आपमें से बहुत सारे फैंस को लगता होगा कि WWE भी बाकी प्राइवेट कंपनियों की तरह काम करती है। जिसमें काम करने वाले रैसलर पर्मानेंट एम्पलॉय होते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, WWE रैसलर कंपनी के पर्मानेंट एम्पलॉय नहीं होते। सभी रैसलर कंपनी के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं।
रैसलर खुद से ही इवेंट में आने-जाने, ठहरने और खाने-पीने, कॉस्ट्यूम का इंतजाम करते हैं। विदेशी दौरे के लिए रैसलरों के इंतजाम WWE द्वारा किए जाते हैं।
आइए जानने की कोशिश करते हैं कि WWE रैसलरों के कॉन्टैक्ट में क्या-क्या चीज़ें लिखी होती हैं।
बुकिंग
कॉन्ट्रैक्ट में बुकिंग का मतलब होता है कि WWE उस रैसलरों को किसी भी इवेंट और शो के लिए कभी भी बुक कर सकती है। फिर चाहे उस दिन रैसलर का बर्थडे हो या कोई भी जरूरी काम। हालांकि WWE अपनी तरफ से उसे छुट्टी दे सकती है।
वर्क
WWE करार किए गए रैसलर के साथ फिल्म या फोटोशूट कर सकती है।
इंटेलेक्च्युअल प्रोपर्टी
किसी भी रैसलर के नाम, कॉस्ट्यूम जैसी चीज़ें कॉन्ट्रैक्ट में शामिल होती हैं। उदाहरण के तौर पर एजे स्टाइल्स अपना यही नाम और अपनी कॉस्ट्यूम सालों से यूज़ कर रहे हैं। ऐसे में WWE एजे स्टाइल्स को उनका नाम इस्तेमाल करने के एक्स्ट्रा पैसे देती है। यही समोआ जो के साथ भी है क्योंकि वो TNA में भी इसी नाम का इस्तेमाल करती है।
एक्सक्लूज़िविटी
कॉन्ट्रैक्ट के इस क्लोज़ में WWE के पास ही उस रैसलरों से जुड़े कुछ अधिकार होते हैं। रैसलर उन्हीं चीज़ों के राइट्स किसी दूसरी कंपनी को नहीं दे सकते।
टर्म
टर्म में होता है कि WWE ने किसी रैसलर के साथ कितने साल का करार किया है। ये कॉन्ट्रैक्ट 1 से लेकर 10 साल तक के हो सकते हैं।
पेमेंट और रॉयल्टी
WWE रैसलरों को अच्छी-खासी सैलरी मिलती है। रैसलरों का सालाना कॉन्ट्रैक्ट होता है और इसके अलावा उन्हें बोनस भी मिलता है। कंपनी के बड़े रैसलरों जैसे जॉन सीना, रोमन रेंस, लैसनर को पीपीवी मैचों के लिए एक्स्ट्रा पैसे मिलते हैं। मर्चेंडाइज़ सेल का एक हिस्सा भी रैसलरों को दिया जाता है।
प्रमोटर्स के लिए ड्यूटी
WWE रैसलरों को उनके स्पॉन्सर और प्रमोटर के लिए भी कुछ ऐड या दूसरे काम करने पड़ते हैं। मैच लड़ने के अलावा भी WWE रैसलरों से कई तरह के काम करवाती है।
वॉरंटी और समय से पहले टर्मिनेशन
WWE कॉन्ट्रैक्ट में लिखा होता है कि अगर कोई रैसलर अपने तय कॉन्ट्रैक्ट से पहले जाए या फिर WWE उसे निकाले तो उसे हर्जाने में रूप में कितना पैसा लेना या देना होगा।
ब्रीच/उल्लंघन
इस क्लोज़ में होता है कि क्या नियम तोड़ने पर रैसलर के विरूद्ध कार्रवाई की जा सकती है और उस कार्रवाई की क्या सीमा होगी।