भारत की जूनियर मिक्स्ड बैडमिंटन टीम ने स्पेन में हो रही विश्व चैंपियनशिप में ग्रुप मुकाबलों में दूसरी जीत हासिल की है। भारत ने ग्रुप बी में ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से मात दी। टीम इंडिया ने ग्रुप में अपना पहला मैच आइसलैंड के खिलाफ आसानी से 5-0 से जीता था लेकिन चीन के खिलाफ दूसरे मुकाबले में टीम को 5-0 से हार मिली थी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की शुरुआत खराब रही। पहला मैच पुरुष डबल्स का था जहां अर्श मोहम्मद और अभिनव ठाकुर की जोड़ी को ओटो झाओ-रिकी टैंग ने 21-12, 21-17 से मात दी। लेकिन दूसरे मैच में उन्नति हूडा ने सिडनी गो को 21-6, 21-9 से आसानी से हरा दिया। तीसरा मैच पुरुष सिंगल्स का था, जहां ऑस्ट्रेलिया के जैक यू ने भारत के भरत राघव को 21-19, 16-21, 21-15 से मात दी।
इसके बाद भारत के लिए चौथा मैच जीतना जरूरी था। ईशारानी बरुआह और देविका सिहाग की जोड़ी ने महिला डबल्स के मैच में डानिया नुगरोहो-कैटरीना टैन को आसानी से 21-8, 21-8 से हराने में कामयाबी हासिल की। दोनों देशों के बीच टाई 2-2 से बराबरी पर थी। ऐसे में निर्णायक मैच में विग्नेश और श्रीनिधि की जोड़ी ने ओटो झाओ-युलिन झांग पर 21-12, 21-16 से जीत हासिल करते हुए मुकाबला 3-2 से भारत के पक्ष में कर दिया। इस जीत के साथ फिलहाल भारत ग्रुप बी में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। भारतीय टीम 19 अक्टूबर को स्लोवानिया का सामना करेगी।
स्पेन के सांतानदेर में हो रही विश्व चैंपियनशिप के मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत समेत कुल 38 देश हिस्सा ले रहे हैं। इन देशों को कुल 8 ग्रुप में बांटा गया है। 6 ग्रुप में 5-5 टीमें हैं जबकि 2 ग्रुपों में 4-4 टीमें रखी गई हैं। हर ग्रुप से टॉप टीम क्वार्टरफाइनल में पहुंचेगी, जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाली टीमें 9वें से 16वें स्थान के नॉकआउट स्टेज में जाएंगी।
भारत के ग्रुप में 13 बार की डिफेंडिंग चैंपियन चीन की टीम है और ग्रुप बी से उसका ही नॉकआउट स्टेज में जाना तय माना जा रहा है। पिछली बार साल 2019 में भी ग्रुप स्टेज में भारतीय जूनियर टीम दूसरे नंबर पर रही थी। साल 2018 में भारतीय टीम को आसान ड्रॉ मिला था और तब टीम नॉकआउट स्टेज में पहुंचकर छठे स्थान पर रही थी।