WWE में द शील्ड का जन्म ही नहीं होता तो क्या होता?

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कुछ समय के लिये ऐसा सोच लेते हैं कि 18 नवंबर 2012 को हुए सर्वाइवर सीरीज के थ्री वे डांस पर अगर सीएम पंक, बिना सैथ रॉलिन्स, रोमन रेन्स और डीन एम्ब्रोज़ की मदद से जॉन सीना और रायबैक दोनों को हराने में कामयाब हो गए। उससे अच्छा ये सोच लीजिए की WWE में कभी शील्ड का डेब्यू ही नहीं होता। अगर हम ऐसा सोच रहे हैं तो इससे रोमन रेन्स और डीन एम्ब्रोज़ का करियर कभी आगे बढ़ता ही नहीं। तो इससे WWE यूनिवर्स का क्या होता? द शील्ड आज के समय में सबसे लोकप्रिय स्टेबल में से एक हैं और दुनिया भर के दर्शक इसे प्यार करते हैं। लेकिन WWE में इस स्टेबल का जन्म ही नहीं हुआ होता तो क्या आज रॉलिन्स, एम्ब्रोज़ और रेन्स को इतना प्यार मिलता? WWE यूनिवर्स बिना सैथ रॉलिन्स के कैश इन का, रोमन रेन्स के प्रति दर्शकों की प्रतिकिया और डीन एम्ब्रोज़ का लूनाटिक रूप के बिना कैसा होता? इसके बाद सामने एक सवाल आता है, क्या कभी रोमन रेन्स यहां तक पहुंच पाते ? ज़रा सोचिए रोमन रेन्स एक "पॉल हेमन गाए" के रूप में अपना डेब्यू करता और चैंपियन पंक का पीछा करते। पंक का रायबैक के साथ री मैच होता (क्योंकि उन्होंने केवल सीना को पिन किया था) और फिर रोमन रेन्स पंक को सुपरमैन पंच से ढेर करते और रायबैक को स्पीयर देते। पॉल हेमन के साथ अगर रेन्स का ऐसा हील रूप में डेब्यू करते और सीएम पंक पर वे हमला करते हुए उनका प्रोमो दिखाया जाता, तो आज रोमन रेन्स WWE यूनिवर्स के दिलों में वो जगह बनाने में सफल होते, जिसकी वे आज खोज कर रहे हैं। उनकी स्तिथि आज के मुकाबले मजबूत होती। इसके बाद अगर पॉल हेमन ब्रॉक लैसनर को WWE में लेकर आते और दोनों को एकसाथ जोड़कर स्टेबल बनाते। बाद में के स्टेबल टूटता और रैसलमेनिया 31 पर दोनों की भिड़ंत होती। जहां तक बात डीन एम्ब्रोज़ की है उनका डेब्यू नवंबर 2013 को मिक फॉली का पीछा करने के एक साल बाद होता। (ये अच्छा एंगल था, जिसपर काम नहीं हुआ) साल भर वे कमला का मैच देते और अपने आप को हार्डकोर रैसलर साबित करते। एम्ब्रोज़ NXT में विलियम रीगल के साथ कमाल के सीरीज का हिस्सा रहे थे। ऐसा ही वे यहां पर करते और फिर मिक फॉली, डेविड ओतुंग, स्कॉट 2 होट्टी, क्रिस्टीन, द डडली बॉयज, माइकल हेस और शॉन माइकल्स के साथ अच्छा काम करते और उन सभी का करियर खत्म करते। इसके बाद एम्ब्रोज़ अपने आप को "लेजेंड किलर" कहते, इसके बाद रैंडी ऑर्टन को मदद के लिए बुलाया जाता और इससे उनका स्तर भी बढ़ता। सर्वाइवर सीरीज 2014 पर एम्ब्रोज़ फॉली को हराते और फिर रैसलमेनिया 31 पर उनका सामना रैंडी ऑर्टन से होता। एम्ब्रोज़ को पहले अनस्टोपेबल हील के रूप में दिखाया जाता जिन्हें मेनिया 31 पर ऑर्टन के हाथों हार मिलती। फिर अगले 18 महीनों में वे कंपनी के सबसे बड़े बेबीफेस बनते। ऐसा करने से डीन एम्ब्रोज़ आज के मुकाबले अच्छी स्तिथि में होते। rollins-belt-1484090195-800 बात जहां सैथ रॉलिन्स की है तो ज़रा सोचिए वे NXT में रहते और दिसंबर 2012 को बिग ई के हाथों उनकी हार नहीं होती एयर 983 दिनों तक NXT चैंपियन बने रहते। अंत में उन्हें जापान के फिन बैलर के हाथों हार मिलती। सैथ रॉलिन्स को NXT का मुख्य रैसलर बनाकर बिग ई, बो डलास, नेविल, सैमी जेन और केविन ओवन्स को हराते। ये आईडिया कमाल का था। केविन ओवन्स को हराने के बाद फिन बैलर को जोरदार प्रतिक्रिया मिलती। इस NXT चैंपियन को फिन बैलर के हाथों हारने पर मिलने वाली प्रतिक्रिया, WWE चैंपियनशिप हारने के बाद पंक को मिली प्रतिक्रिया से ज्यादा होती। इससे NXT ब्रैंड को भी बहुत फायदा होता। करीब तीन साल तक एक एथेलेटिक रैसलर चैंपियन से इस ब्रैंड को फायदा होता। इसके साथ ही NXT पर हारने के बाद सैथ रॉलिन्स का आखिरी मैच रैसलमेनिया वीकेंड पर अपना डेब्यू कर रहे शूजी नाकामूरा से करवाना भी एक अच्छा आईडिया रहता। इसके बाद NXT में तीन कमाल के साल बिताने के बाद रॉलिन्स रॉ पर रैसलमेनिया की अगली रात डेब्यू करते। वहीं वे NXT में चैंपियनशिप के लिए बैलर, सामोआ जो, नाकामूरा जैसे कई रैसलर्स के लिए जगह बनाते। इससे ये डेवलपमेंटल प्रमोशन रोमांचक बन जाता। इसके बाद WWE के रॉस्टर पर नज़र डालिये जहां पर बेबीफेस रोमन रेन्स ब्रॉक लैसनर को हरा चूके हैं, डीन एम्ब्रोज़ जिन्हें "लेजेंड किलर" कहा जाता था जो अब लूनाटिक बन गए हैं और NXT में करीब 1000 दिनों तक चैंपियन बने रहने वाले सैथ रॉलिन्स साथ मिलकर केविन ओवन्स, क्रिस जेरिको जैसे विरोधियों का सामना करते। आज के मुकाबले ये स्टोरी दिलचस्प मालूम पड़ती है।