अब चूंकि, 'बेस्ट ऑफ़ बोथ वर्ल्ड' का प्रोमो आ चुका है, ये बात भी तय है कि हमें अब को-ब्रांडेड पीपीवी में कुछ शानदार चीज़ें देखने को मिलेंगी। वैसे कई लोग इसे ब्रांड स्प्लिट की नाकामयाबी के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इससे लोगों को बेहद अच्छे घटनाक्रम देखने को मिलेंगे और भले ही इसपर विरोधाभास बना रहे, ये बात तो तय है कि फैंस का मनोरंजन तो ज़रूर होगा। आज हम आपको बताते हैं इस को-ब्रैंडेड पे-पर-व्यू के 5 फायदे और नुकसान:
#1 सकारात्मक: रैसलर्स के लिए
जबसे ब्रांड स्प्लिट हुआ है तबसे इस भागा-दौड़ी वाली नौकरी में रैसलर्स को एक-दूसरे से मिलने का मौका नहीं मिलता। वो लगातार सफर पर होते हैं और अपने शरीर को हमारे आनंद के लिए दांव पर लगा रहे होते हैं। इस तरह के को-ब्रैंडेड पे-पर-व्यूज़ इन रैसलर्स को एक-दूसरे से मिलने का मौका देंगे। आखिरकार, रैसलर्स रिंग में हील या बेबीफेस हैं, लेकिन परदे के पीछे तो सब दोस्त ही हैं।
#2 नकारात्मक: स्पॉटलाइट इशू
जब आपके पास अलग-अलग शोज़ होते हैं, और यहां हम पे-पर-व्यू की बात कर रहे हैं, तो आपके रैसलर्स को चमकने का मौका मिलता है। वहीं अगर आपके पास दोनों ब्रांड्स के रैसलर्स होते हैं तो मिडकार्ड या लोअर लेवल के सुपरस्टार्स को वो मौका नहीं मिल पाता जिसके वे हकदार हैं।
#3 सकारात्मक: शानदार मैच कार्ड
इससे एक फायदा ये होता है कि आपके पास परफॉरमेंस करने वालों की कमी नहीं होती और आपका कार्ड टॉप से लेकर बॉटम तक एकदम बेहतरीन रैसलर्स से भरा होता है। रैसलमेनिया 34 पर सबकुछ अच्छा था, ऐसा नहीं है और ना ही हम ये कह रहे हैं कि सबकुछ अच्छा ही होगा, लेकिन एक लम्बे चौड़े स्टैक्ड कार्ड से हमें अच्छे मैचेज की उम्मीद रहती है, और वो को-ब्रैंडेड पे-पर-व्यूज़ पर ज़रूर होगा।
#4 नकारात्मक: कम महत्वपूर्ण होना
पहले ये होता था कि साल में महज 4 महत्वपूर्ण शोज़ यानी कि पे-पर-व्यूज़ हुआ करते थे, जिसकी वजह से समरस्लैम और सर्वाइवर सीरीज पर हमें कई अच्छे मैचेज देखने को मिलते थे और लोग उनका इंतज़ार करते थे। अब बैकलैश को देखिए तो आप जान जाएंगे कि दोनों ब्रांड्स के रैसलर्स जब एक साथ होते हैं तो उस बात का क्रेज़ ही खत्म हो जाता है जो पहले 4 महत्वपूर्ण शोज़ के दौरान होता था। अब सिर्फ ट्रैवेल पैकेज और NXT टेकओवर स्पेशल्स ही महत्वपूर्ण हैं।
#5 नकारात्मक: लम्बे इवेंट्स
पिछले कुछ सालों के रैसलमेनिया देखिए और आप ये समझ जाएंगे कि लम्बे इवेंट्स कितने थका देने वाले होते हैं। ऐसा नहीं है कि हर शो ऐसा होगा, लेकिन बड़े शोज़ के अलावा लगभग हर शो इस पीड़ा से गुज़रता है, इसलिए अगर कोई बी-शो हुआ तो वहां क्या होगा? लम्बे इवेंट्स का अर्थ ये नहीं होता कि अगर आपके पास एक स्टैक्ड कार्ड है तो आप शो की सीमा बढ़ा दें - जैसा कि रैसलमेनिया पर हुआ, जो प्री-शो को मिलाकर 7 घंटे का रहा। लेखक: हैरी कैटल; अनुवादक: अमित शुक्ला