जितना हमे याद है, WWE ने हर बार ये बताने की कोशिश की है कि बैटल रॉयल जीतने की सबसे ज्यादा संभावना बड़े मॉन्स्टर रैसलर्स की होती है। वैसे रॉयल रम्बल के इतिहास में 6 फीट 7 इंच से लम्बे केवल तीन ही रैसलर्स हैं जिन्होंने इसे जीता हो। वो हैं, बिग जॉन स्टड 1989, हल्क हॉगन 1990 और 1991 में और द अंडरटेकर साल 2007 में। आंद्रे द जाइंट बैटल रॉयल इसके बिल्कुल उल्ट है। इस प्रतियोगिता को तीन बार आयोजित किया गया है जिसमें से दो बार इसे 6 फीट 7 इंच से लम्बे रैसलर्स ने जीता। साल 2015 में इसे बिग शो ने तो साल 2016 में इसे बैरन कॉर्बिन ने अपने नाम किया। IWNerd की रिपोर्ट के अनुसार ये ट्रेंड इस साल भी जारी रहेगा। पिछले साल हुए ड्राफ्ट के बाद ब्रॉन स्ट्रोमैन ने मंडे नाईट रॉ में तूफ़ान मचा दिया है। पहले वो जॉबर थे और अब ब्रैंड के एक मुख्य रैसलर हैं। भले ही उन्हें हील के रूप में पुश किया जा रहा हो, लेकिन फिर भी दर्शक उनका समर्थन करते हैं। फास्टलेन के पहले तक उनके साथ सभकुछ सही चल रहा था। फास्टलेन पर रोमन रेन्स के खिलाफ उनका टॉप रोप से जम्प नाकामयाब रहा, जिसके बाद उन्हें रेन्स ला स्पीयर मिला और उन्हें पिन किया गया। इस हफ्ते के मंडे नाईट रॉ पर स्ट्रोमैन, डेडमैन के सामने से पीछे हट गए। रिपोर्ट में जिक्र की गयी अफवाहों के अनुसार ब्रॉन स्ट्रोमैन इस साल के रैसलमेनिया पर होनेवाला बैटल रॉयल जीत लेंगे। रिपोर्ट के अनुसार इसकी मदद से WWE, फास्टलेन पर हारनेवाले मॉन्स्टर स्ट्रोमैन को वापस उनकी पहचान दिलाएंगे। अगर स्ट्रोमैन इस मैच का हिस्सा बनते है तो वो सबसे ज्यादा प्रभावशाली दिखेंगे और रिंग में मौजूद रैसलर्स को आसनी से रिंग के बाहर कर सकते हैं। रॉयल रम्बल 2017 पर उन्होंने बड़े आसानी से मार्क हेनरी और बिग शो जैसे स्टार्स को एलिमिनेट कर दिखाया था। देखते हैं आनेवाले तीन हफ़्तों में क्या ब्रॉन स्ट्रोमैन अपने आप को आंद्रे द जाइंट मेमोरियल बैटल रॉयल का प्रतियोगी घोषित करते हैं या नहीं। मैं समझ सकता हूँ की रैसलमेनिया 33 पर द अंडरटेकर के सामने खड़े रहने के लिए रोमन रेन्स को जीत की सख्त जरूरत थी, लेकिन किसी दूसरे ढंग से बुकिंग करते हुए WWE रोमन रेन्स और ब्रॉन स्ट्रोमैन दोनों को बचा सकती थी। लेकिन फास्टलेन पर जैसी बुकिंग हुई है, उसके बाद वापस ब्रॉन स्ट्रोमैन की छवि सुधारने में WWE को समय लग सकता है। आंद्रे द जाइंट बैटल रॉयल पर ब्रॉन स्ट्रोमैन को सभी रैसलर्स पर हावी होते हुए जीत दर्ज करने की ज़रूरत है। लेखक: जैमी वकारो, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी