भारत ने शानदार अंदाज में हांगझाओ एशियन गेम्स की तीरंदाजी स्पर्धा में अपना अभियान समाप्त किया है। भारत ने स्पर्धा के आखिरी दिन दो गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल हासिल कर तीरंदाजी से मिले कुल पदकों की संख्या 9 कर दी। पुरुष एकल में हुए 'ऑल इंडियन फाइनल' में भारत के ओजस देओतले ने भारत के ही अभिषेक वर्मा को हराया। वहीं ज्योति सुरेखा ने महिला एकल में स्वर्ण पदक हासिल किया। अदिति गोपीचंद ने महिला एकल में ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मुकाबले में जीत हासिल की।
पुरुष सिंगल्स के फाइनल में अभिषेक और ओजस के बीच काफी कड़ा मुकाबला चला। यहां ओजस ने 149-147 के अंतर से अभिषेक को मात दी।
अभिषेक ने 15 निशानों में से 13 बार 10 का स्कोर लगाया जबकि ओजस ने 14 बार 10 पर निशाना लगाया और गोल्ड जीतने में कामयाब हुए। पहली बार किसी तीरंदाजी फाइनल में दोनों खिलाड़ी भारतीय थे। अभिषेक वर्मा ने 2014 के एशियाड में भी इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था।
महिला एकल के फाइनल में भारत की ज्योति सुरेखा ने दक्षिण कोरिया की चेवोन सो को 149-145 के अंतर से मात दी। इस स्पर्धा में पहली बार भारत को गोल्ड मेडल मिला है। साल 2014 में त्रिशा देब ने महिला एकल में कांंस्य पदक जीता था। वहीं अदिति गोपीचंद ने ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मैच में इंडोनिशिया की रातिह जिलिजाती को 146-145 से हराने में कामयाबी हासिल की।
तीरंदाजी में कोरिया को पछाड़ा
भारत ने पहली बार एशियन गेम्स में तीरंदाजी की स्पर्धा में सर्वश्रेष्ठ देश का खिताब हासिल किया है। इस बार भारत ने 5 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज समेत कुल 9 मेडल जीते जबकि दक्षिण कोरिया को 4 गोल्ड , 4 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज प्राप्त हुए। भारत ने पिछले 8 बार से तीरंदाजी में बादशाहत रखने वाली दक्षिण कोरिया से अधिक गोल्ड मेडल इस बार जीत इतिहास रच दिया है।