इस बार का मनी इन द बैंक काफी यादगार रहा और इस पे पर व्यू को हमेशा ही डीन एम्ब्रोज़ के लिए याद किया जाएगा। मंडे नाइट रॉ की शुरुआत हुई शील्ड के पूर्व तीन मेम्बर्स के साथ, जो एक साथ रिंग में नज़र आए। इस रात में तीन लोगों की वापसी हुई, जिसमे जॉन लौरीनेटिस भी शामिल थे, जिनकी वापसी जुलाई में होने वाले ब्रैंड स्पिलट के मद्देनजर हुई थी। इस हफ्ते रॉ में काफी कुछ हुआ और आइये नज़र डालते हैं रॉ की 5 बड़ी बातों पर: 1- बैटलग्राउंड में शील्ड आमने-सामने डीन एम्ब्रोज़ WWE के ऐसे चैम्पियन हैं, जिन्हें डेनियल ब्रायन के बाद WWE यूनिवर्स ने काफी पसंद किया हैं। पिछले काफी समय से ऐसा देखने को नहीं मिला था कि फैंस ने किसी चैम्पियन को इतना चीयर किया हो। हालांकि एमआईटीबी के बाद पहली रॉ में एक बार फिर शील्ड के सारे मेम्बर्स एक साथ रिंग में नज़र आए और उसके साथ ही सैथ रोलिन्स और रोमन रेंस के बीच बहस भी देखने को मिली। रोलिन्स अपने प्रोमो के समय काफी उत्साहित नज़र आए और उनमे एनर्जी की भी कोई कमी नहीं थी। रोलिन्स अभी विलन के किरदार में हैं, लेकिन वो एक अच्छे चैम्पियन साबित हो सकते हैं। रोलिन्स और रेंस के बीच मेन इवेंट के मैच रखा गया, जिसका विजेता बैटलग्राउंड में चैंपियनशिप के लिए डीन एम्ब्रोज़ से भिड़ेगा। हालांकि यह मुक़ाबले का रिजल्ट नहीं निकाल पाया और दोनों ही सुपरस्टार डबल काउंटआउट हो गए। इसके बाद रिंग में आए शेन मैकमैहन और उन्होने यह मुक़ाबला एक बार शुरू करने के लिए कहा, लेकिन डीन एम्ब्रोज़ ने कहाँ कि वो इन दोनों से लड़ने के लिए तैयार हैं। बैटलग्राउंड में हमे शील्ड के बीच में ट्रिपल थ्रेट मैच देखने को मिलेगा। पर बैटलग्राउंड में यह मुक़ाबला? इसके लिए तो इंतज़ार ही करना पड़ेगा। 2- ज़ेन और ओवंस की दुश्मनी दिसंबर 2014 से, केविन ओवंस और सेमी ज़ेन के बीच जंग सी छिड़ी हुई है, जिसका अंत होता नज़र नहीं आ रहा। इनकी दुश्मनी की शुरुआत हुई थी NXT से और अब इनकी जंग मेन रोस्टर और पे पर व्यू में भी नज़र आने लगी हैं। इस हफ्ते रॉ में इन दोनों का मुक़ाबला हुआ, जिसे सेमी ज़ेन ने जीता और इसके बाद ओवंस का गुस्सा बढ़ गया और यह दोनों आपस में भिड़ गए और इन्हें अलग करना मुश्किल हो गया था। इन दोनों की लड़ाई बढ़ती ही जा रही हैं और इससे किसी को कोई प्रॉब्लम भी नहीं होगी, क्योंकि इससे अच्छा कुछ और नहीं हो सकता। 3- एजे स्टाइल्स का नया रूप एजे स्टाइल्स हमेशा की तरह संतुष्ट नज़र आए और उन्होने इस हफ्ते रॉ में जॉन सीना के ऊपर मिली जीत का भी ज़िक्र किया। उसके बाद उन्होने क्लब के अपने साथियों को बाहर बुलाया और उन्हें सबसे माफी मांगने को भी कहाँ, जो क्लब के मेम्बर्स ने किया। उसी वक़्त सीना बाहर आए और उन्होने स्टाइल्स की आलोचना करी कि उन्होने कांट्रैक्ट को तोड़ा। स्टाइल्स ने जवाब देते हुए कहा कि मुझे नहीं पता था कि ऐसा कुछ होने वाला हैं। कार्ल एंडरसन और ल्यूक गैलोज़ ने भी कहा कि उन्होने कांट्रैक्ट साइन नहीं किया था कि वो इन सब से दूर रहेंगे। स्टाइल्स ने इसके बाद सीना को कहा कि तुम क्लब के एक मेम्बर को चुनो, जिसके खिलाफ तुम लड़ना चाहते हो और उन्होने कहा कि इस मुक़ाबले में कोई भी दखल नहीं देगा। हालांकि क्या एक विलन ऐसा कर सकता हैं ? लेकिन उन्होने जॉन सीना पर हमला किया। 4- साशा बैंक्स की वापसी पेज ने रॉ के पिछले दोनों मुकाबलों में शार्लेट को हराया हैं और यह बात पक्की थी कि इन्हें चैंपियनशिप के लिए मौका जल्द मिलेगा। इस मैच में कुछ खास पल थे, लेकिन इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि यह बात सब जानते थे कि शार्लेट यह मुक़ाबला जीतने वाली हैं और उन्होने डैना ब्रुक की मदद से यह मैच जीत भी लिया। लेकिन इस मैच के बाद वापसी हुई साशा बैंक्स की, उन्होने उसी तरह वापसी की जिस तरह वो रॉयल रंबल के टाइम आई थी, जब शार्लेट अपनी जीत का जश्न मना रही थी। हालांकि शार्लेट इस बार ज्यादा हैरान नहीं थी, लेकिन साशा ने जल्द ही शार्लेट पर हमला कर दिया और उन्होने अपने इरादे साफ कर दिए कि वो यहां चैम्पियन बनने आई हैं। शार्लेट को एक बात तो समझ में आ गई होगी कि साशा उनके लिए एक बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकती हैं। 5- ब्रे वायट की वापसी ब्रे वायट ने मंडे नाइट रॉ में वापसी की अपनी पूरी वायट फैमिली के साथ, उसमें बस ल्यूक हार्पर शामिल नहीं थे, जोकि अपनी चोट से उभर रहे हैं। उन्होने कहा कि उनकी टीम पहले से ज्यादा मजबूत हैं, लेकिन उन्हें बीच में रोका द न्यू डे ने। न्यू डे ने कहा कि वो सबपे पावर ऑफ पॉजिटिविटी लाना चाहते हैं, क्योंकि वायट फैमिली ने यहाँ बहुत ज्यादा नेगेटिविटी फैला रखी हैं। हालांकि ज़ेवियर वुड्स इस बीच काफी परेशान नज़र आए और ब्रे वायट उन्हें देख कर हस भी रहे थे। यह सब देखकर ऐसा लग रहा था कि ब्रे वायट वुड्स के दिमाग को कंट्रोल कर रहे हैं। वायट ने कहाँ कि द न्यू डे बुरी तरह से नीचे गिरेंगे और इसी तरह इस सेगमेंट भी खत्म हो गया। लेखक- रेशमा रामचंद्रन , अनुवादक- मयंक महता