क्या होता अगर साल 2005 में एडी ग्युरेरो की मृत्यु ना होती तो ?

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एडी ग्युरेरो आधुनिक युग के सबसे ज्यादा सम्मानित किये जाने वाले रैसलर हैं। उनकी कहानी कड़ी मेहनत, बैकस्टेज पॉलिटिक्स, व्यक्तिगत संघर्ष, अविश्वसनीय वापसी और खतरनाक नुकसान से भरी हुई है। इसलिए एडी ग्युरेरो की मृत्यु से WWE को भारी नुकसान हुआ। लेकिन क्या होता अगर ऐसा कुछ होता ही नहीं तो? अगर लैटिनो हीट आज भी जिंदा होते और अगले कुछ साल रैसलिंग करते तो कैसा होता? यहां पर हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। इस आर्टिकल में हम ये बात करेंगे कि एड़ी की मृत्यु के समय उनका करियर की दिशा में बढ़ रहा था और क्या होता अगर उनकी मृत्यु न हुई होती। तुरंत दिखने वाले बदलाव एड़ी अगर आज ज़िंदा होते तो सबसे पहले साल 2006 का रॉयल रम्बल बहुत अलग होता। उस रम्बल की सबसे खास बात थी #2 पर एंट्री करने वाले रे मिस्टेरिओ ने सभी बाधाओं को पार करते हुए रम्बल मैच जीता। इस स्टोरीलाइन में ये बताया गया कि मिस्टेरियो ये सबकुछ एडी ग्युरेरो को श्रद्धांजलि देने के लिए कर रहे थे। कई इस ट्रिब्यूट से खुश थे तो वही कईयों का मानना था कि रे मिस्टेरियो, एड़ी की मौत का फायदा उठाकर पब्लिसिटी कर रहे थे। लेकिन अगर एड़ी उस समय रॉयल रम्बल के लिए जिंदा होते तो रम्बल का नतीजा कुछ और होता। एड़ी के मौत के पहले तक रे मिस्टेरियो वर्ल्ड टाइटल के दावेदार भी नही थे। इसलिए उस समय एड़ी के रहने पर वो ही ख़िताब के प्रबल दावेदार बनते। इसके अलावा 2005 के अंत और 2006 के शुरू में एड़ी का फ्यूड बतिस्ता से चल रहा होता। कंपनी इसे एड़ी, रैंडी ऑर्टन और बतिस्ता के बीच ट्रिपल थ्रेट मैच करवाना चाहती थी। उस समय बतिस्ता के चोटिल होने की खबर थी और इसलिए यहां पर एड़ी अपना पहला वर्ल्ड हैवीवेट टाइटल जीत सकते थे। इस निर्णय का अर्थ बनता क्योंकि साल 2005 में ही वो वर्ल्ड चैंपियन लेवल के एथेलीट थे। वहीं ऑर्टन अभी बढ़ रहे थे और ख़िताब के हकदार नहीं थे। उस समय एड़ी की लोकप्रियता को देखते हुए हम सकते हैं कि वो रॉयल रम्बल 2006 में स्मैकडाउन के वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन के रूप में एंट्री करते। वहां पर वो अपना ख़िताब रैंडी ऑर्टन या बतिस्ता या फिर कर्ट एंगल के खिलाफ बचाते। इसमें से एड़ी बनाम एंगल के मैच की संभावना सबसे ज्यादा होती। इस वजह से रॉयल रम्बल का मैच कोई और जीतता। इसकी वजह से कई छोटे स्टार्स को बड़ा मंच मिलता और रे मिस्टेरियो इसे कभी नही जीत पाते। क्या ड्रीम मैच देखने मिलता? maxresdefault-1491796305-800 एड़ी एक लोकप्रिय और उम्दा रैसलर थे। पूरे 1990 के दौर में उन्होंने कड़ी मेहनत की व्यक्तिगत समस्याएं और बाकी कई चीजें उनकी राह में अड़चन डालते रहे। इन्ही वजहों से उन्होंने पहले कंपनी छोड़ी और फिर एक बदले हुए इंसान की तरह उन्होंने वापसी की। शॉन माइकल्स का करियर भी कुछ ऐसा ही था।साल 2002 में जब उन्होंने वापसी की तब वो बदले हुए इंसान थे। रैसलमेनिया 22 पर शॉन माइकल्स बनाम एड़ी ग्युरेरो के बीच का मैच शॉन माइकल्स बनाम कर्ट एंगल के मैच जैसा ही होता। दोनों स्टार्स में दर्शकों को अपनी ओर खींचने की काबिलियत थी जिससे ये मैच दिलचस्प बन जाता। WWE में उनके आखरी दिन कमाल के होते 1280x720-sgo-1491796534-800 अगर एड़ी की मौत साल 2005 में नहीं हुई होती तो उनका करियर कितना बाद हो सकता था। उन्होंने डेब्यू साल 1987 में किया था और अगर आज तक रैसलिंग करते तो उनका तीसरा दशक पूरा होता। लेकिन इसकी संभावना कम ही थी और शायद वो 2009 या 2010 में सन्यास ले लेते। 38 साल की उम्र में एड़ी का देहांत हुआ था। अगले चार या पांच साल रैसलिंग करने के बाद वो 40 की के पार हो जाती। इसी उम्र के आस पास कई रैसलर्स सन्यास ले लेते हैं। इस समय तक उनका शरीर उनका साथ नहीं देता और कई स्वास्थ समस्याएं शुरू हो जाती है। साल 2004 में अपने पहले ख़िताबी दौर के साथ एड़ी का स्वास्थ भी ठीक नहीं था। किसी तरह से अगर वो टिक जाते तो अपने करियर के अंत मे वो कमाल का मैच देते। 2005 के अंत मे बतिस्ता को हराकर एड़ी WWE वर्ल्ड हैवीवेट टाइटल जीतते और फिर रॉयल रम्बल पर इसे हार जाते। इसके बाद रैसलमेनिया 22 के लिए शॉन माइकल्स बनाम एड़ी ग्युरेरो के मैच की ओर बढ़ सकते थे। यहां पर एड़ी ग्युरेरो एक दिग्गज स्टार बन जाते और कई युवाओं को पुश देते। इसके बाद बॉबी लाश्ले, एज, द अंडरटेकर और फिर सीएम पंक जैसे स्टार के साथ उनका मैच हो सकता था। इसके बाद एड़ी ग्युरेरो का स्तर अंडरटेकर जैसा होता। अंत मे एड़ी ग्युरेरो का आखरी फ्यूड सीएम पंक से होता। यहां पर पंक के हाथों एड़ी ग्युरेरो का करियर खत्म किया जा सकता था। ये बेहतरीन स्टोरीलाइन होती जहां पर अड़ियल सीएम पंक की भिड़ंत सुलझे हुए एड़ी से होती। एक समय पर एड़ी ग्युरेरो भी सीएम पंक की तरह थे, लेकिन फिर उन्होंने अपने अंदर के शैतान को खत्म किया। ये रैसलमेनिया XXVI का मैच बन सकता था जहां पर एड़ी ग्युरेरो का करियर दांव पर लगा हो। तकनीकी रूप से ये कमाल का मैच होता और रैसलमेनिया XXVI पर हमे शॉन माइकल्स के साथ एड़ी ग्युरेरो का भी आखरी मैच देखने मिलता। लेखक: एलेक्स पॉडगार्स्की, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी