पिछले सात सालों से हमने देखा है कि WWE अपने मेन शो में पार्ट टाइमर्स के ऊपर निर्भर हैं। तब से लेकर अभी तक लगातार ऐसा हो रहा है। मेन शो में बड़ा सुपरस्टार्स जब तक नहीं आता है, तब तक फैंस को भी मजा नहीं आता। एक तरह से कहा जाए तो WWE ने फैंस को इसकी आदत लगा दी है।
द अंडरटेकर, द रॉक, ब्रॉक लैसनर, जॉन सीना, ट्रिपल एच, क्रिस जैरिको जैसे कई पार्ट टाइमर है जो ये काम कर रहे हैं। हालांकि ये बात भी कहनी चाहिए ये सभी स्टार पॉवर हैं। और इनमें शानदार मैच देने का माद्दा है। शानदार प्रोमो भी ये देते है। जिसके जरिए समरस्लैम और रैसलमेनिया जैसे इवेंट को अच्छा बनाया जाता हैं। ये सुपरस्टार्स साल में एक दो बार ही आते है, जिससे नुकसान भी होता है।
लेकिन प्रोडक्ट को क्यों नुकसान होता है? ये सिंपल है क्योंकि WWE पार्ट टाइमर पर कुछ ज्यादा ही भरोसा करता है और फुल टाइमर जिनके पास टैलेंट है उन्हें इस्तेमाल नहीं करता। रैसलमेनिया और समरस्लैम में बड़ी दिक्कत होती है। क्योंकि रैसलमेनिया के बाद पार्ट टाइमर आराम करते हैं। और इसके बाद फिर समरस्लैम में दिक्कत होती है।
अप्रैल से जुलाई तक WWE फिर फुल टाइमर्स पर निर्भर हो जाता है। लेकिन ये काम नहीं आता क्योंकि अगर आप पूरे साल किसी को सीरियस नहीं ले पाओगे तो अचानक से कैसे ये हो जाएगा? फुल टाइमर जब मोमेंटम बनाते है तो फिर पार्ट टाइमर आ जाते हैं। जैसे मिज के साथ 2010 और 2011 में हुआ था। लेकिन रैसलमेनिया के मेन इवेंट में द रॉक और जॉन सीना आ गए। सभी को पता है कि रैसलमेनिया के वक्त व्यूवरशिप काफी अच्छी आती है।और अगर टैलेंटेड सुपरस्टार्स इस समय अच्छा काम नहीं कर पाए तो फिर फैंस इसका मजा आगे भी नहीं ले पाएंगे। जिस कारण भी नुकसान होगा।
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चीजें सही भी हो रही है। इस साल WWE पार्ट टाइमर्स पर ज्यादा निर्भर नहीं रहा है। ब्रॉक लैसनर ही ऐसे सुपरस्टार है जिन्हें प्रयोग किया गया है क्योंकि वो यूनिवर्सल चैंपियन हैं। अब WWE रोस्टर का इस्तेमाल कर रहा है। सैथ रॉलिंस, एजे स्टाइल्स, नाकामुरा, डेनियल ब्रायन, ब्रॉन स्ट्रोमैन ऐसे सुपरस्टार्स है जो कमी नहीं खलने देते। WWE यूनिवर्स इनसे खुश भी हैं। इस साल समरस्लैम में लैसनर के अलावा और कोई पार्ट टाइमर नहीं हैं। तो ये मजेदार होगा।