एटिट्यूड एरा की 5 बातें जिन्हें हम मिस करते हैं

एटिट्यूड एरा के जैसा WWE में कोई दूसरा एरा नहीं हुआ। दर्शक आज भी उस दौर को याद करते हुए कहते हैं कि उस दौर में रैस्लिंग ही सबसे अच्छी चीज थी। नई जनरेशन एरा में जहाँ पर WWE बच्चों के अनुकल था वहीँ वो बदलकर युवाओं के अनुकल हो गया। रैसलर्स जो बच्चो को उनके विटामिन लेने के कहते थे, उन्हें बदलकर बियर पीने वाले और ख़राब भाषा बोलने वाले हीरो आ गए। वें सब सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। इस दौर में दर्शकों को सबसे अधिक हिंसा ही देखने मिलती थी। इसमें कोई दो राय नहीं की उस समय WWE के प्रतिद्वंदी WCW और ECW ने एटिट्यूड एरा को नई पहचान देने में अहम भूमिका निभाई। खासकर तब जब WWE ने ECW के स्टार जैसे डडली बोयज़ और रह्यनो और फिर WCW के स्टार जैसे मिक फॉली को WWE में जोड़ा। मंडे नाईट वॉर से भी इसे एक अलग पहचान मिली। एटिट्यूड एरा की 5 ऐसी चीज़ों के बारे में चर्चा करते हैं जिसे हम आज काफी मिस करते हैं। 5). हिंसा और गलत काम aa5-1470727291-800 चाहे कोई कुछ भी कहे आखिरकार रैस्लिंग अंत में दो प्रतिद्वंदी आपस में भिड़ते हैं और उनमें मार-पीट होती है। लेकिन एटिट्यूड एरा में इस हिंसा का स्तर कुछ ज्यादा ही था। उस समय हमें लगातार और हमेशा हिंसक मैचेस देखने मिला करती थी। उन किरदार और हथियारों की वजह से रैस्लिंग का स्तर ज़रूर गिरा है, लेकिन इसके उल्ट मनोरंजन का स्तर काफी बढ़ गया। आजकल तो WWE ने गलत काम होते दिखाई ही नहीं देता। पिछले साल ही ब्रैड मडॉक्स को इसलिए निकाल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने बैकस्टेज प्रोमो में दर्शकों को "प्रिस्क्स" कहा था। एटिट्यूड एरा की बात कुछ और थी वहां पर सभी तरह के गलत तरीकों का भरपूर इस्तेमाल हुआ करता था। उस दौरान गलियां देना, बेइज्जती करना आम बात थी और आज हमें ये मनना होगा की हम इसे आज मिस करते हैं। 4.) खून बहाना stone-cold-1-1470727540-800 चाहे लोग जो भी कहें, रैस्लिंग मैच में अगर खून बहे तो मैच मजेदार बन जाता है, जैसे की NXT टेकओवर डलास में सामोआ जो और फिन बैलोर के बीच हुआ था। मुझे गलत मत समझना, क्योंकि मैं यहाँ पर खून-खराबे की वकालत नहीं कर रहा हूँ। लेकिन हम आज के WWE में उन बातों को याद करते हैं। खून बहने से हमे मैच के स्तर और उसकी गंभीरता का पता चलता है। असली खून बहाने के बदले WWE ब्लड पैक का इस्तेमाल कर सकती है, जैसा की उन्होंने रैसलमेनिया के पहले रोमन रेन्स और ट्रिपल एच के भिड़ंत के दौरान किया था। वहीँ दर्शक जो ब्लड पैक को लेकर इसकी आलोचना करते हैं उन्हें समझना चाहिए की रैस्लिंग एक खेल है और ये अब बर्बता के आगे बढ़ चुकी है। 3). द मंडे नाईट वॉर mondaynightwar-1470727644-800 एटिट्यूड एरा का जन्म हम वर्ल्ड चैंपियनशिप रैस्लिंग से कर सकते हैं, जहाँ पर ये शो युवा और वयस्कों के लिए बनने लगा। जबकि नई जनरेशन एरा में ये कम आयु के दर्शकों के लिये हुआ करता था। प्रो रैस्लिंग इतिहास की मजेदार स्टोरीलाइन है WCW की नई विर्ल्स आर्डर और ये भी एटिट्यूड एरा के साथ चल रही थी। इसी के कारण WWE ने भी अपने पैर पसारे। WWE की मंडे नाईट रॉ और WCW की नित्रो एक साथ सोमवार की रात को दिखाएं जाते थे। इसलिए दोनों में कड़ी स्पर्धा थी और दोनों दल नए नए क्रिएटिव आईडिया के साथ आते थे। यहाँ पर अब लड़ाई केवल पे पर व्यू को लेकर नहीं बल्कि हर हफ्ते की रेटिंग मायने रखती थी। आज कल हमे उस तरह की स्पर्धा फ्री टीवी पर हमेशा देखने कहा मिलेगी। आज जैसे मिडकार्ड मैचों को लेकर समस्या होती है, उस समय ऐसी समस्या नहीं थी क्योंकि हर हफ्ते की रेटिंग दोनों WWE और WCW के लिए अहम थी। इसलिए मिडकार्ड मैच को भी मजेदार बनाया जाता था। रॉस्टर के सभी रैसलर्स को पता था कि रेटिंग उनके लिए कितनी ज़रूरी है और वें सब अपने आप को इस टीम का हिस्सा समझते थे। 2. अनिश्चितता विंस रुस्सो की एक खास बात है जिसे नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता, वो है कि वें अनिश्चितता से भरी स्टोरी लिखा करते थे। कई बार वें बकवास लिखा करते थे, लेकिन वो भी अनिश्चित हुआ करता था। WWE को मंडे नाईट रॉ जीतवाने में उनका बड़ा हाथ था और उसके बाद वें WCW से जुड़ गए और फिर WCW का जो हाल हुआ वो हमें मालुम है। आज कल के मैचों में अनिश्चितता कम होने का मुख्य कारण है इंटरनेट। ऐसा एटिट्यूड एरा में नहीं हुआ करता था क्योंकि आपको पता नहीं होता था कि कौन मैच में दखल देगा। WWE या WCW में किसका मुकाबला किस के साथ होगा ये पता नहीं हुआ करता था। उस समय की एक खास बात ये है कि वहां पर शो चलाने का कोई फार्मूला या फॉर्मेट नहीं था। जैसे की आज हम जानते हैं कि रॉ का शो 20 मिनट के प्रोमो के साथ शुरू होगा। और भी कई छोटी-छोटी बातें हैं जिससे शो का अंदाजा लगाया जा सकता है। 1. रिंग के बाहर तक लड़ना shane-summer_slam_1.1-1470728119-800 एटिट्यूड एरा ने रैस्लिंग की दुनिया में बड़ा परिवर्तन लाया। आज के मैचेस केवल रिंग तक ही सिमित है, लेकिन गोल्डन एरा के दर्शकों से पूछिए वें ऐसे कई उदहारण दे देंगे जहाँ पर रैसलर्स ने मैच को रिंग के बाहर भी लड़ा। चाहे वो बैकस्टेज लड़ाई हो, दर्शकों के बीच लड़ाई हो या एरीना के बाहर सड़कों पर। इसके यादगार बैकस्टेज झगडे कौन भूल सकता है। खासकर 24×7 हार्डकोर चैंपियनशिप का नियम और सुपरमार्केट का वो दृश्य जहाँ पर स्टोन कोल्ड बुकर टी की पिटाई किये जा रहे हैं। दर्शक वो समय मिस कर रहे हैं, जब किसी को मैच का अनुमान नहीं होता था और कहीं भी किसी भी समय लड़ाई छिड़ सकती थी। आज की लड़ाइयां केवल रिंग तक ही सिमित है। लेखक: प्रत्यय घोष, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी