WWE अपने सुपरस्टार्स की एंट्री को और भी ज्यादा शानदार बनाने के लिए पायरोटैक्निक्स (आतिशबाजी) का इस्तेमाल करती थी। लेकिन WWE द्वारा अब पायरोटैक्निक्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। कंपनी द्वारा ये कदम खर्चे में कटौती करने के लिए उठाया गया है। हालांकि कुछ समय से यह रिपोर्ट सामने आ रही है कि इस साल रैसलमेनिया 34 में एक बार फिर पायरोटैक्निक्स का इस्तेमाल देखने को मिल सकता है।
आपको बता दें कि हर एक इवेंट के लिए अलग-अलग पायरो एफेक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। रॉ के एपिसोड के लिए औसतन 700, किसी भी पीपीवी के लिए औसतन 1500 और WWE चैंपियन एवं रैसलमेनिया के लिए 10,000 पायरो एफेक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इसे पूरी तरह से एक्सपर्ट की निगरानी के अंडर होती है। इसके अलावा अलावा अगर किसी को इस ड्रीम जॉब के लिए एप्लाई करना है, तो उन्हें हाईली क्वालीफाइड होना चाहिए।
इस साल का रैसलमेनिया वैसे भी काफी खास होने वाला है और ऊपर से अगर इसमें आतिशबाजी भी देखने को मिलेगी, तो मेनिया को चार चांद लगना तय है। आपको याद ही होगा जब बतिस्ता एंट्री करते थे, तो किस तरह से आतिशबाजी देखने को मिला करती थी।
जुलाई 2017 में डेव मैल्टजर ने ही बताया था कि WWE अपने खर्चों में कटौती करने के लिए पायरोटैक्निक्स बंद कर रही है। कंपनी को लगता है कि सुपरस्टार्स के लिए अब इसकी कुछ खास जरूरत नहीं है। WWE का बिजनेस एंगल को देखते हुए ये फैसला भले ही सही लगता हो, लेकिन फैंस के नजरिए से देखें तो बिना पायरोटैक्निक्स के कई सुपरस्टार्स की रिंग एंट्री रूखी सी हो गई है।