WWE पेबैक आया और खत्म हुआ, और अब वक़्त है ये जानने का कि इस पे-पर-व्यू में कौन सही मायनों में जीता और कौन हारा। वैसे देखा जाए तो इस पे-पर-व्यू में सिर्फ रॉ के ही सुपरस्टार्स को भाग लेना चाहिए था, लेकिन हाल में हुए सुपस्टार शेकअप ने स्मैकडाउन के कुछ सुपरस्टार्स जैसे कि रैंडी ऑर्टन, केविन ओवेन्स को भी इसका हिस्सा बनने दिया, वरना संभावित मैचेज़ कभी हो ही नही पाते। अब आइए अंदाज़ा लगाते हैं कि कौन से मैचेज़ या सेग्मेंट्स में किस स्टार को फायदा और नुकसान हुआ।
लूज़र: फिन बैलर और द मिज़
सही में ये लिखते हुए ये सोच रहा हूँ कि इतने ज़बरदस्त रैसलर्स और प्री-शो में जगह। ये बात ठीक है कि इन दोनो का ना तो कोई मैच था और ना ही हर किसी के लिए मेन शो में जगह, लेकिन इन दोनों की काबिलियत देखते हुए, सिर्फ एक सैगमेंट और उसका भी वही अंजाम जो हम हर मिज़ टीवी का देखते हैं। खुद फिन ने यही कहा, तो फिर सच में इसमें नया क्या था? शायद WWE को कुछ और भी सोचना चाहिए था। इनका टैलेंट इस तरह नही वेस्ट होना चाहिए था।
विनर: सिज़ेरो और शेमस
सिज़ेरो और शेमस के पिछले कुछ हफ्तों पर अगर नज़र डालें, तो हम ये देखेंगे कि उन दोनों का बेबीफेस होना ना तो उनके लिए, ना ही कम्पनी के लिए कोई फायदा कर रहा था, लेकिन पेबैक पर उनके हील टर्न ने इसे एक नया आयाम दे दिया। जब से रिवाइवल रिंग से गायब हुए हैं, तब से लेकर आज तक हम यही चाह रहे थे कि कोई उनकी जगह ले, और अब शायद ये टीम ऐसा कर दे।
लूज़र: बेली
WWE में अब ये एक चलन बन गया है, जहाँ पर आप होमटाउन क्राउड के सामने उनके ही फेवरेट को हरवा देते हो। इसकी वजह से चैंपियनशिप की वैल्यू भी घटती है, और WWE की क्रिएटिव राइटिंग पर भी सवाल उठते हैं। ये सोचकर ही कितना अजीब लगता है, कि एक रैसलर रैसलमेनिया 33 में टाइटल जीतता है, और पेबैक पर हार जाता है। एलेक्सा वैसे एक अच्छी कंपटीटर हैं और उनके जीतने से इस मैच को और इस डिवीज़न को फायदा ही होगा।
विनर: माइकल कोल
एक नॉन रैसलर ने इस लिस्ट में अपनी जगह अपने नयेपन की वजह से बनाई है। एक अरसे बाद ऐसा लगा जैसे हम कोई अच्छी कमेंट्री सुन रहे है। पहली बार कुछ फ्रेशनेस महसूस हुई। पहली बार उन्होंने 'विंटेज ऑर्टन' नही बोला। उम्मीद करते हैं कि वो ऐसी ही अच्छी कमेंट्री आगे भी करते रहेंगे।
लूज़र: केविन ओवन्स
एक वेटेरन जो अगले हफ्ते से शो से नदारद रहेगा, उसको एक पे-पर-व्यू पर जिताने का क्या फायदा? आखिरकार, इससे केविन ही कमज़ोर दिखते हैं, और चैंपियनशिप की गरिमा को भी ठेस पहुँचती है। हम सब जानते हैं कि जेरिको ये टाइटल स्मैकडाउन पर हार जाएंगे, तो फिर ये सब करके क्या मिला? क्या इससे आप केविन को और ताकतवर दिखाना चाहते हैं? पर क्या वो मकसद इस तरह से एक स्टोरीलाइन को ट्विस्ट करके मिल पायेगा? ये तो आनेवाला वक़्त ही बताएगा।
विनर: सैथ रॉलिन्स और समोआ जो
अगर एक ऐसा मैच चल रहा हो जिसमें आपके दोनो फेवरेट लड़ रहे हों, तो आप भी असमंजस में आ जाते हैं कि अंजाम क्या होगा, और क्या उसमें वो मज़ा आएगा? इस पूरे मैच को WWE ने बहुत ही अच्छे से बुक किया था, और इसके लिए उन्हें बधाई भी दी जानी चाहिए। उन्होंने समोआ को एक बहुत ही ताकतवर इंसान की तरह प्रोजेक्ट किया और वो वैसे हैं भी, तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने सैथ को ये मैच जिताकर एक और अच्छी फाइट की नींव भी रख दी। आनेवाले वक़्त में ये दोनों और भी जबरदस्त परफॉर्म करेंगे, यही उम्मीद है।
लूज़र: WWE यूनिवर्स
जब ब्रॉक लैसनर ने यूनिवर्सल चैंपियनशिप टाइटल जीता था, तब लोगों ने ये सोचा था कि अब तो शायद टाइटल डिफेंस बहुत कम ही देखने को मिले और वो सही सोच रहे थे, क्योंकि हुआ बिल्कुल वही। एक पूरा पे-पर-व्यू, लेकिन टाइटल डिफेंस नही? ऐसे कौन करता है? पर उससे भी ज़्यादा था वो हाउस ऑफ हॉरर मैच जिसका ना सिर था, ना पैर। अगर कुछ अच्छा बुक कर देते तो फैंस खुश हो जाते, लेकिन यहाँ तो उनके हाथ निराशा ही लगी।
विनर: ब्रॉन स्ट्रोमैन
ब्रॉन स्ट्रोमैन रैसलमेनिया 33 में अपने प्रदर्शन से बहुत आगे आ गए हैं, और जिस तरह उन्होंने पेबैकपर रोमन रेंस की गत बनाई है, उस हिसाब से, ये देखना दिलचस्प होगा कि उन्हें कब ब्रॉक लैसनर के साथ एक चैंपियनशिप मैच मिलता है। लेखक: आकाश, अनुवादक: अमित शुक्ला