2018 के एशियाई खेलों में भारत की तरफ से हेप्टाथलन में स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वप्ना बर्मन ने 2020 टोक्यो ओलंपिक्स को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पिछले कुछ समय से चोटिल होने के कारण स्वप्ना के लिए 2019 उतना ख़ास नहीं रहा, लेकिन अब वापसी के बाद उनकी निगाहें 2020 टोक्यो ओलंपिक्स पर है। गौरतलब है कि 2019 में ही स्वप्ना को उनकी उपलब्धियों के लिए अर्जुन अवॉर्ड से नवाज़ा गया है।
स्वप्ना ने ओलंपिक्स क्वालिफिकेशन को लेकर कहा," मैं इस समय रिहैब में हूँ और अभी भी 100% फिट नहीं हूँ। हालाँकि मैं फिर भी लगातार प्रैक्टिस कर रही और अगले साल के ओलंपिक्स में क्वालीफाई करने के लिए मैं पूरी कोशिश करूंगी। हालाँकि यह इतना आसान नहीं है लेकिन अगर मेरा लक अच्छा रहा तो मैं जरूर क्वालीफाई कर लूँगी।"

उन्होंने अपनी चोट को लेकर भी प्रतिक्रिया दी और साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने सर्जरी क्यों नहीं करवाई। स्वप्ना ने कहा," मेरे डॉक्टर ने बताया कि चोट उतनी ज्यादा गंभीर नहीं है और लगातार रिहैब से यह ठीक हो जाएगी। हाँ यह अलग बात है कि मैं 100% फिट नहीं हो सकूंगी, लेकिन रिहैब की वजह से प्रैक्टिस के दौरान मुझे दर्द कम होगा।"
स्वप्ना ने इसके अलावा बताया कि फिलहाल उनका ज्यादा ध्यान रिहैब पर है और ट्रेनिंग पर वह उतना ज्यादा ज़ोर नहीं दे रही हैं। वह अभी अपने फिटनेस पर ध्यान देते हुए हेप्टाथलन के तकनीकी इवेंट जैसे जैवलिन थ्रो और शॉट पुट की तकनीक में भी सुधार कर रही हैं। रिहैब के दौरान स्वप्ना अपने पैरों और कमर के ऊपर ज्यादा ध्यान दे रही हैं और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि फिट होने के बाद भी वह अपना रिहैब जारी रखेंगी।
स्वप्ना ने यह भी बताया कि वह एक बार पूरी तरह से फिट हो जाएंगी तो अगले सीजन में लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं में हिस्सा लेंगी ताकि उनकी IAAF (इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ़ एथलेटिक्स फेडरेशन) रैंकिंग सही रहे और उन्हें क्वालीफाई करने में इससे मदद मिले। फिलहाल उनकी वर्ल्ड रैंकिंग 22 है।
स्वप्ना बर्मन को TOPS (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) से भी बाहर कर दिया गया है, लेकिन उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। स्वप्ना ने कहा कि यह मेरा निर्णय नहीं है, इसलिए मैं इस पर कुछ भी बयान नहीं दे सकती।
स्वप्ना ने इसके अलावा अपने नए जूतों के बारे में बताते हुए कहा," इससे मुझे ज्यादा दर्द का एहसास नहीं होता। पहले मुझे प्रैक्टिस के दौरान दर्द का सबसे ज्यादा डर रहता था, लेकिन नए जूतों के कारण अब इस बात का डर खत्म हो गया है। मुझे पहले लगता था कि मुझे हमेशा दर्द के साथ ही खेलना होगा, लेकिन Adidas के इन नए जूतों के कारण काफी कुछ बदल गया है। अगर प्रतियोगिता की बात करें तो मैंने एशियाई चैंपियनशिप के दौरान इसे पहना था और यह काफी आरामदायक है।

2017 एशियाई चैंपियनशिप और 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वप्ना इस साल अपना प्रदर्शन दोहरा नहीं सकी थी और अप्रैल में दोहा में हुए एशियाई चैंपियनशिप में वह स्वर्ण जीतने से चूक गई थी और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। हालाँकि हमें पूरी उम्मीद है कि स्वप्ना फिट होकर अपना बेहतरीन प्रदर्शन फिर से दोहराएंगी और टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहेंगी।
नोट: हेप्टाथलन की अगर बात की जाए तो इसमें एथलेटिक्स के सात अलग-अलग इवेंट होते हैं, जिसमें 100 मी हर्डल्स, 200 मी, 800 मी, लॉन्ग जम्प, हाई जम्प, जैवलिन थ्रो और शॉट पुट शामिल है। पहले दिन 100 मी हर्डल्स, हाई जम्प, शॉट पुट और 200 मी रेस का आयोजन किया जाता है, वहीं दूसरे दिन लॉन्ग जम्प, जैवलिन थ्रो और 800 मी रेस का आयोजन होता है।

स्वप्ना बर्मन दिल्ली में ADIDAS के एक इवेंट में हिस्सा लेने आई थी जहाँ VRCT जैकेट लॉन्च के लिए उन्हें बुलाया गया था। इस इवेंट के दौरान उनके अलावा स्कवॉश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल, बॉक्सर सिमरनजीत कौर और ADIDAS के सीनियर मार्केटिंग डायरेक्टर मनीष साप्रा भी मौजूद थे।
वीआरसीटी जैकेट के लांच पर स्वप्ना, दीपिका और सिमरनजीत पैनल डिस्कशन में महत्वपूर्ण भूमिका में दिखीं। उन्होंने न केवल एथलीट के रूप में अपने सफर के बारे में बताया बल्कि खुद के प्रति इमानदर होने पर जोर दिया जिसका उनकी सफलता में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्वप्ना ने कहा कि मैं एडिडास के साथ कम्पनी के वीआरसीटी जैकेट पर काम कर बेहद खुश हूं क्योंकि यह मेरे अधूरेपन को स्वीकार करने और उस पर नाज करने का अवसर देता है।