने कंधे के ज़रिए विरोधी के शरीर पर जोरदार पुश करते हैं। यहां पर फ़ोर्स बढ़ाने के लिए रैसलर थोड़ा दौड़कर आगे बढ़ते हैं। इसके करते हुए रैसलर का शरीर मैट से एकदम समानांतर होता है। इसके बाद विरोधी अपना बैलेंस खो बैठता है और पीछे की ओर जाकर मैट पर गिर जाता है।तकनीक
इस मूव को करने के लिए पहले अपने विरोधी से थोड़ी दूरी बनानी पड़ती है। तीन से चार कदम की दूरी दौड़ के लिए काफी होती है। दूरी बना लेने के बाद जब विरोधी पीछे से सामने की ओर मुड़े तो दौड़कर उसपर हमला करते हुए उसे गिरा देना चाहिए। नीचे गिराते हुए आपका कंधा विरोधी के बीच के हिस्से से लगा हुआ होना चाहिए। इसे करते हुए कभी भी सिर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इससे काफी चोट लग सकती है।पहला इस्तेमाल
स्पीयर के पहले इस्तेमाल को लेकर काफी उलझनें हैं, लेकिन कहा जाता है कि इसे सबसे पहले गोल्डबर्ग ने इस्तेमाल किया। हालांकि गोल्डबर्ग के पहले भी कई सुपरस्टार्स ने शोल्डर ब्लॉक का इस्तेमाल किया, लेकिन गोल्डबर्ग ने इसे लोकप्रिय बनाया। WCW के दिनों में काम करते हुए गोल्डबर्ग के नाम लम्बी विनिंग स्ट्रीक थी और वो इस दौरान स्पीयर का इस्तेमाल किया करते थे। उस समय शोल्डर ब्लॉक और जिम दुग्गन के स्पीयर जैसे मूव से इसकी काफी तुलना की जाती थी। लेकिन आज के स्पीयर को उसकी पहचान गोल्डबर्ग से मिली।Advertisement