टीजे पर्किन्स ने अपना नाम को छोटा करने का कारण बताया

Wrestling Observer के ब्रायन और विन्नी शो के द्वारा फैलाई गई अफवाह के बाद पूर्व क्रूजरवेट चैम्पियन टीजेपी, (जिन्हें टीजे पर्किन्स के नाम से भी बुलाया जाता था) ने ट्विटर पर जाकर अपने नाम बदलने का कारण बताया।

अफवाह के मुताबिक उनके नाम को विंस मैकमैहन के इशारे पर छोटा किया गया है, जो उनके नाम को अपनी खाने संबंधी प्राथमिकता के कारण पसंद नहीं करते थे। टीजेपी जिनका असली नाम थिओडर जेम्स पर्किन्स है, WWE के रॉ और 205 लाइव के अपने क्रूज़वाइट शो पर नियमित रूप से नजर आने वाली सुपरस्टार हैं। वे सबसे पहले क्रूजवेट क्लासिक टूर्नामेंट के विजेता रह चुके हैं और नेविल के खिलाफ क्रूजवेट टाइटल के लिए हालिया सबसे ज्यादा मुकाबले हारने वाले भी वही हैं। पर्किन्स का नाम आधिकारिक रूप से छोटा होकर टीजे पर्किन्स रखा गया था जिसे एक हफ्ते पहले और छोटा करके टीजेपी कर दिया गया और WWE ने इसी के लिए एक ट्रेडमार्क बनाया। रैसलिंग ऑब्जर्वर न्यूज़लेटर के ब्रायन अल्वरेज ने हाल ही में बयान दिया था कि क्यों टीजे पर्किन्स का छोटा करके टीजेपी कर दिया गया। उनके अनुसार कथित तौर पर विंस मैकमैहन "पर्किन्स" रेस्टोरेंट चेन से नफरत करते हैं और नहीं चाहते की उनका ब्रांड लोगों को किसी भी तरीके से इस रेस्टोरेंट की याद दिलाता रहे। अफवाहों को सुनने के बाद, टीजेपी, जो ट्वीटर पर बेहद एक्टिव रहते हैं, ने एक ट्वीट के जरिये तुरंत ही इस बात को यह कहते हुए साफ़ किया कि उन्होंने खुद ही अपने नाम को छोटा करके टीजेपी करने को कहा था और इसमें इससे ज्यादा और कुछ भी नहीं है। अब जबकि टीजेपी, नेविल के खिलाफ एक मुकाबले में अपना क्रूजवेट टाइटल मैच हार चुके हैं, यह देखना अब भी बाकी रह गया हैं कि क्या वो अब भी 205 लाइव की टाइटल पिक्चर में बने रहेंगे।हालांकि विंस मैकमैहन के रेस्टोरेंट की वजह से उनके नाम को बदलने की अफवाहों ने इस बात को हाल फिलहाल आधारहीन साबित कर दिया है। विंस मैकमैहन इस तरह के उटपटांग फैसले लेने के लिए बदनाम हैं, हालांकि पर्किन्स टीजेपी के असल जीवन का सरनेम है और ऐसा लगता है कि उनके पूरे नाम को छोटा करने के पीछे किसी अन्य कारण के मुकाबले ट्रेडमार्क का कारण ही ज्यादा प्रभावी है। WWE ने अब टीजेपी के लिए ट्रेडमार्क पर अधिकार कर लिया है और वे इसे अपने व्यापार को बढ़ाने और साथ ही अपने सबसे बेहतरीन क्रूजवेट में से एक की लोकप्रियता को भुनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता कि पर्किन्स को इस बात से कोई भी समस्या है, यह उन सभी के लिए फायदे का सौदा है जो इसमें शामिल हैं।

लेखक - दुष्यंत दुबे, अनुवादक - दीप श्रीवास्तव
Edited by Staff Editor
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