एथलेटिक्स फ़ील्ड खेल की जानकारी: इतिहास, नियम और ओलंपिक में कौन-कौन से इवेंट होते हैं

Irshad
Athletics - Commonwealth Games Day 10

एथलेटिक्ट ओलंपिक में सबसे बड़ा एकल खेल है, जिसे ट्रैक, फ़ील्ड और रोड में विभाजित किया जाता है। अपने प्रतिद्वंदी से तेज़ दौड़ना एक साधारण बात है, लेकिन एक एथलीट को हर विभाग में सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए तब उसे मिलता है स्वर्ण पदक।

टोक्यो 2020 ओलंपिक में ट्रैक एंड फ़ील्ड इवेंट की प्रतिस्पर्धा ओलंपिक स्टेडियम में आयोजित होगी। ट्रैक के अंदर और आस पास ही फ़ील्ड इवेंट के लिए जगह होगी – जहां हाई जंप और पोल वॉल्ट लैंडिंग इलाका, लॉन्ग जम्प और ट्रिपल जम्प पिट्स, डिस्कस थ्रो, हैमर थ्रो और शॉट पुट सर्किल होगी, इसी स्थान पर जेवलिन थ्रो के लिए रनवे भी होगा।

ट्रैक इवेंट्स की तरह फ़ील्ड इवेंट में एथलीट एक साथ खेलते हुए नज़र नहीं आएंगे। हर प्रतिभागी अपने इवेंट के हिसाब से आएगा, लंबाई या दूरी के मुताबिक़ एथलीट की श्रेणी तय की जाएगी। फ़ील्ड इवेंट की शुरुआत क्वालिफ़िकेशन राउंड से होगी, जहां से एथलीट फ़ाइनल के लिए क्वालिफ़ाई करेंगे।

लंदन 1908 में जेवलिन थ्रो को शामिल किया गया था और तब से आज तक पुरुष प्रोग्राम में कोई भी बदलाव नहीं हुए हैं। अटलांटा 1996 में महिलाओं के ट्रिपल जम्प, और सिडनी 2000 में पोल वॉल्ट और हैमर थ्रो को शामिल कर लेने के बाद अब पुरुष और महिला दोनों ही इवेंट एक समान हो गए हैं।

ओलंपिक प्रतिस्पर्धा में इवेंट

हाई जम्प (पुरुष/महिला)

पोल वॉल्ट (पुरुष/महिला)

लॉन्ग जम्प (पुरुष/महिला)

ट्रिपल जम्प (पुरुष/महिला)

शॉट पुट (पुरुष/महिला)

डिस्कस थ्रो (पुरुष/महिला)

हैमर थ्रो (पुरुष/महिला)

जेवलिन थ्रो (पुरुष/महिला)

जम्पिंग इवेंट्स

हाई जम्प में, एथलीट को एक बार को साफ़ तरीक़े से पार करना होता है, जो पुरुषों के लिए 2.4 मीटर ऊंचा और महिलाओं के लिए 2 मीटर ऊंचा होता है। पहले कई तरह के जम्प एथलिटों ने किया है लेकिन ज़्यादातर प्रतिस्पर्धी ‘फॉसबरी फ़्लॉप’ तकनीक पर भरोसा रखते हैं, इसमें एथलीट बार हेड को पहले क्लीयर करता है, इस तकनीक को पहली बार मेक्सिको 1968 में अमेरिका के डिक फ़ॉसबरी ने इस्तेमाल किया था और उन्हें स्वर्ण पदक भी हासिल हुआ था। एथलीट अगर लगातार तीन असफल जम्प करते हैं, तो उन्हें बाहर कर दिया जाता है।

टोक्यो 1964 गेम्स में पहली बार ग्लास फ़ाइबर पोल का इस्तेमाल हुआ था और इसके बाद से पोल वॉल्ट के प्रदर्शन में भी बेहतरीन बदलाव देखे गए। इससे पहले के गेम्स में लकड़ियों के पोलों का प्रयोग किया जाता था। अब तो प्रतिभागी और भी नए नए तरह के पोल का इस्तेमाल करते हैं जिनमें ग्लास फ़ाइबर के साथ साथ कार्बन फ़ाइबर भी शामिल हैं, इससे उन्हें मनचाहे डिग्री पर लचीला और मज़बूत प्रदर्शन करने में मदद मिलती है। यहां भी लगातार तीन असफल वॉल्ट होने का मतलब है कि आगे का सफ़र ख़त्म।

लॉन्ग जम्पर्स और ट्रिपल जम्पर्स दोनों को ही छलांग लगाने की शुरुआत के समय बारीकी से ध्यान रखना पड़ता है, ताकि वह अपनी छलांग को ऊंची से ऊंची कर सकें बिना किसी फ़ाउल के। रन अप के दौरान गति और नियंत्रण के साथ दौड़ना इन दोनों ही इवेंट की सफलता की सबसे अहम कुंजी मानी जाती है।

पारंपरिक तौर पर यूएसए का लॉन्ग जम्प में दबदबा रहा है, और इसने कई दिग्गज सितारे भी दिए हैं जिनमें कार्ल लुईस का नाम सबसे ऊपर आता है, जिन्होंने लॉस एंजेल्स 1984 से अटलांटा 1996 तक लगातार चार स्वर्ण पदक हासिल किए थे।

यूएसए के ही जेफ़ हेंडरसन ने भी रियो 2016 के पुरुष लॉन्ग जम्प इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया था, हालांकि उनकी ये जीत सिर्फ़ एक सेंटीमीटर के अंतर से हुई थी, उन्होंने 8.38 मीटर की लीप लगाई थी। जबकि रियो 2016 में महिला ट्रिपल जम्प इवेंट का गोल्ड मेडल कैटेरीन ल्बार्गुएन के नाम रहा था, जो कोलंबिया के लिए एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक था।

थ्रोइंग इवेंट्स

शॉट पुट में एथलीट को एक हाथ से धातु के गोले को जितनी दूर मुमकिन हो फेंकना होता है, इसमें पुरुषों के लिए धातु का वज़न 7.26 किग्रा होता है जबकि महिलाओं के लिए इसका वज़न 4 किग्रा रहता है। आमूमन पुरुषों के लिए फेंकने की दूरी 20 मीटर से अधिक आम है। न्यूजीलैंड की वैलेरी एडम्स ने बीजिंग 2008 और लंदन 2012 में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन मिशेल कार्टर (यूएसए) से पीछे रहते हुए रियो 2016 में उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा था। मिशेल को ये जीत उनके 6 थ्रो में से आख़िरी थ्रो में हासिल हुई थी।

डिस्कस थ्रो में एथलीटों को 2.5 मीटर के व्यास के साथ एक सर्कल में चारों ओर घूमने की आवश्यकता होती है और परिणामस्वरूप घूर्णी ऊर्जा का उपयोग करके डिस्क को 2 किलोग्राम (पुरुष) या 1 किलोग्राम (महिला) फेंकना होता है। हैमर थ्रो में इस्तेमाल किया जाने वाला घेरा डिस्कस थ्रो से थोड़ा कम यानी 2.135 मीटर का होता है, जिसमें एथलीट एक धातु की गेंद को तार से पकड़कर उछालते हैं। हैमर का कुल वजन शॉट पुट में इस्तेमाल की जाने वाली गेंद के समान होता है, लेकिन इस बार दूरी 80 मीटर तक पहुंच जाती है।

जेवलिन थ्रो एकमात्र ऐसा थ्रोइंग इवेंट है जो शुरू होने के बाद से लगातार चलता आ रहा है। जो एथलेटिक्स कार्यक्रम की सबसे शानदार इवेंट में से एक है। इसमें आमूमन पुरुषों के 800 ग्राम भारी जेवलिन थ्रो से 90 मीटर की दूरी हासिल की जाती है और महिलाओं के 600 ग्राम भारी जेवलिन थ्रो से 70 मीटर की दूरी हासिल होती है। इस इवेंट में फिनलैंड की एक लंबी परंपरा है, जहां उनके नाम जेवलिन में 22 पुरुष पदक हैं- जो किसी भी अन्य राष्ट्र की तुलना में तीन गुना अधिक है।

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