कई हफ्तों की मश्क्कत के बाद आखिरकार भारत के लॉन्ग जम्प खिलाड़ी जेस्विन ऑल्ड्रिन का नाम विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए चुन लिया गया है। AFI यानी एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने दो बार जेस्विन का विशेष ट्रायल कराने के बाद ये फैसला लिया है। विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन अमेरिका के ओरेगोन में 15 जुलाई से 24 जुलाई के बीच होना है।
20 साल के ऑल्ड्रिन ने इसी साल अप्रैल में 8.27 मीटर की छलांग लगाई थी, लेकिन इसके बाद लगातार उनका प्रदर्शन गिरता रहा और वो कॉमनवेल्थ खेलों के लिए हुए आखिरी ट्रायल में छठे नंबर पर रहे थे। ऐसे में उन्हे कॉमनवेल्थ खेलों और बाद में विश्व चैंपियनशिप की टीम से भी बाहर कर दिया गया था और विश्व चैंपियनशिप के लिए भारत से मुहम्मद याहया और एम श्रीशंकर का नाम फाइनल किया गया। इसके बाद ऑल्ड्रिन ने AFI से गुजारिश की थी कि उनका पहले का प्रदर्शन भी ध्यान में रखा जाए क्योंकि विश्व चैंपियनशिप का मानक 8.22 मीटर है और ऑल्ड्रिन अप्रैल में ही इस मानक से बेहतर प्रदर्शन करते हुए क्वालीफाई कर चुके थे।
AFI ने ऑल्ड्रिन को मौका दिया लेकिन शर्त रखी कि वो 8.10 मीटर के आसपास की कूद लगाएं। ऑल्ड्रिन ने 4 जुलाई को हुए ट्रायल में 7.99 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन AFI नहीं माना। 8 जुलाई को उन्हें फिर ट्रायल के लिए कहा गया। ऐसे में ऑल्ड्रिन ने 7.93 मीटर की बेस्ट कूद लगाई। अब AFI ने ऑल्ड्रिन का नाम क्लीयर कर दिया है। हालांकि खेल विशेषज्ञों को ये समझ नहीं आ रहा कि जब ऑल्ड्रिन का नाम फाइनल करना ही था तो पहले ही विश्व चैंपियनशिप के लिए नाम क्यों नहीं चुना गया।
हर दो साल में आयोजित होनी वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इस बार भारत की ओर से 22 सदस्यीय दल जा रहा है। टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा दल की अगुवाई करेंगे।