पूर्व नेशनल रग्बी लीग (NRL) प्लेयर डेनियल विडोट ने कंफर्म किया है कि वो WWE के साथ 3 साल की डील साइन करने के बाद "समोअन घोस्ट" बनेंगे। विडोट ने अपने नए नाम घोस्ट विन क्वेड (द समोअन घोस्ट) का खुलासा सोशल मीडिया पर किया है। 28 साल के पूर्व ब्रिसबेन ब्रोंकॉस प्लेयर ने पिछले साल सक्सेसफुल ट्रायल के बाद यह डील पूरी की है और उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें सुझाव किसने दिया था। इसके अलावा उन्होंने अपने कैरेक्टर के कुछ बैकग्राउंड और क्यों उन्होंने USA आने का निर्णय लिया पर भी बात की। डेनियल विडोट 28 साल के पूर्व नेशनल रग्बी लीग प्लेयर हैं और पिछले साल ट्रायल में कामयाब होने के बाद WWE में डैब्यू करने के लिए तैयार हैं। विडोट ने इंटरनेशनल लेवल पर समोआ को रिप्रजेंट किया है और नेशनल रग्बी लीग में कैनबरा रेडर्स, सेंट जॉर्ज लवारा ड्रैगंस, ब्रिसबेन ब्रोंकॉस और गोल्ड कोस्ट टाइटंस के लिए विंगर के रूप में खेल चुके हैं। Just to set everything straight haha Meet ‘GHOST VIN QUADE’ (Samoan Ghost). ✌?? #wwe #teamvidot #GVQ A post shared by Daniel Sean Vidot GVQ (@danielvidot) on Jun 19, 2018 at 7:22pm PDT उन्होंने सुपर लीग में शैल्फोर्ड रेड डेविल्स के लिए भी खेला है। समोअन ने रैसलिंग में करियर बनाने के लिए रग्बी से संन्यास लिया और अब WWE के साथ साइन कर चुके हैं। The Courier-Mail से बात करते हुए विडोट ने कंफर्म किया कि आखिर क्यों उन्होंने WWE के साथ साइन किया और वो WWE में क्या बनेंगे तथा किसने उन्हें साइन करने के लिए राजी कराया। "यह काफी अलग प्रोफेशन है और मुझे सूट करता है। मैंने हमेशा शो बनाने की कोशिश की है और मुझे लगता है कि मुझे नया पैशन मिल गया है।" विडोट ने अपना नाम तो रिवील कर दिया लेकिन उन्होंने अपने कैरेक्टर के बारे में भी बात की। "वो एक प्रकार का समोअन घोस्ट है। मैं चीकी हूं लेकिन मैं अपने कोने में जाकर अपना खुद का स्पेस पाना पसंद करूंगा। तो मैं सोचता हूं कि यह काफी इंट्रेस्टिंग कैरेक्टर साबित होने वाला है।" विडोट ने रैसलिंग में करियर बनाने के लिए सुझाव देने के पीछे जिमी उसो का नाम बताया है। "जिमी ने मुझे विस्तार से बताया कि यह कितना कठिन होने वाला है खास तौर से मेरे पार्टनर के लिए इस वर्ल्ड में होना। यह कुछ ऐसा था जिसे मैं यह च्वाइस बनाने के लिए जानना चाहता था। जो व्यक्ति इंडस्ट्री को समझता है उसका आपके साथ होना काफी सुखद होता है।" लेखक: गैरी कैसिडी, अनुवादक- नीरज पाण्डेय