भारत को 19वें एशियन गेम्स में एथलेटिक्स ने चार और पदक दिला दिए हैं। भारत को सोमवार के दिन तीन सिल्वर और एक ब्रॉन्ज एथलेटिक्स ईवेंट्स से प्राप्त हुए। महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज में भारत की पारुल चौधरी को सिल्वर तो प्रीति को ब्रॉन्ज हासिल हुआ। पारुल ने 9 मिनट 27 सेकेंड में रेस पूरी की जबकि प्रीति का समय 9 मिनट 43 सेकेंड का रहा। बहरीन को इस स्पर्धा का गोल्ड प्राप्त हुआ।
वहीं महिलाओं की लॉन्ग जम्प में भारत की ऐंसी सोजन ने 6.63 मीटर की दूरी के साथ सिल्वर मेडल जीता। पहले स्थान पर रहीं चीन की शिकि जियोंग ने 6.73 मीटर की छलांग लगाई। तीसरा स्थान हॉन्ग कॉन्ग को मिला। खास बात यह है कि तीनों पदक विजेताओं का यह पर्सनल बेस्ट प्रदर्शन रहा। इसी स्पर्धा में भारत की शैली सिंह पांचवें नंबर पर रहीं।
4 गुणा 400 मीटर मिक्स्ड रीले में भारतीय टीम ने सिल्वर मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की। मुहम्मद अजमल, राजेश रमेश, विद्या रामराज और शुभा वेंकटेशन की टीम ने 3 मिनट 14 सेकेंड 34 मिलिसेकेंड में दौड़ पूरी की। रीले टीम दौड़ पूरी होने के बाद बहरीन और श्रीलंका के बाद तीसरे स्थान पर थी लेकिन श्रीलंकाई दल को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया जिस कारण भारत को दूसरा स्थान मिला। कजाकिस्तान ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। 2018 के जकार्ता एशियन गेम्स में भी भारत को इस स्पर्धा में सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ था।
पुरुष 200 मीटर दौड़ के फाइनल में भारत के अमलन बोर्गोहिन छठे स्थान पर रहे। अमलन ने 20.98 सेकेंड में दौड़ पूरी की जबकि पहले स्थान पर रहे जापान के कोकि यूएइयामा का समय 20.60 सेकेंड रहा। दूसरा स्थान सऊदी अरब को मिला जबकि चीनी ताइपे ने तीसरा स्थान हासिल किया।
तेजस्विन ला सकते हैं गोल्ड
भारत के हाई जम्प एथलीट तेजस्विन शंकर पुरुष डेकाथलॉन में पदक के काफी करीब पहुंच गए हैं। डेकाथलॉन में कुल 10 स्पर्धाएं होती हैं और खिलाड़ी सभी का हिस्सा होते हैं। तेजस्विन अभी तक हुई पांच स्पर्धाओं के बाद 4260 अंक लेकर पहले स्थान पर चल रहे हैं। तेजस्विन ने सोमवार को 100 मीटर दौड़ में चौथा स्थान पाया, लॉन्ग जम्प में वह पहले स्थान पर रहे जबकि शॉट पुट में पांचवें नंबर पर रहे। हाई जम्प में बड़े अंतर के साथ तेजस्विन पहले नंबर पर रहे 400 मीटर की दौड़ में भी वह टॉप पर रहे।
मंगलवार के दिन 110 मीटर बाधा दौड़, डिस्कस थ्रो, पोल वॉल्ट, जैवलिन थ्रो के बाद आखिर में 1500 मीटर की दौड़ होगी। तेजस्विन शंकर के पास फिलहाल अच्छी बढ़त है और वह इस स्पर्धा में 49 साल के बाद गोल्ड मेडल दिला सकते हैं।