मानसी जोशी, ये वो नाम है जो इस वक्त किसी परिचय का मोहताज नहीं है। मानसी जोशी ने पिछले साल स्विट्ज़रलैंड के बासेल में खेले गए पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। ऐसे वक्त में जब कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है तो मानसी जोशी अपने घर पर ही कड़ी ट्रेनिंग के जरिए खुद को फिट रख रही हैं।
स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ खास बातचीत में उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक और अपनी फिटनेस समेत कई मुद्दों पर बातचीत की।
1.कोरोना वायरस के कारण अभी आप घर पर हैं तो किस तरह खुद को फिट रख रही हैं ?
मानसी जोशी : मैं अपने स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच से रोज बात करती रहती हूं। वो मुझे शेड्यूल भेजती रहती हैं कि क्या-क्या करना है। वो सारे शेड्यूल भेजती हैं और उसके हिसाब से ही मैं वर्कआउट करती हूं। वॉल प्रैक्टिस भी मैं कर रही हूं, और अपने आप को बिजी रखने की कोशिश करती हूं।
2. टोक्यो पैरालंपिक एक साल के लिए आगे पोस्टपोन हो गया है, तो इसका कितना प्रभाव पड़ेगा ?
मानसी जोशी : इसका काफी ज्यादा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि हम लोग अपने आपको पुश करते रहते थे कि इतनी एनर्जी लगानी है, इतनी टाइम तक ये चीज करनी है। इसके पोस्टपोन होने से टाइम और बढ़ गया है, इसलिए मोटिवेशन लेवल पर उसका असर पड़ा है। अगर मैं इसे पॉजिटिव लूं तो मुझे तैयारी का और समय मिल गया है। चीन में मेरा प्रेस्थेसिस टूट गया था तो मैं अभी सेट नहीं हो पाई थी। अब मुझे पूरा समय मिल गया है कि वर्कआउट करके मैं सेटल हो सकती हूं। मुझे उम्मीद है कि BWF क्वालिफिकेशन के लिए और टूर्नामेंट करवाएगी ताकि बेस्ट प्लेयर ही आ सकें, अगर ऐसा नहीं हुआ तो मेरे लिए क्वालीफाई करना काफी कठिन हो जाएगा।
3. चीजें थोड़ी नॉर्मल होने पर क्या बैडमिंटन जैसे स्पोर्ट्स का आयोजन कराया जा सकता है, ताकि प्लेयर्स को तैयारी का मौका मिल सके।
मानसी जोशी : ट्रेनिंग बंद दरवाजे के पीछे हो सकती है और टूर्नामेंट का आयोजन भी कराया जा सकता है, इससे खिलाड़ी सुरक्षित रहेंगे, लेकिन बिना फैंस के टूर्नामेंट की उतनी अहमियत नहीं रह जाएगी। मार्केटिंग, स्पॉन्सरशिप सब चीजों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। फैंस को जितना मजा स्टेडियम में मैच देखकर आता है, उतना शायद टीवी पर नहीं आता है।
4. वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद देश को आपसे पैरालंपिक के लिए काफी उम्मीद हैं, इसे आप पॉजिटिव ले रही हैं या निगेटिव
मानसी जोशी : मैंने वर्ल्ड चैंपियनशिप सिंगल में जीता है और वो इवेंट पैरालंपिक में नहीं है। मैं मिक्स्ड डबल्स के लिए तैयारी कर रही हूं लेकिन डबल्स में वैसा प्रेशर नहीं है। अगर मेरा सिंगल का इवेंट पैरालंपिक में होता तो शायद मेरे ऊपर ज्यादा प्रेशर होता।
5. वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद आपके प्रोफेशनल लाइफ में कितना बदलाव आया।
मानसी जोशी : काफी बदलाव आया है। मेरे अचीवमेंट की वजह से काफी लोग मुझे अब पहचानने लगे हैं। टीवी शोज, मैगजीन्स कई जगह से मुझे ऑफर आए। कुल मिलाकर लोग अब मुझे ज्यादा पहचानने लगे हैं।