भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियशिप अपने नाम कर ली है। मलेशिया में खेले गए फाइनल में भारतीय टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन कर थाईलैंड को 3-2 से मात दी और गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की।
इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहले कभी भी भारतीय महिला अथवा पुरुष टीम खिताबी मैच तक नहीं पहुंची थी, लेकिन भारतीय महिला टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
थाईलैंड के खिलाफ पहला मुकाबला सिंगल्स का था जहां दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधू ने थाईलैंड की सुपानिदा केटथोंग को आसानी से 21-12, 21-12 से मात दी। इसके बाद त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी ने डबल्स मैच में जोंगकोलफान-राविंडा प्रजोनजाई की जोड़ी को कड़े मैच में 21-16, 18-21, 21-16 से हारकर भारत को 2-0 से आगे कर दिया। हालांकि इसके बाद अश्मिता चालिहा अपना सिंगल्स मैच हार गईं और डबल्स के दूसरे मैच में प्रिया-श्रुति की जोड़ी को भी हार का सामना करना पड़ा जिस कारण स्कोर 2-2 से बराबर हो गया।
निर्णायक मैच में 17 वर्षीय अनमोल खरब ने एक बार फिर जलवा दिखाया और पोर्नपीचा चोईकिवांग को 21-14, 21-9 से हराते हुए भारत को पहली बार एशिया का सरताज बना दिया। अनमोल ने चीन के खिलाफ ग्रुप स्टेज और जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में भी निर्णायक मुकाबले अपने नाम कर भारतीय टीम को जीत दिलाई थीं।
खास बात यह है कि भारतीय महिला टीम ने पहली बार बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में कोई मेडल जीता है, इससे पहले साल 2016 और 2020 में भारतीय पुरुष टीम ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए थे। इस बार भारतीय पुरुष टीम पहले ही क्वार्टरफाइनल में हारकर बाहर हो चुकी थी।
भारतीय महिला टीम ने ग्रुप स्टेज में सबसे पहले टॉप सीड चीन की टीम को मात देकर बाहर कर दिया था और सभी को चौंका भी दिया था। इसके बाद हांगकांग को क्वार्टरफाइनल में एकतरफा अंदाज में 3-0 से मात देकर टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी। यहां टीम ने जापान को नजदीकी मुकाबले में 3-2 से हराकर फाइनल तक का रास्ता तय किया था।