तीरंदाजी विश्व कप : ज्योति सुरेखा ने एकल में जीता गोल्ड, मिक्स्ड डबल्स में ओजस के साथ दिलाया सोना

कम्पाउंड महिला एकल का गोल्ड जीतने के बाद अपने बो (धनुष) को उठाती ज्योति सुरेखा।
कम्पाउंड महिला एकल का गोल्ड जीतने के बाद अपने बो (धनुष) को उठाती ज्योति सुरेखा

भारत की युवा तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेन्नम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 1 में एक ही दिन में दो गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिए। तुर्की के अंताल्या में हो रही स्टेज फर्स्ट में ज्योति ने कम्पाउंड वर्ग के महिला सिंगल्स फाइनल में कोलंबिया की सारा लोपेज को मात देकर सोना जीता और इसके बाद मिक्स्ड डबल्स स्पर्धा में भारत के ओजस देओतले के साथ खेलते हुए चीनी ताइपे की जोड़ी को हराया।

कम्पाउंड में महिला एकल के क्वालिफिकेशन के दौर में ज्योति ने 713 अंक कमाते हुए विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी। नॉकआउट के पहले दौर में ज्योति ने स्विट्जरलैंड की मीरियम हासलर को 145-137 के स्कोर से हराया। दूसरे दौर में ज्योति ने अमेरिका की डेनेल लुत्ज को मात दी तो तीसरे दौर में मेक्सिको की आना सोफिया को हराया।

क्वार्टरफाइनल में नॉर्वे की तान्या जेलेन्थियेन को हराते हुए ज्योति सेमीफाइनल में पहुंची जहां कड़े मुकाबले में उन्होंने ब्रिटेन की एला गिब्सन को 148-146 से मात दी। इसके बाद खिताबी मुकाबले में कोलंबिया की सारा लोपेज को ज्योति ने 149-146 से हराकर गोल्ड अपने नाम किया। खास बात यह है कि फाइनल में जिस सारा लोपेज को ज्योति ने मात दी, उन्हीं के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी ज्योति ने क्वालिफिकेशन में की थी।

इससे पहले ज्योति ने कम्पाउंड मिक्स्ड टीम फाइनल में ओजस देओतले के साथ फाइनल खेला। यहां ओजस और ज्योति की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने चीनी ताइपे की चेन यी और चेन चिएन की 12वीं सीड जोड़ी को 159-154 के अंतर से मात देकर गोल्ड हासिल किया। भारतीय जोड़ी ने कुल 160 में से 159 अंक कमाए और पूरे अंक कमाने में महज एक प्वाइंट की कमी रह गई जिस कारण वह विश्व रिकॉर्ड की बराबरी नहीं कर पाए। खास बात यह है कि तीरंदाजी विश्व कप स्टेज के कम्पाउंड मिक्स्ड डबल्स इवेंट में यह भारत का दूसरा गोल्ड है। ज्योति ने पिछले साल पेरिस में अभिषेक वर्मा के साथ मिलकर इसी स्पर्धा का गोल्ड जीता था। भारतीय पुरुष रिकर्व टीम रविवार को चीन के खिलाफ फाइनल खेलेगी जबकि बी धीरज रिकर्व पुरुष की एकल स्पर्धा के सेमीफाइनल में उतरेंगे।

Edited by Prashant Kumar