क्यों पिछले 1 साल के SmackDown का स्तर लगातार गिरता जा रहा है ?

2016 के WWE ब्रैंड स्प्लिट के बाद सबको ये उम्मीद थी कि कुछ नया और अद्भुत होगा, पर स्मैकडाउन के हाथ आए कुछ वेटरन्स जैसे कि मिज़, वर्ल्ड चैंपियन डीन एम्ब्रोज़, जॉन सीना, एजे स्टाइल्स और कुछ नए चेहरे जैसे कि एलेक्सा ब्लिस, बैरन कॉर्बिन, अमेरिकन एल्फा और अपोलो क्रूज़। स्मैकडाउन के महिला वर्ग में सिर्फ बैकी लिंच ही जाना पहचाना नाम थीं, जबकि उसोज़ टैग टीम डिवीज़न में नीचे की तरफ जा रहे थे। उस समय सारे बड़े सितारे जैसे कि सैथ रॉलिन्स, ब्रॉक लैसनर, फिन बैलर, रोमन रेंस रॉ का हिस्सा थे। ऐसा लग रहा था कि WWE अपने इस बी शो को कभी ए स्तर पर नहीं लाएगा, पर ये क्या? स्मैकडाउन ने खुद को 'लैंड ऑफ ओपोर्चुनिटी' कहा और अद्भुत मैचेज़ तथा स्टोरीलाइन्स शुरू की। इसकी वजह से लोगों का झुकाव स्मैकडाउन की तरफ हुआ, क्योंकि रॉ उस समय कुछ भी अच्छा नहीं कर रहा था। रैसलमेनिया 33 के बाद कहानी बदल गई क्योंकि सुपरस्टार शेकअप में हर वो स्टार जो स्मैकडाउन पर बड़ा बना, उसे रॉ पर बुला लिया गया। इसकी वजह से भी आप ये कह सकते हैं कि शो पर असर पड़ा, पर असली वजह थी नाकामुरा, बॉबी रूड, स्टाइल्स और शार्लेट को अच्छी कहानी और बुकिंग ना मिलना। अब जिंदर महल के चैंपियन बनने को ही ले लीजिए। वो उस समय WWE चैंपियन के लिए उपयुक्त नहीं थे और उसके बावजूद उनका हर रैसलर से जीतना नाकामुरा सरीखे रैसलर्स की प्रतिभा और नाम पर बुरा असर कर रहे थे। टैग टीम डिवीज़न में उसोज़ और न्यू डे के इलावा कोई और टीम आगे बढ़ी नहीं या बनाई नहीं गई, और महिला वर्ग में 6 विमेंस टैग मैचेज़ भी हर दिन नहीं देखे जा सकते। एक वो दौर था जब एलेक्सा ब्लिस ज़बरदस्त काम कर रही थीं, ब्रे वायट और रैंडी ऑर्टन का फिउड ज़बरदस्त था, स्टाइल्स बनाम सीना और मिज़ तथा ब्रायन के बीच जुबानी जंग अच्छी लगती थी। वहीं दूसरी तरफ अब आप देखिए तो ज़िगलर ने पहले टाइटल जीता, फिर उसे छोड़ दिया, और उनकी रॉयल रंबल पर वापसी वाली परफॉर्मेंस देखकर ये समझ नहीं आता कि उनका अगला मुकाम क्या है। NXT के सबसे अच्छे हील बॉबी रूड को फेस बनाकर WWE ने बेकार कर दिया है। अगर शेन और डैनियल के फिउड को कोई सही रास्ता नहीं मिल रहा (क्योंकि डैनियल को लड़ने की इजाज़त नहीं मिलेगी), तो उस कहानी को रोक देना चाहिए। उम्मीद है रैसलमेनिया 34 के बाद चीज़ें बेहतर होंगी। लेखक: नगाईंग भूटिया, अनुवादक: अमित शुक्ला