भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अजय जयराम को शुक्रवार को सरकार के शीर्ष अधिकारियों और बैडमिंटन जगत से मदद मिली जब उन्हें लंदन के लिए फ्लाइट में बैठने से रोक दिया गया था। अजय जयराम को डेनमार्क ओपन में हिस्सा लेना है। पूर्व विश्व नंबर-13 अजय जयराम को बेंगलुरु-लंदन ब्रिटिश एयरवेज फ्लाइट में शुक्रवार को बैठने से इंकार किया गया क्योंकि उनके पास यूके का वीजा नहीं था। 33 साल के अजय जयराम ने एयर फ्रांस में अब टिकट बुक कर लिया है।
अजय जयराम ने पीटीआई से बातचीत में कहा, 'मैंने पहले ब्रिटिश एयरवेज में फ्लाइट बुक की थी क्योंकि आखिरी रात को बेंगलुरु से फ्रांस की फ्लाइट नहीं थी। शेष टीम दिल्ली से रवाना हुई क्योंकि उन्हें पासपोर्ट लेना था। मगर मुझे फ्लाइट बोर्ड करने की अनुमति नहीं मिली क्योंकि यह यूके के लिए विशेष एयर-बबल फ्लाइट थी और मेरे पास यूके का वीजा नहीं था।' यूके में कोविड-19 मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है, तो लंदन में क्वारंटीन होना जरूरी है।
अजय जयराम के काम आया ट्विटर
अजय जयराम के अलावा लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत और शुभांकर डे गुरुवार रात नई दिल्ली से डेनमार्क के लिए रवाना हुए। अजय जयराम ने कहा, 'मैंने अब एयर फ्रांस में फ्लाइट बुक की है। मैंने एयरलाइंस से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई संवाद नहीं हो पाया। मेरे पास टाइप सी वीजा, कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट और डानिश सलाहकार का ई-मेल सहित सभी दस्तावेज हैं। मुझे उम्मीद है कि वहां कुछ और नहीं होगा।'
इससे पहले अजय जयराम के ट्विटर काफी काम आया। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और विश्व बैडमिंटन संघ, भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन, खेल मंत्री किरेन रीजीजू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया।
बता दें कि डेनमार्क ओपन के जरिये अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन की वापसी हो रही है। कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च से बैडमिंटन गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। डेनमार्क ओपन ओडेंसे में 13-18 अक्टूबर तक खेला जाएगा।
याद हो कि साइना नेहवाल और उनके पति पारुपल्ली कश्यप ने आगामी डेनमार्क ओपन से अपना नाम वापस ले लिया है। साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप ने कहा कि वह जनवरी से एक के बाद एक होने वाले तीन टूर्नामेंट में हिस्सा लेना चाहेंगे और इसी से अपने नए सीजन की शुरूआत करना चाहेंगे। पहले एशिया चरण होने वाला था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे स्थगित किया गया। इसके बाद साइना और उनके पति ने डेनमार्क ओपन से अपना नाम वापस लेने की ठानी।