PWInsider की बदौलत WWE की ड्रग टेस्टिंग पॉलिसी के बारे में बड़ी अहम जानकारी सामने आई है। WWE ने उन सुपरस्टार का ड्रग टेस्ट नहीं करती, जो सिर्फ 1 ही मैच या सैगमेंट के लिए वापिस आते हैं। पिछले कई सालों से WWE अपनी ड्रग और वैलनेस पॉलिसी को लेकर बहुत ही ज्यादा सख्ती बरतती है। अगर कोई सुपरस्टार प्रतिबंधित पदार्थ लेता पाया गया तो उसके सस्पेंड कर दिया जाता है, भले ही वो कोई छोटा सुपरस्टार हो या फिर कोई चैंपियन रैसलर। जाने-माने रैसलिंग पत्रकार माइक जॉनसन ने बताया कि WWE उन रैसलरों का ड्रग टेस्ट नहीं करवाती, जो सिर्फ 1 अपीयरेंस करने के लिए कंपनी में वापिस आते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो 2018 के रॉयल रम्बल मैच में हरिकेन की वापसी हुई थी। WWE द्वारा हरिकेन का कोई भी ड्रग टेस्ट नहीं कराया गया। जॉनसन की रिपोर्ट के मुताबिक, WWE जब किसी रैसलर को फुल टाइम कंपनी के साथ साइन करती है, तब उसका टेस्ट कराया जाता है। मान लीजिए, WWE जब किसी सुपरस्टार के साथ 1 साल का करार करती है, तो कंपनी उस सुपरस्टार को पिट्सबर्ग भेजती है, जहां उसका मेडिकल टेस्ट कराया जाता है। उसी के बाद रैसलर को WWE सुपरस्टार का दर्जा दिया जाता है। जॉनसन का ये भी कहना था कि अगर कोई सुपरस्टार कई बार ड्रग टेस्ट फेल कर चुका है या पहले वो ड्रग्स लेने का आदि रहा है, तो भले ही वो कंपनी में सिर्फ 1 मैच या सैगमेंट के लिए आए, उसका भी फिर टेस्ट कराया जाता है। क्रिस बैन्वा और एडी गुरेरो की छोटी उम्र में ही मौत के बाद से WWE ने अपनी ड्रग टेस्ट और वैलनेस पॉलिसी में बहुत सारे बदलाव किए हैं। अवैध पदार्थों का सेवन करने वाले सुपरस्टार्स को कंपनी द्वारा सस्पेंड कर दिया जाता है। अगर कोई सुपरस्टार 3 बार वैलनेस पॉलिसी में फेल रहा तो उसे कंपनी का हिस्सा कभी नहीं बनाया जाएगा।