जॉन सीना खुद को फिट रखने के लिए करते हैं ये एक्सरसाइज़

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16 बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके और काफी लंबे समय तक WWE का चेहरा रहे जॉन सीना किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। जॉन सीना कई बड़े खिताब अपने नाम कर चुके हैं। उनकी सफलता का राज़ उनका सख्त और नियमित वर्कआउट प्लान है।

चलिए जानते हैं जॉन सीना के वर्कआउट प्लान के बारे में जो उनको एक शानदार और मज़बूत रैसलर बनाता है।

दी गई हर एक्सरसाइज़ के आप 15 रैप्स (रिपीट) कर सकते है#1 चेस्ट वर्कआउट

ये वर्कआउट केबल मशीन और वज़न की मदद से किया जा सकते हैं और छाती के हिस्से के मसल्स को और भी मज़बूत बनाया जा सकता है। इंक्लाइन बारबैल प्रेस- 5 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ करने से अपर पेक्टोरल मसल्स बनाने में मदद मिलती है। साथ ही ये एक्सरसाइज डेल्टॉइड्स और ट्राइसेप्स पर भी काम करती है।

इंक्लाइन मशीन प्रेस- 5 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ भी उन्हीं मसल्स पर काम करती है जिनपर इंक्लाइन बारबैल प्रेस काम करती है लेकिन ये मसल्स की स्थिरता के लिए आसान होती है।

मशीन फ्लाई- 3 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ अच्छी तरह से छाती के सभी मेजर और माइनर मसल्स पर काम करती है।

केबल फ्लाई- 3 सैट्स

छाती के ज़रूरी मसल्स पर काम करने के लिए आप केबल फ्लाई ज़रूर करें। ये एक्सरसाइज़ सभी कर सकते हैं।बैंच प्रेस- 3 सैट्स

छाती के मसल्स पर काम करने के लिए इसे एक मुख्य एक्सरसाइज़ मानी जाती है।

ं।

#2 बैक वर्कआउट

लैट पुलडाउन- 5 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ सभी मसल्स के साथ-साथ कमर के निचले हिस्से पर काम करती है।

श्रृग्स- 5 रैप्स

श्रृग्स कमर के निचले और मध्य भाग में ट्रैप्स और रॉम्बॉइडस पर काम करते हैं। इसे करने के लिए आप डंबल्स या बारबैल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बेंट बारबैल रोज़- 8 रैप्स

ये एक्सरसाइ लैट्स पर काम करती है बल्कि डेल्टॉइड्स, फोरआर्म्स और बाइसेप्स पर भी काम करती है। साथ ही ये मांसपेशिओं और निचले शरीर के ग्लूट्स पर भी काम करती है।

पुलअप्स- 4 सैट्स

पुलअप्स को कमर के लिए एक अच्छी एक्सरसाइज़ माना जाता है। साथ ही पुलअप्स फोरआर्म्स, बाइसेप्स और ट्राइसेप्स के लिए भी अच्छा माना जाता है।

डेडलिफ्ट्स- 5 सैट्स

कमर के निचले हिस्से के लिए डेडलिफ्ट एक अच्छी एक्सरसाइज़ है। साथ ही साथ डेडलिफ्ट्स गर्दन के मसल्स पर भी काम करती है।

हाई रोज़- 4 सैट्स

हाई रोज़ लैट मसल्स पर काम करने के साथ साथ कमर के निचले और ऊपरी हिस्से पर भी काम करती है।

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#3 शोल्डर वर्कआउट

मशीन ओवरहेड प्रेस- 5 सैट्स

मशीन ओवरहेड प्रेस के संतुलित मोशन की वजह से ये एक्सरसाइज़ कन्धों के सभी डेल्टॉइड्स हेड्स के लिए फायदेमंद होती है।

मशीन साइड लैटरल्स- 5 सैट्स

ये एक्सरसाइज डेल्टॉइड्स पर काम करने के लिए अच्छी मानी जाती है।

सीटेड मिलिट्री प्रैस- 3 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ एंटीरियर डेल्टॉइड्स के साथ साथ सभी डेल्टॉइड्स पर काम करती है।

स्टैंडिंग बारबैल प्रैस- 3 सैट्स

कन्धों के मसल्स के साथ साथ ये एक्सरसाइज़ कमर के ऊपरी हिस्से, बाइसेप्स और ट्राइसेप्स पर भी काम करती है।

रियर डेल्टॉइड मशीन फ्लाई- 5 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ कन्धे के पोस्टीरियर डेल्टॉइड हिस्से के लिए फायदेमंद होती है।

डंबल लैटरल्स- 3 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ मुख्य रूप से डेल्टॉइड्स को निशाना बनाती है।

#4 आर्म वर्कआउट

बारबैल कर्ल- 3 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ बाइसेप्स के साथ साथ फोरआर्म्स और कंधों के लिए लाभदायक होती है।

प्रीचर कर्ल- 5 सैट्स

अपने बाइसेप्स के निचले हिस्से पर काम करने के लिए ये एक्सरसाइज़ करें।

सीटेड डंबल कर्ल- 3 सैट्

ये एक्सरसाइज़ भी बाइसेप्स पर काम करती है। इसके साथ साथ ये एक्सरसाइज़ ट्राइसेप्स और कंधों पर भी काम करती है। रोप प्रैसडाउन- 3 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ ट्राइसेप्स के लिए काफी फायदेमंद है।

सीटेड बारबैल एक्सटेंशन- 3 सैट्स

ट्राइसेप्स के मसल्स के लिए ये एक बेहतरीन एक्सरसाइज़ है। साथ साथ इसका असर फोरआर्म्स और लैट्स पर भी होता है।

लाइंग ट्राइसेप्स एक्सटेंशन- 4 सैट्स

ये ना केवल ट्राइसेप्स पर असर दिखाती है बल्कि कन्धों, छाती, लैट्स और फोरआर्म्स के लिए भी कारगर एक्सरसाइज़ है।

#5 लैग वर्कआउट

काफ रेज़- 8 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ काफ मसल्स पर काम करती है।

लैग प्रैस- 5 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ ग्लूट्स, मांशपेशियां और क्वॉड्स के लिए असरदार एक्सरसाइज़ है। लैग एक्सटेंशन- 4 सैट्स

ये एक्सरसाइज़ मुख्य तौर पर मांसपेशियों और क्वॉड्स पर काम करने के साथ साथ काफ मसल्स पर भी काम करती है।

स्क्वॉट्स- 5 सैट्स

शरीर के निचले हिस्से के लिए स्क्वॉट्स एक ज़बरदस्त एक्सरसाइज़ है। ये टांगों के लगभग सभी मसल्स पर काम करती है। लेखक: क्रैडी, अनुवादक: उदित अरोड़ा

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