WWE की रिंग को बनाने का पूरा तरीका

आजकल WWE का नशा पूरी दुनियाँ पर छाया हुआ है।WWE को 100 से ज्यादा देशों में देखा जाता है। भारत में तो यह खासा लोकप्रिय है। यहाँ पर हर घर में कोई न कोई रैसलिंग फैन जरूर मिल जायेगा।लेकिन हमारे मन में अक्सर कुछ सवाल उठते रहते हैं।अक्सर WWE की कमेंट्री टीम अक्सर टर्नबकल, एपरन, रोप्स, स्प्रिंगबोर्ड, और कवरिंग ऑन द फ्लोर जैसे शब्दों का इस्तेमाल करती रहती है। यह सभी रैसलिंग रिंग का हिस्सा होते हैं। वहीं हमें हमेशा लगता है कि रैसलर जब रिंग के ऊपर गिरते है तो उन्हें चोट लगती है या नहीं। चलिए जानते हैं कि WWE की रिंग कैसे तैयार होती है और इसके सभी हिस्सों के नाम क्या होते हैं।


1.ऐसे बनती है WWE रिंग

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन WWE रिंग का मुख्य हिस्सा यानी मैट जिसपर रैसलिंग की जाती है वह लकड़ी की बनी होती है। उसके ऊपर रबर की एक मोटी परत चढ़ी हुई होती है और फिर एक मोटे कपड़े की परत जिसपर रैसलिंग की जाती है। नीचे से लकड़ी को सहारा देने के लिए लड़की के नीचे लोहे के रॉड बिछे होते हैं जिनको मजबूत तारों के द्वारा खींचा गया होता है । रिंग जमीन से 3-4 फ़ीट ऊँची होती है और इसके चारों 8 फ़ीट के खंभे लगे होते हैं जो जमीन में धंसे होते हैं। इन्हीं खंभो के सहारे एक के ऊपर एक तीन केबल (रोप) चारों तरफ से बांधे जाते है। इन केबल के बीच मे 1-2 फ़ीट की जगह होती है। इन केबल को रबर की पाइपों और सिलिकॉन टेप से ढका जाता है। चारों कोनों पर लोहे के छल्ले लगे होते हैं जिसपर ये रोप्स टिकी होती हैं। लोहे के छल्लों को मोटे रबर से ढका जाता है। चूंकि रिंग जमीन से काफी ऊपर होती है मैच के दौरान इस्तेमाल होने वाले हथियार इसके नीचे रखे होते हैं और दर्शकों को रिंग के नीचे का हिस्सा ना दिखे इसको एक कपड़े से ढक दिया जाता है जिसपर WWE के लोगो लगे होते हैं। रिंग के आसपास के एरिया पर चारो तरफ मोटी रबर की चादर बिछी होती है और अक्सर मैच के दौरान इस एरिया पर भी रेसलिंग की जाती है। कभी कभार इस एरिया में रबर के नीचे स्टील भी लगी होती है। रिंग के दो कोनों पर रैसलर्स को चढ़ने के लिए स्टील की सीढ़ियां भी रखी होती हैं। आइये अब जानते है रिंग से जुड़े कुछ शब्दों के बारे में


एप्रन:

यह रिंग की रस्सियों से बाहर का हिस्सा है जिसमे अंदर के हिस्से को ढ़कने के लिए लगाया गया कपड़ा भी शामिल है।


2.टर्नबकल

यह रिंग के कोनो पर लगे छल्ले होते हैं जिसमे रस्सियों को फंसाया गया होता है। इन्हें मोटे रबर से ढका जाता है।


3.बैरीकेड

यह हिस्सा रिंग और दर्शको को अलग करता है यह प्रायः स्टील का बना होता है जिसपर रबर की परत चढ़ी होती है।


4.फ्लोर

यह बैरीकेड और रिंग के एप्रन के बीच का हिस्सा होता है जिस पर रबर की कवरिंग की जाती है


5.रिंग पोस्ट

रिंग के चारों कोनों पर लगे खंभो को रिंगपोस्ट कहा जाता है। हमने अक्सर देखा होगा कि रैसलर्स को इसपर मारा जाता है। रिंग पोस्ट का इस्तेमाल, लगभग हर मैच में होता है।

Edited by Staff Editor
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